जगदलपुर: जयंती ठाकुर को मुरमुरा उत्पादन से मिला आय संवृद्धि का जरिया
बस्तर. जिले के बस्तर विकासखंड अंतर्गत तुरपुरा निवासी जयन्ती ठाकुर ने घर-परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने गांव में ही मुरमुरा उत्पादन को अपनाकर आय संवृद्धि कर रही हैं। यह सब राष्ट्रीय सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजनान्तर्गत प्राप्त सहायता से फलीभूत हुआ है। खेती-किसानी और मजदूरी करने वाले 5 सदस्यीय परिवार की श्रीमती जयंती ठाकुर इस बारे में बताती हैं कि परिवार के सदस्य शुरू से ही कड़ी मेहनत करने वाले हैं। पति घर के कार्य करने के साथ ही स्वयं का कृषि कार्य और मनरेगा में कार्य करते हैं, लेकिन परिवार की आवश्यकतानुसार आमदनी कम होता था। बढ़ती मंहगाई और कम आमदनी के कारण परिवार को परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस बीच नवम्बर 2017 में गांव की महिलाओं ने बिहान योजना से स्व सहायता समूह गठित किया तो जयन्ती भी इस समूह से जुड़ गयीं और समूह के सदस्यों के साथ छोटी- छोटी बचत, चर्चा सहित समूह की आर्थिक गतिविधियों में हिस्सा लेने लगीं। लेकिन जयन्ती को अपने स्वयं के परिवार के लिए एक अच्छा आय का जरिया विकसित करने की जुनून था, इसे पूरा करने के लिए वह उत्पादक गतिविधि संचालित करने की सोच रही थीं लेकिन पूंजी की कमी आड़े आ रही थी।
इस दौरान जयन्ती के मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह को आपसी बचत, लेन-देन और आर्थिक गतिविधियों के बेहतर संचालन के फलस्वरूप बैंक लिंकेज के माध्यम से डेढ़ लाख रुपये की मदद मिली तो जयन्ती ने फौरन अपने समूह को व्यवसाय शुरू करने के लिए सहायता देने का आग्रह किया। वहीं श्रीमती जयंती ठाकुर के पति द्वारा आस-पास के बाजार का अवलोकन कर पाया गया कि उनके गांव के समीप मुरमुरा उत्पादन नहीं हो रहा है लेकिन मुरमुरा की मांग अधिक है। आस पास के एरिया जैसे बस्तर, भानपुरी और यहां तक जगदलपुर में भी मुरमुरा अन्य जगहों से सप्लाई होता है। इसे मद्देनजर रखते हुए जयंती ठाकुर ने मुरमुरा उत्पादन कर बेचने का कार्य करने के लिए निर्णय लिया और समूह की मदद सहित राष्ट्रीय सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजनान्तर्गत 40 हजार रुपये ऋण लेकर मुरमुरा उत्पादन के लिए आवश्यक मशीनरी स्थापित किया गया, वहीं कच्चे माल की खरीदी कर मुरमुरा उत्पादन शुरू कर दिया। जयन्ती बताती हैं कि उन्होंने जब देखा कि मुरमुरा उत्पादन के लिए स्थानीय स्तर पर ही सस्ती दर पर कच्चा माल उपलब्ध है तो उसे खरीदी कर व्यवसाय को आगे बढ़ाने का कार्य किया। इसके साथ ही उत्पादित मुरमुरा के विक्रय हेतु बस्तर, भानपुरी क्षेत्र के हाट-बाजारों के व्यावसायियों तथा ग्रामीण इलाकों के छोटे दुकानदारों से सम्पर्क कर आर्डर लेना आरंभ किया और जगदलपुर शहर में भी मुरमुरा की सप्लाई शुरू की। जिससे उसका व्यवसाय शीघ्र ही अच्छे ढंग से संचालित होने लगा और हर महीने मुरमुरा उत्पादन से 25 हजार रुपये तक की आमदनी मिलने लगी है। जयन्ती बताती हैं कि उसके इस व्यवसाय में सफलता का कारण कड़ी मेहनत और लगन के साथ ही उनके पति का उत्साहवर्धन एवं सक्रिय सहयोग है। जयन्ती अपने परिवार के लिए आर्थिक जरूरतों को पूरा करने शुरू किये इस उत्पादक गतिविधि को सदैव बेहतर तरीके से संचालित करने की कामना करते हुए इस ओर सहयोग देने के लिए अपने समूह के सदस्यों तथा अन्य सभी लोगों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करती हैं।