छत्तीसगढ़

जय हो दरूहा बेताल, तंहू झूमे अऊ झूमे बोतल...

Nilmani Pal
28 Oct 2022 5:49 AM GMT
जय हो दरूहा बेताल, तंहू झूमे अऊ झूमे बोतल...
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ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

कोरोना के दो साल तक त्रासदी झेल चुके प्रदेश की जनता ने 2022 में जमकर दिवाली मनाई। वहीं शराब की बिक्री ने सराफा, आटोमोबाइल, कपड़े और इलेक्ट्रानिक्स बाजार को पछाड़ दिया है। प्रदेश ने शराब बिक्री में नया रिकार्ड बनाया है। 2019 से 2021 के बाद इस दिपावली पर शराब बिक्री ने नया रिकार्ड बनाया है। एक ओर पूरे बाजार में खरीदारी के लिए त्योहारी भीड़ थी,वहीं शराब दुकानों में भी मदिरा प्रेमियों की लंबी लाइन लगी रही। आबकारी अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार दीपावली के दो दिनों में मदिरा प्रेमियों ने जमकर जाम छलकाए है और अकेले रायपुर जिले में लगभग 20 करोड़ की शराब गटक गए है। पिछले वर्षों की तुलना में शराब बिक्री का यह आंकड़ा 30 प्रतिशत ज्यादा है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2021में दीपावली पर रायपुर जिले में करीब 15 करोड़ की शराब बिकी थी। जनता में खुसुर-फुसुर है कि पांच दिवसीय दीपावली में लक्ष्मी पूजा से शुरू होकर गोवर्धन पूजा और भाई दूज तक दरूहा बेतालों ने सरकार की तिजोरी लबालब कर दी है। विभाग के अधिकारी भी अब गौरा-गौरी गीत के साथ दरूहा बेतालों के सम्मान में गीत गा रहे है गउरा-सुते अऊ गउरी सुते, पी-पी के सुते मोर दरूहा बेताल, भंडार भरे सरकार के हो...।

मच्छरों ने जमकर पिया शराबयुक्त खून

दिवाली की खुशी मनाने की होड़ में जनता ने जमकर दिवाली मनाकर दो साल का कसर एक साल में ही पूरा कर दिया है। दिवाली की खुशी के दौर में राजधानी के मच्छरों ने भी जमकर शराबियों के खून पी-पीकर दिवाली का इंजाय किया। राजधानी में करोड़ों अरबों नशेड़ी मच्छरों ने लोगों को काट-काट कर राजधानी के चारों तरफ डेंगू फैला दिया है। डेंगू के हालत बेकाबू होने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। बरसात खत्म होने के साथ ही डेंगू-मलेरिया के मामले कम होने लगते हैं, लेकिन इस बार देर तक बरसात होने से ताजा पानी जमा होने से मच्छरों को प्रजनन का अनुकूल माहौल मिला। अब वही नशेड़ी मच्छर अपना असर दिखा रहे हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि शराब के नशेे में धुत्त शराबियों के खून पीने वाले मच्छर अब खूंखार हो चुके है। इन मच्छरों को नियंत्रित नहीं किया गया तो राजधानी महामारी की चपेट में आ सकता है?

मरकाम की कुर्सी को खडग़े ही खडख़ड़ाएंगे

प्रदेश अध्यक्ष मरकाम के नए कार्यकाल का फैसला और प्रदेश प्रभारी का फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष खडग़े लेंगे। कांग्रेस ने संगठन के आधे पदों पर 50 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को अवसर देने का फैसला किया है। ऐसे में प्रदेश कार्यकारिणी बड़ा बदलाव हो सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जब यह सवाल किया गया कि क्या प्रदेश प्रभारी बदले जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया है। जब नए अध्यक्ष चुने जाते हैं, तो पूरी कार्यकारिणी भंग हो जाती है। उसके बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) का चयन होता है। नई कार्यकारिणी के गठन का अधिकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि मरकाम और प्रदेश प्रभारी का खैर कौन मनाएगा। यहां तो सभी कांग्रेसी ने मरकाम के सरकाम से नाराज है ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या खडग़े ही उन्हें खडख़ड़ाएंगे ?

