छत्तीसगढ़

IPS जीपी सिंह मामला: हाई कोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार ने कैविएट दाखिल की, कही ये बात

jantaserishta.com
10 July 2021 2:52 AM GMT
IPS जीपी सिंह मामला: हाई कोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार ने कैविएट दाखिल की, कही ये बात
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IPS जीपी सिंह पर राजद्रोह का केस, बिलासपुर में पुलिस को चकमा देकर गायब

एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के शिकंजे में फंसे छत्तीसगढ़ के सस्पेंड अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) जीपी सिंह पर गुरुवार देर रात 12 बजे राजद्रोह के तहत FIR दर्ज की गई। उनके सरकारी बंगले से कुछ चिटि्ठयां, फटे हुए पन्ने और पेन ड्राइव मिली थीं, जिसकी जांच में सरकार विरोधी गतिविधियों की बात सामने आई थी।

इसके बाद सिटी कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है। वहीं, जीपी सिंह आखिरी बार बिलासपुर में देखे गए थे। वे वहां से पुलिस को चकमा देकर गायब हो गए। हालांकि, उनकी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।

दो दिन दस्तावेजों का परीक्षण, फिर अफसरों के बयान लिए

डायरी के पन्नों और पेन ड्राइव से निकाले गए दस्तावेजों से सरकारी विरोधी गतिविधियों के संकेत मिले थे। ACB ने दस्तावेजों का ब्योरा तीन दिन पहले ही पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस ने कार्रवाई के पहले करीब 2 दिनों तक इनका परीक्षण किया। उसके बाद छापेमारी में शामिल अफसरों का बयान लिया गया। उनके बयानों और दस्तावेजों के आधार पर मामला दर्ज किया गया।
चिटि्ठयों को सरकार के खिलाफ षड्यंत्र माना
जीपी सिंह के सरकारी बंगले और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान जो चिटि्ठयां और दस्तावेज मिले हैं, उनमें ऐसी बातें लिखी हुई हैं जो सरकार के खिलाफ साजिश की तरफ सीधा इशारा कर रही हैं। पत्र के अलावा डायरी के कुछ पन्ने ऐसे हैं, जिनमें कुछ लोगों को लेकर गंभीर आपत्तिजनक टिप्पणियां हैं, जिन्हें पुलिस यह मान कर चल रही है कि इनसे समाज में मौहाल बिगाड़ने का प्रयास भी किया गया।

रायपुर। निलंबित IPS जीपी सिंह की ओर से बिलासपुर हाईकोर्ट में रिट याचिका लगाए जाने के बाद राज्य सरकार ने अदालत में कैविएट दाखिल किया है। राज्य सरकार ने कहा है कि इस मसले पर दायर याचिका में सीधे कोई फैसला या संरक्षण देने से पहले राज्य सरकार का पक्ष सुना जाए। इसके पहले जीपी सिंह ने खुद पर हो रही कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी।

90 पन्नों की इस याचिका में जीपी सिंह ने पूरे मामले में स्वतंत्र एजेंसी CBI से जांच कराए जाने की मांग की है। याचिका में अंतरिम राहत के तौर पर किसी स्वतंत्र एजेंसी से मामले की जांच शुरू नहीं होने तक राज्य की पुलिस की जांच पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।
इधर सूत्रों के मुताबिक EOW ने जीपी सिंह के सहयोगियों को नोटिस जारी किया है। मणीभूषण, प्रीतपाल चाण्डोक और राजेश बाफना को नोटिस जारी किया गया है। वहीं EOW की टीम निलंबित ADG के निवास पर भी गई थी। लेकिन नोटिस रिसीव नहीं होने पर वापस लौट गई।
आपको बता दें कि आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर ACB ने जीपी सिंह के सरकारी आवास समेत करीब 10 ठिकानों पर छापा मारा था। 68 घंटे चले मैराथन छापे में 10 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति के कागजात, कुछ डोजियर, टूलकिट दस्तावेज और पेन ड्राइव मिले थे। जिसके बाद जीपी सिंह को निलंबित करते हुए राजद्रोह का केस भी दर्ज किया गया है।

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