छत्तीसगढ़

गले मिलना या न मिलना तेरी मर्जी है, लेकिन तेरे चेहरे से लगता है तेरा दिल कर रहा है

Nilmani Pal
30 Jun 2023 6:03 AM GMT
गले मिलना या न मिलना तेरी मर्जी है, लेकिन तेरे चेहरे से लगता है तेरा दिल कर रहा है
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ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

छप्पन भोग की जगह शाह को भाया कांदाबाजी

राजनीति में सब संभव होता है और हर पार्टी में नेता अपना वर्चस्व बनाये रखना चाहता है। इसकी मिसाल पिछले दिनों राजनीतिक उठापटक से देखने को मिली। भाजपा के राज्यसभा सांसद और कद्दावर नेता सरोज पाण्डे के जन्म दिन पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दुर्ग आगमन हुआ था। उनके यात्रा से राजनीतिक पंडितों ने कई तरह के कयास लगाना शुरू भी कर दिए थे ऐसे में दूसरे नेताओं का सतर्क होना लाजिमी था। सरोज पाण्डे ने अमित शाह के लिए जन्मदिन के मौके पर छप्पन भोग तैयार करके रखे थे, लेकिन ऐन वक्त पर न जाने किस नेता की नजर लग गई उनके घर खाने के बजाय अमित शाह पंडवानी गायिका पद्मश्री उषा बारले के घर भोजन कर भाजपा नेत्री के सब मंसूबों पर पानी फेर दिया। दूसरी तरफ कांग्रेस में भी घमासान कम नहीं है, मोहन मरकाम ने आदेश निकाला और प्रदेश प्रभारी ने उस आदेश को तुरंत पलट दिया, अब बाबा को डिप्टी सीएम बनाकर सिर्फ एक दूसरे को निहारने पर मजबूर कर दिया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि कांग्रेस के अंदर खाने से यह खबर भी थी की मरकाम के मुहिम को सरगुजा की ओर से हवा मिलती थी, अब शायद कम मिलेगी या नहीं मिलेगी या छप्परफाड़ कर मिलेगा जो अमर को काटने में कारगर साबित हो जाए। किसी ने ठीक ही कहा है कि गले मिलना या न मिलना तेरी मर्जी है लेकिन तेरे चेहरे से लगता है तेरा दिल कर रहा है।

छत्तीसगढ़ की तारीफ चुम्मेश्वरी से

डांस, नृत्य, सिंगिग का अपना ही जूनुन होता है। कला पुरातन हो या आधुनिक दोनों ही विधा में छत्तीसगढ़ पारंगत है यह बात साबित कर दिया टेरेंस लुईस ने । टेरेंस ने कहा कि पहले लोगों को प्रतिभा दिखाने के लिए मंच नहीं मिल पाता था। लेकिन आज, इंटरनेट के माध्यम से रोज नए-नए प्रतिभा देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी डांस को लेकर जबरदस्त दीवानगी है और प्रतिभाओं की कमी नहीं है। मुकुल गेन, लक्ष्मण कुमार और ऐसे कई डांसर जिन्होंने इंडिया का दिल जीता। छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय खाने चीला-फरा को लेकर उन्होंने कहा कि समय मिलने पर वे जरूर इसका स्वाद लेंगे। उन्होंने छत्तीसगढ़ की तारीफ अपने अंदाज में चुम्मेश्वरी कहकर किया। जनता में खुसुुर-फुसुुर है कि टेंरेंस लुइस जी एशिया का सबसे बड़ा संगीत विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में है। इंडिया गॉड टैलेंट और डांस इंडिया डांस का आयोजन तो करके देखिए झौंहा भरकर नहीं, ट्रकों से डांस, नृत्य, सिंगिग, पेंटिंग के सितारे निखर कर सामने आएंगे। तब आपकी चुम्मेश्वरी वाली तारीफ सार्थक होगी।

बस नजरिया बदलिए श्रीमान जी ...

पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की नई नैक ग्रेड छह साल बाद तय होगी। नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) की टीम 20 जुलाई को विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करने के लिए आ रही है। मूल्यांकन के आधार पर ही विश्वविद्यालय को नया ग्रेड मिलेगा। पिछली बार 2016 में नैक की टीम ने विश्वविद्यालय का मूल्यांकन किया था। तब ए ग्रेड मिला था। पिछले कुछ सालों में विश्वविद्यालय शिक्षकों की कमी का असर शोध सहित अन्य क्षेत्रों में हुआ है। नैक टीम आने की तिथि निर्धारित होते ही विश्वविद्यालय प्रबंधन तैयारियों में जुट गया है। अपनी उपलब्धियों को वेबसाइट पर अपलोड कर रहे हैं। इसके अलावा पिछले दिनों लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर द्वारा बताई गई कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि पं. रविवि ऐसा विवि है जो देश को वैज्ञानिक से लेकर हजारों इंजीनियर, डॉक्टर्स, प्रोफेसर दिए है। बस ग्रेड देने वालों का नजरिया बदलना चाहिए वो तो अभी भी छत्तीसगढ़ को पिछड़ा हुआ मानते है।

