छत्तीसगढ़

जशपुर : गोधन न्याय योजना कृषकों के लिए साबित हो रहा है वरदान

Nilmani Pal
28 May 2023 12:32 PM GMT
जशपुर : गोधन न्याय योजना कृषकों के लिए साबित हो रहा है वरदान
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जशपुर. छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना नाम के अनुरूप ही अब महिलाओं, किसानों, आमजनों के लिए हो गई है। ग्रामीण महिलाएं अब घरेलू कार्य के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी से अपनी सहभागिता बढ़ा रही हैं। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में संचालित आय मूलक गतिविधियों से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं और अब वे अपने परिवार की जिम्मेदारी तथा उनका भरण-पोषण कर अपने जीवन स्तर बढ़ाने में सक्षम हो रही हैं। गोधन योजना अंतर्गत महिलाएं स्वप्रेरित होकर वर्मी टांका निर्माण कर स्वालम्बन की ओर कदम बढ़ा रहे है।

यह सफलता की कहानी एक स्वावलंबी महिला सुशीला कुजूर पति मनोज कुजूर निवासी ग्राम मितघरा विकास खण्ड बगीचा जिला जशपुर की निवासी है। जो पूर्णतः गृहणी है। श्रीमती सुशीला कुजूर बताती है कि उनके पास कुल 4.600 है जमीन है जिसमें में धान, मक्का, कुटकी एवं उड़द तथा साग सब्जी की खेती करती है तथा वह शासन की विभिन्न योजना का लाभ लेकर तकनीकी ढंग से खेती करवाती है जिससे उन्हें अच्छा लाभ प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोधन न्याय योजनातर्गत निर्मित गौठान का अवलोकन किया जिसमें वर्मी टाका से वर्मी खाद तैयार किया जा रहा है जो कि बहुत अच्छे किस्म का है तथा मैं उससे प्रभावित होकर ए. के. सिंह वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी बगीचा से मार्ग दर्शन प्राप्त कर अपने घर में लीची के पेड़ के नीचे खाली पडी हुई जमीन पर वर्मी टांका का निर्माण करवायी और अपने पास उपलब्ध जैविक कचरा एवं गोवर से सभी टांको की भराई कराई। उन्ही टांको में केचुआ डाल कर वर्मी खाद का निर्माण की है तथा उसी खाद का उपयोग कर अभी ग्रीष्मकाल में 0.400 हेक्टेयर में पत्ता गोभी का फसल लगायी है। वर्मी खाद से उत्पन्न पत्ता गोभी बहुत अच्छी है तथा ग्रीष्मकाल में भी अच्छा उत्पादन होने की संभावना है। इस तरह से खाद निर्माण करने खाली पड़ी जमीन का उपयोग हुआ और अलग से छाया की व्यवस्था नही करना पड़ी। इसके अलावा 0.200 हेक्टेयर में डबरी निर्माण कराकर मछली पालन के साथ ही अपने घर में मुर्गी एवं बकरी पालन का कार्य कर रही है। अपनी कृषि कार्य में गांव की कई महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध करा रही हैं।

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