छत्तीसगढ़

पूर्व एसडीओ की सांठगांठ में अधिकारी/नेताओं का गठजोड़ तो नहीं?

Nilmani Pal
22 Dec 2021 6:00 AM GMT
पूर्व एसडीओ की सांठगांठ में अधिकारी/नेताओं का गठजोड़ तो नहीं?
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  1. अभनपुर लोनिवि के पूर्व एसडीओ के सरकारी जमीन पर कब्जे का मामला
  2. अधिकारियों को पता है सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा है, शिकायत मिलने पर करेंगे कार्रवाई ?
  3. अवैध कब्जा पर कार्रवाई करने से अधिकारी भी खींच रहे है हाथ
  4. नगर पंचायत, तहसीलदार, एसडीएम, CMO और थानेदार मौन
  5. जगजाहिर मामले में भी जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायत का इंतजार
  6. सुको की तर्ज पर संज्ञान लेकर कार्रवाई के आदेश निकालें
  7. अभनपुर में सरकारी स्कूल की जमीन पर धार्मिक संस्थान की आड़ में व्यावसायिक काम्प्लेक्स की तथाकथा

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। भाजपा शासनकाल में अधिकारियों को छूट दिया गया था कि कहीं भी किसी की भी जमीन पर मंदिर बनवा दो। जिसका फायदा अभनपुर के लोनिवि के तत्कालीन एसडीओ ने उठाया और सरकारी स्कूल की जमीन पर कूटरचित दस्तावेज बनवाकर मंदिर की आड़ में दुकान शुरू कर अवैध कमाई का जरिया बनाया। जो बदस्तूर जारी है। 2018 में सरकार बदलने के बाद भी एसडीओ यथावत कमाई करते रहे। सरकार ने भी संज्ञान नहीं लिया कि यह भाजपा शासनकाल में एक अधिकारी की ट्रस्टीशिप में बनी है। वहीं ले-देकर ट्रांसफर हुआ तो उसे भी स्थानीय विधायक और ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष और अभनपुर जनपद पंचायत के अध्यक्ष पूर्व एसडीओ के ट्रांसफर रूकवाने के लिए सीएम और विभागीय मंत्री को अनुशंसा पत्र लिख रहे है। जबकि पूर्व एसडीओ ट्रांसफर के बाद छुटटी पर है जो नया साल मनाकर लौटेंगे इस पर भी संशय है। इस संबंध में जब पूर्व एसडीओ से बात करने पर उन्होंने बताया कि मैं अभी छुट्टी पर चल रहा हूं, छुट्टी खत्म होते ही ज्वाइनिंग दूंगा। मैं ट्रंसफर रूकवाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा हूं। यह तो सरकारी प्रक्रिया ट्रांसफर होते है और रूकते है। अभनपुर के रेस्ट हाउस के आगे लोक निर्माण विभाग के पूर्व एसडीओ ने धार्मिक संस्थान के आड़ में व्यावसायिक काम्प्लेक्स बनाने का मामला जगजाहिर होने के बाद भी नगर पंचायत के सीएमओ,एसडीएम, तहसीलदार और थानेदार अवैध निर्माण को जमींदोज करने के लिए शिकायत का इंतजार कर रहे है। यह मामला 10 साल पुराना है नगर पंचायत के दो कार्यकाल समाप्त हो गए। कई तहसीलदार-थानेदार आए और चले गए। जबकि सभी जिम्मेदार अधिकारियों को पता है कि यह निर्माण पूरी तरह अवैध है, उसके बाद भी अभनपुर के किसी भी प्रबुद्ध नागरिक ने शिकायत नहीं की। नागरिकों की सोच अपने घर को सुरक्षित रखना है नगर में भले कुछ भी हो जाए, उसके खिलाफ आवाज भले ही मत उठाइए पर शिकायत तो किया ही जा सकता है। अभनपुर के नागरिकों की यहीं सोच ने नगर को अवैध कब्जा का गढ़ बना दिया है। भू-माफिया और अधिकारी मिलकर नगर की घासभूमि, कोटवारी भूमि, सरकारी निर्माण के लिए आरक्षित जमीन का बंदरबांट कर रहे है। नेता और जनप्रतिनिधि संरक्षित पीडब्ल्यूडी के एसडीओ के पद पर पदस्थ अधिकारी से कोई भी पंगा नहीं लेना चाहेगा। बड़े ओहदे पर पदस्थ अधिकारी ने मंदिर में बने दुकान को किराये पर देकर अवैध कमाई कर रहे हैं। मजे की बात ये है कि नगर पंचायत के अधिकरियों ने उक्त भूमि से अवैध कब्ज़ा हटवाया था लेकिन अभी स्थिति जस का तस बना हुआ है। अभनपुर वासियो में रोष है। विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों को शिकायत करते थक गए हैं लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है। बल्कि उक्त अधिकारी को अभनपुर में यथावत बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री को अनुशंसा पत्र भेज रहे है। जिसकी कापी हमारे पास है। जानकर सूत्रों ने बताया कि सन 2006 -2007 में बने उक्त सरकारी स्कूल की जमीन पर बने अवैध व्यावसायिक काम्प्लेक्स को कोई हटाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है। लोगो में जिज्ञासा है कि सरकारी जमींन पर काम्प्लेक्स बनाने की अनुमति किसने दी।

