रायपुर। श्री धर्मनाथ जिनालय एवं जिनकुशल सूरी दादाबाड़ी के महामहोत्सव में रविवार को परमात्मा का च्यवन कल्याणक महोत्सव प्रात: 5.30 बजे से दादाबाड़ी में मनाया गया, इसमें सबसे पहले प्रतिष्ठाचार्य खरतरगच्छाधिपति आचार्य प्रवर जिनमणि प्रभ सूरीश्वर से एवं खरतरगच्छाचार्य जिन पियूष सागर सूरीश्वर जी म सा. की गुरु पूजा की गई एवं आचार्य भगवन्तो ने इंद्रा इंद्राणी एवं परमात्मा के माता पिता का विधान संपन्न करवाया। सोमवार को परमात्मा का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया जायेगा।
रत्नपुरी नगरी में स्टेज प्रोग्राम के तहत गुजरात एवं महाराष्ट्र से आये हुए कोरियोग्राफर के निर्देशन में रायपुर जैन समाज के सदस्यों ने विशाल मंच पर इस कल्याणक का नाट्य मंचन किया। पूरे छत्तीसगढ़ का जैन समाज आज इस महोत्सव में शामिल होने उमड़ पड़ा था। परमात्मा का च्यवन कल्याणक विधान प्रारम्भ होने के साथ परमात्मा च्यवनकर माता सुव्रता की कोख में आए एवं माता ने 14 महा मंगलकारी स्वप्न का दर्शन किया। इन्द्र का सिंहासन कम्पायमान होना, शुभ स्वप्नों का फल बताना आदि नाट्य का मंचन बहुत ही अद्भुत रूप से कलाकारों द्वारा किया गया। इस नाट्य मंचन में परमात्मा के च्यवन का विधान इन्द्राणी द्वारा करवाया गया और वह परमात्मा के च्यवन के पश्चात परमात्मा के शासन के अनुरूप कार्य करने एक धर्म सारथी बन कर अपने इन्द्र राजा को सदैव परमात्मा की भक्ति में लगने हेतु प्रेरित करती है। इसकी महिमा यह बतायी गई है गर्भवती माताओं को इन स्वप्नों के सार श्रवण से सुंदर एवं तेजस्वी रत्नो के रूप में संतान की प्राप्ति होती है।
गच्छाधिपति आचार्य ने अपने हितोपदेश में बताया की सारे जगत के कल्याण करे, कल्याणक प्रभु के हर कल्याणक के क्षणो में इतना प्रचुर योग बल प्रकट होता है कि सारा विश्व ही आलोकित-आल्हादित हो उठता है। यहां तक कि नारकीय में भी बिना व्यक्त निम्मित के ही सुख को प्राप्त करता है। गुरु भगवंत ने बताया की जैसे सूरदास जी के सामने भगवन प्रकट हुए और उनको दर्शन दिया और बोला कि जो इच्छा हो मांग ले तो सूरदास जी ने बोला आपको देख लिया अब इस संसार में मुझे और कुछ नहीं देखना है आप मुझे पहले जैसा कर दो, वैसे ही हमें भी जब परमात्मा का कल्याणक देखने का अवसर मिले हमें संसार में और कहीं नहीं देखना चाहिए।
सोमवार का कार्यक्रम
सोमवार को दादाबाड़ी में जन्म कल्याणक महोत्सव विधान प्रात: 5.30 बजे प्रारम्भ होगा ,गुरुभगवतों का मांगलिक प्रवचन के पश्चात जन्म कल्याणक का रत्नपुरी नगरी में 10 बजे से नाट्य मंचन होगा.परमात्मा का जन्म महोत्सव एवं स्नात्र महोत्सव सकल संघ के सन्मुख मनाया जायेगा। यह सारा नाट्य मंचन रायपुर जैन समाज के श्रावक-श्राविकाओं द्वारा किया जायेगा। 100 लोग स-जोड़े इन्द्र का रूप लेकर परमात्मा का स्नात्र अभिषेक करेंगे। दोपहर 2.30 बजे दीक्षार्थियों को डोरा बांधना,केसर छांटना(वस्त्र रंगना)ओढ़ी सझाना. जिन मंदिर में संध्याभक्ति,आरती व मंगलदीपक व रत्नपुरी नगरी में - शब्द से निशब्द की यात्रा-सूफी भक्ति साधो बैंड के द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा। ऋषभ देव जैन मंदिर ट्रस्ट एवं सकल संघ ने परमात्मा के सभी कल्याणको का श्रवण-दर्शन कर अपने जीवन को कल्याणकारी बनाने हेतु सकल संघ से सारे विधान में सपरिवार पधारने का निवेदन किया है।