सीएम भूपेश अभी भी टापो-टॉप में

कांग्रेस हाई कमान ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक बनाया है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। हिमाचल में परिवर्तन की लहर चल रही है। जनता भाजपा सरकार से नाराज है। वहां कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। जनता में खुसुर-फुसुर हैै कि जब ढाई करोड़ जनता के विश्वास में खरे उतरे है तो हिमाचल में तो दो करोड़ जनता है जो सीएम भूपेश के कार्यशैली से पूरी तरह परिचित है कि देश का एक मात्र सर्वश्रेष्ठ सीएम है जो गुड गवर्नेस चलाने में सक्षम है। जो गोबर को गणेश बना सकता है। पूरे देश में भूपेश का नाम का नहीं, काम का डंका बज रहा है।

विश्नोई ने लपेटा नेता, अफसर और कारोबारी को

आईएएस समीर विश्नोई ईडी के शिकंजे में बुरी तरह फंस गए है। शिकंजे से निकलने का जितना प्रयास कर रहे है उतना ही फंसते जा रहे है। ताजा मामले में 100 से अधिक दस्तावेज समीर विश्नोई को कोयलानोई बना दिया है। कोयला परिवहन घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नेताओं, अफसरों और कारोबारियों के ठिकानों पर जांच के दौरान 100 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध लेन-देन के दस्तावेज मिले हैं। आइएएस समीर बिश्नोई के छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) कार्यालय में जांच के दौरान 100 से अधिक समीर के हस्ताक्षर वाले खाली चेक मिले हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि समीर विश्नोई सीमित न हो कर असिमित हो गए। जल्दी से जल्दी अरबपति बनने की होड़ में अपना आपा को बैठे अब ईडी उनकी लीदी निकाल रही है।

गोबर उठाने की होने वाली है दौड़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग जिले के ग्राम बैलोदी में अपने स्वजनों और ग्रामीणजनों के बीच गोवर्धन पूजा लोगों के साथ मनाया। मुख्यमंत्री ने गोवर्धन पर्व को प्रकृति प्रेम व परोपकार का प्रतीक बताया और कहा कि प्रकृति की पूजा और संरक्षण आने वाले भावी पीढिय़ों के लिए अति आवश्यक है, इसलिए सभी को इस पर्व के मूलमंत्र का अनुसरण करना चाहिए। ग्रामवासियों ने मुख्यमंत्री को गोबर टीका लगाकर भाईचारे का संदेश दिया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भाजपा वाले कह रहे है कि थोड़ा बहुत गोबर बचाकर रखो चुनाव से पहले लोगों को टीका लगाने का काम आने वाला है। विधानसभा चुनाव भी अगले साल दिवाली के बाद होने वाला है। ऐसे में कौन कितना गोबर उठाता है इसकी होड़ मची रहेगी।

केजरीवाल भूपेश से ले गुरुमंत्र

केजरीवाल पिछले कुछ दिनों से भारतीय मुद्रा नोट में गणेश का चित्र अंकित करने की राग अलाप रहे है। क्या केजरीवाल को नहीं मालूम कि देश में एक ऐसा मुख्यमंत्री भी है जो गोबर से गणेश-लक्ष्मी और पेंट बनवाकर सारे घर की पोताई करवा कर पूजा करवा दिया है। केजरीवाल को भूपेश बघेल से गुरु मंत्र लेकर सिखना चाहिए कि नोट में फोटो बदलने की प्रक्रिया बहुत पेचीदा है। इसके बदले जनता का विश्वास जीतने के लिए जो सरकार के पास संसाधन है उसका जनकल्याण के लिए योजना बनाकर जनता की भलाई किया जा सकता है। नोट में फोटो बदलने से आपकी सरकार दोबारा बने या न बने, आपके काम को जनता आपको हमेशा याद करती रहेगी। जनता में खुसुर-फुसुर है कि केजरीवाल ने दिल्ली वालों की आदत खराब कर दी है, बिजली, पानी, बस फ्री करके इसलिए लोग दूसरे शहर जाने के कतराते है कि वहां जाने पर किराया लगेगा इसलिए दिल्ली में ही टिके रहो।

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