छत्तीसगढ़

जनता से रिश्ता की खबरों का बड़ा असर, सीएम की चिंता के बाद डीजीपी ने सभी एसपी को दिये निर्देश

Nilmani Pal
17 Sep 2021 4:51 AM GMT
जनता से रिश्ता की खबरों का बड़ा असर, सीएम की चिंता के बाद डीजीपी ने सभी एसपी को दिये निर्देश
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जनता से रिश्ता पिछले दो साल से लगातार गांजा व मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर खबरें प्रकाशित कर रहा है...

गांजा तस्करी रोकने बॉर्डर पर लगेंगे चेकपोस्ट

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। गांजा और दूसरे मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस एक बड़ी तैयारी कर रही है। खुलासा हुआ है कि आंध्र और ओडिशा से 600 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का गांजा यहां से पूरे देश में भेजा जाता है। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने ष्ठत्रक्क डीएम अवस्थी को पड़ोसी राज्यों से जुड़ी सीमाओं पर पुलिस चेकपोस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। जिसमें कैमरा और पर्याप्त संख्या में सशस्त्र बल की तैनाती के लिए भी कहा गया है। ष्ठत्रक्क ने भी बॉर्डर वाले जिलों के सभी स्क्क को निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सीमावर्ती राज्यों से अवैध गांजे के लाने ले जाने की सूचना अक्सर मिलती रहती है। इस तस्करी पर रोकथाम के लिए बाकी प्रदेशों से लगी सीमाओं पर चेकपोस्ट लगाना सुनिश्चित करें। ष्ठत्रक्क की ओर से कहा गया है, सीमावर्ती राज्यों से आने वाले रास्तों में चेकपोस्ट लगाकर पर्याप्त संख्या में सशस्त्र बल तैनात करते हुए अवैध गांजा, शराब एवं अन्य अवैध वस्तुओं की तस्करी पर तुरंत रोक लगाएं।

ओडिशा-आंध्र से देशभर में पहुंचता है नशे का सामान : पिछले कुछ समय में ओडिशा के गांजे की मांग बढ़ी और देश के करीब 17 राज्यों के गांजा तस्कर यहां गांजा लेने आने लगे। ओडिशा में पहले गांजे की खेती कोरापुट जिले के व्यापारीगुड़ा, आंध्र ओडि़शा बॉर्डर और मलकानगिरी में होती थी। बढ़ती मांग को देखते हुए अब ओडिशा के ही नवरंगपुर जिले में इसकी खेती की शुरूआत हुई है। इसके साथ ही कंधमाल, कालाहांडी, गंजाम, भवानीपट्नम, मुन्नीमुड़ा में भी खेती शुरू हो गई। आंध्रप्रदेश में बड़े स्तर पर खेती और तस्करी होती है।

बस्तर, महासमुंद और रायगढ़ से होकर गुजरता है तस्करों का नेटवर्क : सामने आया है कि राज्यों में जो गांजा सप्लाई होता है, उसका मुख्य रास्ता छत्तीसगढ़ के बस्तर, महासमुंद और रायगढ़ जिलों से होकर गुजरता है। यहीं के अलग-अलग रास्तों से तस्कर गांजे की खेप अलग-अलग राज्यों में लेकर जाते हैं। सबसे ज्यादा गांजा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दमन-दीव, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर में भेजा जाता है।

छत्तीसगढ़ को सुरक्षित कॉरिडोर मान रहे गांजा तस्कर : प्रदेश भर में गांजे की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना उड़ीसा के रास्तों से होकर महासमुंद जिले को पार करके गांजे की बड़ी खेप देश के दूसरे राज्यों में जाता है, पुलिस लगातार गांजे की बड़ी खेप को पकड़ रही है लेकिन उसके बाद भी रोजाना गांजे की तस्करी करने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। गांजे की तस्करी को रोकने में पुलिस अमला कुछ हद तक नाकम भी हो रहा है, वही छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद जिले के रास्तों से बहुत भारी मात्रा में गांजे की खेप रायपुर के रास्तों से होकर यूपी, बिहार जाती है। मगर जैसे-जैसे पुलिस ने चेकिंग पॉइंट बना दिए तब से गांजा तस्कर अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाने लगे है। शहर भर में गांजा पीने वालों की होड़ भी लगी है। नशे का व्यापार पूरे शहर भर में बढ़ते जा रहा है नशे के सौदागरों ने राजधानी को अपना गुलाम बना लिया है और युवाओं को अपना दलाल। ये वो दलाल है जो चंद रुपयों के लिए नशे के दलदल अपने साथ दूसरों को भी धकेल लेते है। आखिरकार नशा क्या शहर में युवाओं की जड़ो को काट रहा है ।

फलों और सब्जियों की आड़ में गांजा तस्करी : उड़ीसा से महासमुंद के रास्तों से होकर फलों और सब्जियों की गाडिय़ों में भी गांजा लाया जाता है। महासमुंद जिले की पुलिस रोज करोड़ों गांजे की खेप पकड़ रही है, मगर उसके बाद भी गांजे की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे प्रदेश में नशे की तस्करी भारी मात्रा में चले जा रहा है। रायपुर के हर इलाके में गांजा तस्कर घूमते-फिरते रहते है जिसके चलते युवाओं के हाथ में भी गांजे की पुडिय़ा आसानी से मिल जाती है। गांजा तस्करी के लिए अब युवाओं ने मोटरसाइकल को ही अपना हथियार बना लिया है। युवा बाइक में ही पुलिस से बचने के लिए तस्करी करते है।

रोजाना करोड़ों रुपए का गांजा सप्लाई : रायपुर से रोजाना करोडो गांजा का गांजा सप्लाई किया जाता है, रायपुर होकर उड़ीसा का गांजा हर राज्य में जाता है। लगातार कटहल, कलिंदर, नमक, नारियल और अब गोभी की आड़ में गांजा तस्कर बड़ी मात्रा में गांजे की खेप को एक राज्य से दूसरे राज्य तक पहुंचा रहे है। फलों और सब्जियों की गाडिय़ों में मादक पदार्थ की तस्करी करने का नया और नायाब तरीका गांजा तस्करों ने ढूंढ निकाला है। राजधानी में नशे का कारोबार तेज़ी से बढ़ते जा रहा है। शहर में शराब-गांजे का अवैध कारोबार सालों से फल-फूल रहा है। नशे के काले कारोबार की सच्चाई रोंगटे खड़े कर देती है। यह समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। नशे का कारोबार करने वाले अपराधियों की रोजाना गिरफ्तारी हो रही है लेकिन उसके बाद भी ये कारोबार बंद नहीं हो रहा है।

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