अधार्मिक प्रवृत्ति है किसी व्यक्ति को क्रिश्चन, मुसलमान और हिंदू में कन्वर्ट करना
रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रही परिस्थितियों के बीच सुप्रसिद्ध भागवत कथा वाचक रमेश भाई ओझा जी राजधानी रायपुर में श्रीमद भागवत कथा कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों और कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर कहा कि धर्म के द्वारा किसी व्यक्ति को क्रिश्चन, मुसलमान, हिंदू में कन्वर्ट करना यह अधार्मिक प्रवृत्ति है. धर्म के द्वारा सच्चे हिंदू, मुसलमान को सच्चे इंसान में परिवर्तित करना, ‘इंसानियत’ से बड़ा कोई धर्म नहीं. यह धर्म का उद्देश्य होना चाहिए. यह उद्देश्य छोड़कर जो कोई इधर-उधर करता है तो वातावरण बिगड़ता है.
धर्मों की सर्वोच्च पीठ पर बैठने वाले लोगों का एजेंडा बन जाता है तो यह सबसे खतरनाक बात है. यह धार्मिक सोच है, सभी धर्मों का अपना महत्व है. ‘इंसानियत’ को महत्व दो, इंसानों का आदर करो. प्रत्येक मुसलमान एक सच्चा इंसान बने यह सुनिश्चित करो प्रत्येक हिंदू प्रत्येक धर्म को मानने वाला अपने धर्म के द्वारा अच्छा इंसान बने यह सुनिश्चित करो.
धर्मांतरण की प्रकृति को रोकना पड़ेगा और कई जगह राज्यों ने कानून बनाए हैं या बनाने पड़े हैं. वह इसलिए पड़े क्योंकि ऐसा हो रहा है, धर्म स्वीकार करने की चीज है, लोभ लालच की चीज नहीं है. व्यक्ति का अपना अधिकार है कि वह किस धर्म को स्वीकार करे, किस राष्ट्र को स्वीकार करें.