ज़ाकिर घुरसेना,राजनीतिक संपादक
जनता से रिश्ता ने पहले ही इस बात का अनुमान जताया था कि मरवाही की जनता कांग्रेस के पक्ष में अपना भरोसा जतायेगी और ऐसा ही हुआ। उपचुनाव में कांग्रेस का सीधा मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार से था जोगी कांग्रेस का कोई प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं होने का फायदा मिला और इससे मुकाबला पूरी तरह से एकतरफा हो गया था।जोगी परिवार के सपोर्ट के बावजूद भी भाजपा प्रत्याशी का जोगी के गांव से पिछड़ जाना इस बात की तस्दीक करती है की जनता भूपेश सरकार के काम से खुश है जनता से रिश्ता ने अपने चुनाव पूर्व के अनुमानों में इस बात की सम्भावना जतायी थी। चुनाव की घोषणा होते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मरवाही में कांग्रेस के जीतने की घोषणा कर दी थी और मतों की गिनती में पहले दौर से ही कांग्रेस के डॉ.ध्रुव भाजपा के डॉ. गंभीर से आगे रहे जो अंतिम दौर तक चला और जीत हासिल किया वहां की जनता ने मुख्यमंत्री की बात को सही साबित कर दिया। मरवाही चुनाव परिणाम आने के बाद सियासी गलियारे में लोग चर्चा कर रहे है की इस चुनाव में किसे सबसे ज्यादा फायदा हुआ लोग नफा नुकसान पर चर्चा कर रहे हैं। लोग यह भी चर्चा कर रहे है की भूपेश बघेल का दिल्ली दरबार में कद तो बड़ा ही है साथ ही छत्तीसगढ़ में कोरबा विधायक और प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंघ अग्रवाल का भी रुतबा प्रदेश कांग्रेस संगठन में निश्चित रूप से बढ़ेगा। उन्होंने मरवाही में अपनी क्षमता को दिखा दिया है। मरवाही का मुकाबला तो वैसे भाजपा और कांग्रेस के बीच था वास्तव में यह कांग्रेस भाजपा न होकर जोगी परिवार बनाम भूपेश बघेल हो गया था। जोगी परिवार ने भाजपा को समर्थन देकर अपनी खोई हुई ताकत को वापस पाने की सोची थी लेकिन ऐसा कर वे अपनी बची खुची ताकत से भी हाथ धो बैठी।कुल जमा चार विधायकों में दो का झुकाव कांग्रेस की ओर था तो दो का भाजपा की ओर । कुल मिलाकर प्रतिष्ठा पूर्ण लड़ाई में कांग्रेस ने बाजी मार ली और उसने जोगी कांग्रेस को मरवाही से हमेशा के लिए ख़त्म कर अब जोगी कांग्रेस को मरवाही से बोरिया बिस्तर समेटने पर मजबूर कर दिया है । दिवाली के समय जोगी कांग्रेस में अँधेरा छा गया है।