बिल्डर के झांसे में आकर खुश मत होइए

मानसूनी बौछार शुरू होने के साथ ही अब रियल एस्टेट कंपनियां भी उपभोक्ताओं को आकर्षक आफर देने में जुट गई है। इसके तहत ग्राहकों को प्रापर्टी बुकिंग पर आकर्षक छूट के साथ ही उनकी मनपसंद गाड़ी जीतने का भी मौका है। रियल एस्टेट कंपनियों द्वारा इसके लिए लकी ड्रा आफर भी चलाया जा रहा है। रियल एस्टेट कंपनियों का कहना है कि उपभोक्ताओं के लिए अपने सपनों का आशियाना खरीदने का यह काफी अच्छा मौका है। आफर देने के साथ ही बिल्डरों द्वारा इन दिनों कम कीमत में अधिक से अधिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही प्लाट व मकान की बुकिंग पर आकर्षक उपहार भी दिया जा रहा है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि झांसे में मत आना जिन्होंने आफर में घर लिए है आज तक पजेशन के लिए रेरा के चक्कर काट रहे है। ब्रोशर में कुछ और दिया जाता है कुछ । इसलिए जनता सतर्क रहो, खुश रहो बिल्डर के झांसे आकर खुश मत हो। नहीं तो शिफ्ंिटग के बाद सिपेज और मेंटनेंस के नाम पर दुखी होते रहेंगे।

जो झुनझुना को भी घंटा बना दे...

टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री बनाए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा रमन सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तंज कसा है। रमन सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, टीएस सिंहदेव को 60 दिन के लिए उपमुख्यमंत्री बनाकर झुनझुना थमाया है। केंद्रीय नेतृत्व ने सिंहदेव को 60 दिन के लिए डिप्टी सीएम बनाने का फैसला सरगुजा और छत्तीसगढ़ की जनता को शायद ही पसंद आएगा। साव ने कहा - चला चली की बेला में कांग्रेस ने अपने अंतरकलह को मिटाने का यह प्रयास किया है। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को भ्रष्टाचार का, नशे का, अराजकता का गढ़ बना रखा है जनता के आक्रोश से कांग्रेस डरी हुई है इन सब फैसलों से अब कुछ नहीं होने वाला। जनता में खुसुर-फुसुर है कि आप लोग भी तो 15 साल छुटभैया नेताओं को झुनझुना पकड़ाते रहे है। शायद टीएस ने भाजपा के आफर ठुकरा दिया इसलिए टीस निकाल रहे है। आपको बता दे ये वही बाबा है जो झुनझुना को घंटा बना देते है।

कौन विलय करेगा भाई...

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) चुनावी मोड पर आ चुका है। कोर कमेटी की बैठक में जोगी कांग्रेस ने साफ किया है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी किसी भी राजनीतिक पार्टी के साथ विलय नहीं करेगा, बल्कि समान विचारधारा वाली पार्टी के साथ गठबंधन जरूर हो सकता है। कोर कमेटी की बैठक में पार्टी के अध्यक्ष अमित जोगी की उपस्थिति में निर्णय लिया गया कि विभिन्न समस्याओं एवं कांग्रेस की वादाखिलाफी को लेकर जकांछ आगामी मानसूत्र सत्र के पहले दिन 18 जुलाई को विधानसभा घेराव करेगा, जिसमें प्रदेशभर से हजारों की संख्या में बूथ स्तर के जोगी कांग्रेसी शामिल होंगे। जनता में खुसुर-फुसुर है कि बड़े जोगी की बात अलग थी, वो राजनीतिक पंडित थे, जानते थेे कि कौन सी चिडिय़ा किस पेड़ पर उडक़र जाएगी। यहां तो वो जोगी जी वाला पेड़ ही सूख गया है। जकांछ को तो भाजपा भी हवा-पानी नहीं दे रही है बल्कि खींच रही है।

लूप लाइन से फ्रंट लाइन में

देखिए राजनीति में कभी भी किस्मत चमक सकती है। भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए आदिवासी नेता नंदकुमार साय को छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने नंदकुमार साय को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। नंदकुमार साय को छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राज्य सरकार द्वारा साय को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। चुनावी वर्ष में वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने भाजपा को झटका देते हुए कांग्रेस शामिल हो गए। साय पिछले काफी दिनों से नाराज चल रहे थे यह तो जगजाहिर था। फिर उस डेमेज को क्यों कंट्रोल क्यों नहीं किया गया। उन्होंने पार्टी के नेताओं पर उनके खिलाफ लगातार षडय़ंत्र करने का आरोप लगाया था। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भाजपा औैर कांग्रेस में यहीं अंतर है, कांग्रेस दबे कुचले तिरस्कृत नेताओं को फ्रंट लाइन में लाती है और भाजपा उसे इतना दबाती है कि वह स्वत: ही बाहर आकर लूप लाइन से फ्रंट लाइन में जगह बना लेते है।

उपमुख्यमंत्री क्यों बनाया जाने इसके मायने

दिल्ली में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला हुआ। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की। राज्य गठन के बाद पहली बार किसी नेता को उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री घोषित करने से पहले केंद्रीय नेतृत्व ने सरकार और संगठन से रिपोर्ट ली। सिंहदेव के पंचायत विभाग को छोडऩे के बाद न सिर्फ पार्टी की किरकिरी हुई, बल्कि जनता में भी गलत संदेश पहुंचा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि इसे किरकिरी को पुरस्कार में बदलने के लिए टीएस को उपमुख्यमंत्री बनाकर रायपुर से दिल्ली तक चल रही हवा बदलने की हवा के रूख को मोडऩे की तरकीब थी, टीएस ने नहीं कहा मुझे डिप्टी सीएम बनाओ यह तो पार्टी का निर्णय था कि बिन बाबा सब सून।

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