निजी ट्रस्ट को धार्मिक संस्थान के लिए कैसे मिली अनापत्ति

उक्त कारनामा अभनपुर लोक निर्माण विभाग में पूर्व में पदस्थ रहे एसडीओ की है जो नेताओ और अधिकारीयों से सांठ गांठ कर मुख्य बाजार के पास प्रायमरी स्कूल की जमींन को कब्ज़ा कर लिया है। और उस पर धार्मिक संसथान की आड़ में दुकानों कानिर्माण कर लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलकर बच्चों को उच्च शिक्षित करना चाहते है और अधिकारी मंसूबे पर पानी फेर रहे हैं लोक निर्माण विभाग में घोटाले के मास्टर माइंड पूर्व एसडीओ ने कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर उद्योग, शिक्षा, लोकनिर्माण विभाग, विद्युत विभाग से एनओसी ले. लिया है। ताज्जूब की बात यह है कि ये एनओसी देने वाले चारों पांचों विभाग किसी भी उद्योग या फैक्ट्री निर्माण करने के लिए सालों हितग्राही के जूते चप्पल घिसवा देते है वहीं पूर्व एसडीआए को एक सप्ताह में सारे विभाग ने आज से पांच साल पहले एनओसी दे दिया। जिसकी जांच होनी चाहिए। संबंधित विभाग ने पूर्व एसडीओ को प्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाने पूर्वाग्रह से निर्णय लेते हुए स्कूल की जमीन पर पूर्व एसडीओ को मंदिर की आड़ में व्यवसायिक काम्प्लेक्स निर्माण की एनओसी दे दी, जो कि कानूनन अवैध है जिस पर गैर जमानती धाराएं लगनी चाहिए। अभनपुर के शासकीय आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल का है जहां पर लोक निर्माण विभाग के पूर्व एसडीओ द्वारा शाला की जमीन पर अवैध रूप से धार्मिक न्यास बनवाकर किराये पर चला रहे हैं। उक्त अधिकारी द्वारा ट्रस्ट बनाकर खुद मुख्य ट्रस्टी बने हुए हैं। जानकार लोगों ने बताया कि उक्त अधिकारी द्वारा चढ़ावे के पैसे को ब्याज पर चलाकर उन पैसों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नेताओं को चढ़ावा देकर अपने पक्ष में करने में सफल हो गए हैं। जनप्रतिनिधि उनकी ही भाषा बोल रहे हैं। लगभग पांच साल पहले सार्वजनिक जमीन पर कब्जा कर मंदिर बनाने को लेकर अपील पर चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने सख्त रुख दिखाते हुए कहा था कि किसी भी व्यक्ति या आध्यात्मिक सोच रखने वाले व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर मंदिर बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ज्यादा धार्मिक प्रवृत्ति के हैं तो खुद से जमीन खरीदकर मंदिर बनाएं। सरकारी जमीन पर कब्जा होने की स्थिति में कोई भी आम नागरिक इसका विरोध कर सकता है। माननीय न्यायमूर्ति की बात को लोक निर्माण विभाग अभनपुर अनुविभाग के पूर्व एसडीओ व्दारा नजऱअंदाज किया जा रहा है। जिसका सबूत अभनपुर रेस्ट हॉउस के आगे बने स्कूल की जमीन पर धार्मिक न्यास है।

