मोर जमीन मोर मकान योजना गरीब परिवारों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है। शासन की इस महती योजना से लाभान्वित मनोरा विकासखंड के निवासी उदयराम अब खुद के पक्के मकान में रहकर सुकुन की नींद ले रहा है। दैनिक मजदूरी करने वाले 48 वर्षीय उदय राम नायक ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका खुद का पक्का मकान होगा। मोर जमीन, मोर मकान' योजना ने उनके अनदेखे के सपने को साकार किया है। उदयराम ने बताया कि उनके परिवार में 5 सदस्य है। उनके 3 बच्चे है जो पढ़ाई कर रहे है। जिनकी पढ़ाई की भी सारी जिम्मेदारी उन पर ही है। परिवार में अकेले कमाने वाले सदस्य होने के कारण उदय अपनी मजदूरी से होने वाली आमदनी से अपने परिवार का भरण-पोषण तो कर पाते है पर अपने परिवार को एक पक्की छत नहीं दे पा रहे थे। वे अपनी आमदनी से कुछ रूपए अपने घर बनाने के लिए बचाते थे। मेहनत मजदूरी से जीवन यापन करने वाला उसका परिवार पहले मिट्टी और खपरैल की छत वाले कच्चे घर में रहता था। कच्ची छत होने के कारण बरसात के समय उदयराम के परिवार को छत से पानी टपकना, सिलन जैसी काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ता था और प्रतिवर्ष मकान की मरम्मत में उसके बचत के पैसे खर्च हो जाते थे। आवास योजना की वजह से अब उनका सपना हकीकत बन गया है। कच्ची छत वाले मकान में रहने वाला उदयराम का परिवार अब सीमेंट की पक्की छत वाले मकान का हकदार बन गया है।
उदयराम ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में उनके आवास निर्माण स्वीकृत हुआ था। सरकार से आवास बनाने के लिए उन्हें 1.30 लाख एवं मनरेगा के तहत् मजदूरी भुगतान के लिए 16340 रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी। आवास स्वीकृति से लेकर आवास पूर्ण कराने में जनपद पंचायत मनोरा एवं ग्राम पंचायत की अहम भूमिका रही। किष्त जारी करने हेतु जियो टैगिंग एवं सामग्री भंडारण में आवास मित्र ने काफी सहायता प्रदान की एवं जिला प्रशासन की सार्थक प्रयास से निर्धारित समय पर राशि प्रदान किया गया जिससे उनका घर समय पर तैयार हो गया। आज उदयराम अपने पक्के मकान में खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे है। मकान के साथ ही उनके घर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत् शौचालय का भी निर्माण किया गया है। उदयराम ने केन्द्र एवं राज्य शासन के इस महती योजना के बारे में बताते हुए कहा कि हम जैसे गरीब परिवारों के लोगों के लिए यह योजना काफी सहारा बन कर आई है, जिसके कारण हमें पक्का मकान दिया गया है। आज उदयराम की जीवन की सारी चुनौतियां खत्म तो नहीं हुई लेकिन आवास योजना से उनके कच्चे जर्जर मकान की हर वर्ष मरम्मत की चुनौती खत्म हो गई है। जिससे उनका जीवन आसान हुआ है एवं उसके सपने को मूर्तरूप मिला। उन्होंने जिला प्रशासन के प्रति पक्का आवास का लाभ दिलाने के लिए अपना आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है।