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राज्यपाल अनुसुईया उइके से राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय ओडिशी नृत्यांगना पूर्णाश्री राउत ने सौजन्य मुलाकात की और नृत्य शास्त्र पौराणिक उत्पत्ति नामक काफी टेबल बुक भेंट की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त एम.के. राउत भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने नृत्य शास्त्र पौराणिक उत्पत्ति नामक काफी टेबल बुक के संदर्भ में कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति प्राचीनकाल से ही समृद्ध रही है तथा राज्य के प्राचीन मंदिरों की दीवारों पर नृत्य की प्रतिमाओं के पीछे दार्शनिक संकल्पना को संगीत एवं नृत्य प्रेमियों, पर्यटकों तक पहुंचाने के उद्देश्य से प्रकाशित इस कॉफी टेबल बुक को उपयोगी साबित होगी और इसके लिए उन्होंने लेखिका पुर्णाश्री राउत को बधाई और शुभकामनाएं दी। लेखिका पूर्णाश्री राउत ने बताया कि सभी शास्त्रीय नृत्यों की उत्पत्ति पौराणिक कथा से हुई है। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला स्थित भोरमदेव मंदिर और जांजगीर स्थित विष्णु मंदिर की दीवारों में उकेरी गई नृत्य प्रतिमाएं भारतीय शास्त्रीय नृत्य की समृद्ध परंपरा की संवाहक है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य को प्राचीन काल में देवदासी नृत्य के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह नृत्य मंदिरों के गर्भ गृह और मंदिर के बाह्य आवरण में किया जाता था। इस कॉफी टेबल बुक में छत्तीसगढ़ के भोरमदेव मंदिर और विष्णु मंदिर की तस्वीरों को प्रमुखता से शामिल किया गया है।
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