जशपुर जिले के मनोरा विकासखंड के ग्राम कादोपानी निवासी विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा एतवा राम को जिला प्रशासन द्वारा वनअधिकार कापट्टा दिया गया है। पट्टा मिलने के बाद किसान ने अपने काबिज वन भूमि पर खेती बाड़ी करके साग-सब्जी का भी उत्पादन कर रहे है और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे है। पहले उनका मकान, मिट्टी के कच्चे मकान था। आज शासन की योजना का लाभ लेकर आर्थिक रूप से सम्पन्न होने के बाद पक्के मकान पर रहने लगे है। कलेक्टर श्री महादेव कावरे के मार्गदर्शन और डिप्टी कलेक्टर आदिमजाति विभाग सहायक आयुक्त आकांक्षा त्रिपाठी के दिशा निर्देश में लगभग जिले की 16 हजार 459 पात्र हितग्राहियों को व्यक्तिगत वनअधिकार पत्र से लाभांवित किया जा चुका है।
एतवाराम ने बताया कि उनका गांव जंगल के चारों ओर से घिरा हुआ है परिवार 5 पीढ़ी से निवास कर रहा है। प्रांरभ में इनका परिवार वन भूमि पर कोदो, कुटकी, मक्का, कृषि पर ही निर्भर रहते थे। जिला प्रशासन द्वारा वन भूमि का काबिज पट्टा मिलने के बाद किसान एतवा राम ने जिला प्रशासन को जमीन का समतलीकरण करने के लिए आवेदन लगाया है और उनके जमीन का मनरेगा के तहत् समतलीकरण कर दिया गया है। भूमि सुधार होने के पश्चात् एतावराम ने अपनी मेहनत और लगन से कृषि कार्य करने लगे। जिससे उनको फसल अच्छी मिलने लगी और लाभ प्राप्त होने लगा। उन्होंने बताया कि विकास प्राधिकरण मद से वर्ष 2019-20 में उनके खेत में तालाब निर्माण भी किया गया है जिससे उनको मछली पालन से अतिरिक्त आमदनी हो रही है और अपने परिवार का पालन पोषण बेहतर तरीके से कर रहे है। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन कर अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतित कर रहे है। उन्होंने बताया कि अपने दो बच्चे एक लकड़ा एक लडकी को अच्छी पढ़ाई कराए है अब वे शासकीय नौकरी कर रहे है।