कवर्धा। आदिवासियों के संरक्षण व सवंर्धन के लिए सरकार अनेक योजनाएं चला रही है ताकि आदिवासियों का सर्वांगीण विकास हो सके, लेकिन कवर्धा जिले में ठेकेदार व अधिकारियों की लापरवाही के चलते निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता देखी जा रही है। दरअसल चिल्फी में तीन माह पूर्व सौ सीटर आदिवासी पोस्ट मैट्रिक कन्या आश्रम का निर्माण एक करोड़ साठ लाख रुपयों की लागत से किया गया था, लेकिन यहां निर्माण कार्यों के नाम पर लाखों रुपए का बंदरबांट किया गया है। यही कारण है कि उद्घाटन के कुछ दिनों बाद ही भवन में तीस से अधिक जगहों पर दरारें आ गई है।
इतना ही नही बारिश का पानी कई जगहों से टपकना शुरू हो गया है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भवन के निर्माण की गुणवत्ता कितनी अच्छी रही होगी। आदिवासी कन्याओं के लिए आवासीय आश्रम इसलिय बनाए गए थे ताकि यहां रहकर बच्चियां पढ़ लिखकर आगे बढ़ सके। लेकिन आदिम जाति विभाग की लापरवाही और ठेकेदार के मनमानी के चलते अभी से कई जगहों पर पानी टपकना शुरू हो गया है। वहीं निर्माण करने वाले इंजीनियर ने ठेकेदार से तत्काल मरम्मत कराने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया है।