धार्मिक संस्थान की आड़ में व्यवसायीकरण

पूर्व एसडीओ ने स्कूल के सरकारी जमीन पर अवैध मंदिर निर्माण कर जिसमें 8-10 दुकान निकाल कर किराए पर दे दिया है। जिसके कारण मुख्यमंत्री की महति शिक्षा योजना आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल के लिए अतिरिक्त कक्ष का निर्माण नहीं हो पा रहा है। पूर्व एसडीओ ने कूटरचना कर जमीन को कब्जा कर लिया है, जबकि उक्त जमीन सरकारी स्कूल का हिस्सा है और स्कूल के विस्तार के लिए आरक्षित है। मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद इग्लिश मिडियम स्कूल के लिए इसी सरकार स्कूल का चयन किया, जिस पर अब अतिरिक्त कक्ष का निर्माण पूर्व एसडीओ के तथाकथित व्यवसायिक काम्प्लेक्स के कारण स्कूल का विस्तार रूक गया है। पूर्व एसडीओ ने मंदिर का चढ़ावा और दुकान से होने वाली कमाई को विधायक और नेताओं में बंदरबांट किया है, जिसके कारण स्थानीय नेता और विधायक इस मामले में मौन साधे हुए है। यहां तक की गांव वालों के भी अपने पक्ष में कर लिया है। पूर्व एसडीओ के खिलाफ कोई भी आवाज उठाने के लिए तैयार नहीं है। लोकनिर्माण विभाग के रेस्ट हाउस स्कूल के आगे स्थित शा. प्राथमिक शाला को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व्दारा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल बनाया गया है, राज्य के बच्चों को सभी तरह से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अंग्रेजी शिक्षा देकर समग्र विकास का सपना पूरा करना चाहते है लेकिन अभनपुर के पूर्व एसडीओ की कारस्तानी से सरकार का सपना चकनाचूर हो रहा है। क्योंकि स्कूल के उन्नयन के लिए अतिरिक्त कक्ष का निर्माण होना है, जो अब तक नहीं हो पाया है। सरकार पूर्व एसडीओ व्दारा बनाए गए अवैध मंदिर और व्यवसायिक काम्प्लेक्स की शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रही है। यह निर्माण पूरी तरह अवैध होने के बाद भी पूर्व एसडीओ के उपकृत नगर पंचायत, तहसीलदार, पुलिस थाना के प्रभारी तमाशा देख रहे है। विधायक की बरस रही कृपा ताजा मामला यह है कि अवैध निर्माण के कर्ताधर्ता एसडीओ पर विधायक की कृपा बरस रही है। एसडीओ का अन्यत्र ट्रांसफर होने के बाद दोबारा अभनपुर लाने के लिए मुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री को पत्र लिखा है, एक तरफ भूपेश सरकार आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल खोलकर बच्चों का भविष्य सुधारना चाहती है वहीं स्थानीय सत्ताधारी दल के विधायक शासकीय शाला की जमीन को घेरकर धार्मिक संस्थान बनाकर शाला के अतिरिक्त कमरे के निर्माण को बाधित करने वाले पूर्व एसडीओ को वापस अभनपुर लाने के लिए पत्र लिख रहे है, इसे क्या समझा जाए? सैकड़ों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ स्कूल की जमीन को घेरने वाले पूर्व एसडीओ अभनपुर के सैकड़ों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है। उनके शिक्षा के मंदिर की जमीन पर निजी मंदिर और व्यवसायिक काम्प्लेक्स तानकर अवैध कमाई कर रहे है। तीन माह हो गए ट्रांसफर, वापसी के लिए मार रहे हाथ पैर पूर्व एसडीओ का तीन पहले ट्रांसफर होने के बाद भी अभनपुर में वापसी के लिए मंत्रियों और विधायकों का चक्कर काट रहे है। पूर्व एसडीओ की दंबगई अभनपुर क्षेत्र में चर्चित है। एसडीओ लोगों को कहते फिर रहे है कि 31 साल से अभनपुर में हूं और यहीं से रिटायर्ड होने का मन बना लिया है।

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