रायपुर। बीजेपी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर वंचितों के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने पहुंचे विशेष पिछड़ी जनजाति कमर, भुंजिया समाज का अपमान किया है। ये बाबा साहेब के संविधान के तहत विशेष सीधी भर्ती का अधिकार मांगने पदयात्रा करते हुए मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने उन्हें उनका अधिकार देने की बजाय उन्हें अपमानित कर दिया। यह संविधान निर्माता का अपमान है। इसके लिए मुख्यमंत्री वंचितों से माफी मांगते हुए उन्हें तत्काल सीधी भर्ती का अवसर दें। भाजपा वंचितों के हक के लिए संघर्ष करेगी।
गोंडवाना भवन में आदिवासी युवाओं से मिलने पहुंचे भाजपा नेताओं को भुंजिया व कमार जनजाति के युवाओं ने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर सीधी भर्ती का अधिकार है। डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में भाजपा की सरकार ने सामाजिक उत्थान के लिए कदम उठाए। सीधी भर्ती की। भूपेश बघेल सरकार ने यह सीधी भर्ती बंद कर जनजाति समाज की तरक्की के रास्ते बंद कर दिए।
बीजेपी नेता जब विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं से मिले तो उन्होंने बताया कि अब भूपेश बघेल सरकार ने चलाचली की बेला में सीधी भर्ती निकाली तो गरियाबंद, महासमुंद और धमतरी जिलों में भर्ती नहीं हुई। इस पर हम विशेष पिछड़ी जनजाति समाज के युवा पैदल चलकर मुख्यमंत्री के पास अधिकार मांगने पहुंचे। जिन्हें मुख्यमंत्री ने अपमानित करते हुए कहा कि जहां भी भर्ती हुई है, सब फर्जी है। कहीं कोई सीधी भर्ती नहीं होगी। जबकि विशेष पिछड़ी जनजातियों के युवाओं का कहना था कि 20 फीसदी भी भर्ती कर दें तो सारे वंचितों को नौकरी मिल सकती है। मुख्यमंत्री ने उनकी बात नहीं सुनी।
बीजेपी ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री बस्तर में आदिवासी समाज को फुसलाने के लिए तथाकथित भरोसे का सम्मेलन आयोजित करते हैं और दूसरी तरफ विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं को उनके अधिकार से वंचित करते हुए उन्हें अपमानित कर रहे हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति के युवा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास कोई खैरात मांगने नहीं गए थे बल्कि वे अपना अधिकार मांग रहे थे। उन्हें इस तरह अपमानित किया जाना साबित कर रहा है कि सत्ता के घमंड में चूर भूपेश बघेल समाज की अंतिम पंक्ति के युवाओं के साथ अन्याय कर रहे हैं और उनका तिरस्कार भी कर रहे हैं।