आईपीएस अफसर जीपी सिंह निलंबित, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश
रायपुर। ACB की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने आईपीएस अफसर जीपी सिंह को निलंबित किया है. बता दें कि 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह के 15 ठिकानों पर छत्तीसगढ़ एसीबी ने छापेमारी की। जांच के दौरान एसीबी को कई अहम दस्तावेज भी हाथ लगे। जीपी सिंह पर इस वक्त आय से अधिक संपत्ति के आरोप लग रहे हैं, लेकिन उनके नाम कई बड़े विवाद भी दर्ज हैं। गौर करने वाली बात यह भी है कि एसीबी के पूर्व चीफ रह चुके जीपी सिंह की गिनती छत्तीसगढ़ के ताकतवर अफसरों में होती है।
आदिवासियों को बता दिया था नक्सली
गौरतलब है कि जीपी सिंह और विवादों का नाता काफी पुराना है। जब वह बस्तर में पुलिस अधीक्षक थे, तब उन्होंने 100 आदिवासियों को नक्सली बताकर गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें लेकर रायपुर पहुंच गए थे। कहा जाता है कि जीपी सिंह उनसे सरेंडर करवाकर गैलेंट्री अवॉर्ड पाना चाहते थे, लेकिन उससे पहले ही हकीकत सबके सामने आ गई। इसके बाद उन आदिवासियों को वापस भेज दिया गया था।
जीपी सिंह की दबंगई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब वह पुलिस अधीक्षक थे तो उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी और तत्कालीन आईजी एमडब्ल्यू अंसारी के बंगले पर छापा मार दिया था। दरअसल, दोनों अफसरों में बनती नहीं थी। ऐसे में उन्होंने आईजी के बंगले में बने पीएसओ के कमरे में छापेमारी की और ढाई लाख रुपये भी बरामद किए थे। साथ ही, प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह रकम लूट की होने की जानकारी दी थी। जब विवाद बढ़ा तो सरकार ने बस्तर आईजी एमडब्ल्यू अंसारी का तबादला कर दिया था।
एसपी की खुदकुशी में भी सामने आया नाम
जानकारी के मुताबिक, साल 2011 के दौरान बिहलासपुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आईपीएस राहुल शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी। उस वक्त जीपी सिंह बिलासपुर रेंज के आईजी थे। चर्चा यहां तक थी कि जीपी सिंह और राहुल शर्मा के बीच तालमेल नहीं बन रहा था। वहीं, राहुल शर्मा जब छुट्टी पर गए तो उनकी कुर्सी पर जूनियर अफसर को बैठा दिया था। इसके बाद राहुल शर्मा ने आत्मघाती कदम उठा लिया। हालांकि, इस मामले को पारिवारिक विवाद भी बताया गया था।