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जांजगीर-चांपा। सर्वोच्च न्यायालय के मार्गदर्शन के अनुक्रम में जेलों में निरूद्ध बच्चों के सत्यापन के लिए 26 दिसम्बर को जिला जेल खोखरा व उपजेल सक्ती का निरीक्षण किया गया। सभी बैरकों में समस्त बंदियों से उम्र संबंधी जानकारी लिए गए, 01 बच्चों की उम्र विधि के उल्लंघन करने वाले किशोर के रूप में संदेहास्पद पाया गया जिसका उम्र सत्यापन कराया जाना है। कुछ बंदियों की ओर से अवगत कराया गया कि उनके निवास स्थान में बच्चों का पालन-पोषण व देख-रेख करने के लिए कोई जिम्मेदार व्यक्ति नही है। वह स्वयं व उसकी संरक्षण की आवश्यकता की आवश्यकता होने पर कार्यवाही किया जाएगा।
जेल के कर्मचारियों को निरीक्षण समिति की ओर से अवगत कराया गया कि जेलों में प्रवेश देते समय यदि बंदी 18 वर्ष से कम के प्रतीत होने की स्थिति में या उम्र के प्रति संदेहास्पद होने के स्थिति में समिति के सदस्यों को तत्काल सूचना दी जावे ताकि समिति की ओर से उम्र सत्यापन के पश्चात् किशोरों को संप्रेषण गृह में संरक्षण की प्रारंभिक कार्यवाही की जा सके । निरीक्षण के दौरान जिला जेल निरीक्षण समिति के सदस्य, अनिता अग्रवाल जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला व बाल विकास, गजेन्द्र जायसवाल जिला बाल संरक्षण अधिकारी, ज्योति मिश्रा संरक्षण अधिकारी (संस्थागत देखरेख), सम्मेसिंह कंवर विधिक सह परिवीक्षा अधिकारी, दीपक बरेठ अधिवक्ता, हर्षवर्धन सिंह सामाजिक कार्यकर्ता तथा जेल अधीक्षक जे.एल. मेशराम व सतीश चन्द्र भार्गव व जेलों के कर्मचारी उपस्थित रहे।
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