मनरेगा श्रमिकों के कौशल उन्नयन के लिए समय-सीमा में प्रशिक्षण पूर्ण करने के निर्देश
demo pic
रायपुर। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) श्रमिकों को अंशकालिक रोजगार के बदले पूर्णकालिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश के 4500 मनरेगा श्रमिकों को कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की 'उन्नति' परियोजना के तहत 45 वर्ष तक की उम्र के मनरेगा श्रमिकों का कौशल विकास किया जाएगा। कौशल उन्नयन के बाद उन्हें आय का स्थाई साधन प्राप्त करने में सहुलियत होगी। 'उन्नति' परियोजना के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 795 मनरेगा श्रमिकों का कौशल विकास किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने प्रदेश के सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को परिपत्र जारी कर वर्ष 2018-19 में मनरेगा के अंतर्गत 100 दिनों का कार्य पूर्ण कर चुके परिवारों के चिन्हांकित 4500 श्रमिकों को समय-सीमा के भीतर कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा इसके लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को अपने-अपने जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY), ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (R-SETI) एवं कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) में प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध व्यवस्था और परिस्थिति के अनुरुप प्रशिक्षण संस्थान का चयन करने कहा गया है। परिपत्र में कहा गया है कि इन तीनों प्रशिक्षण संस्थानों में से किसी भी संस्थान में श्रमिकों को प्रशिक्षण दिलवाकर जिले को आबंटित लक्ष्य को पूर्ण किया जा सकता है। प्रशिक्षण संस्थान को लेकर किसी भी प्रकार की कोई बाध्यता नहीं है। प्रशिक्षण के लिए निर्धारित लक्ष्य हासिल कर लेने के बाद जिलों को उनके अनुरोध पर अतिरिक्त लक्ष्य भी दिया जा सकता है।
'उन्नति' परियोजना
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की 'उन्नति' परियोजना का उद्देश्य मनरेगा श्रमिकों को कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण देना है। इसके तहत अधिकतम 45 वर्ष तक के मनरेगा श्रमिकों का कौशल विकास किया जाता है। इससे उन्हें आय के स्थाई साधन प्राप्त होंगे और उनकी आजीविका में सुधार होगा तथा वे आंशिक रोजगार से पूर्ण रोजगार की ओर बढ़ सकेंगे। परियोजना के अंतर्गत चयनित हितग्राहियों को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान तथा कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।