छत्तीसगढ़

किसानों के लिए कुछ करने के बजाए मुख्यमंत्री के खेल में लगी हुई है कांग्रेस : बृजमोहन अग्रवाल

Nilmani Pal
4 Sep 2021 2:24 PM GMT
किसानों के लिए कुछ करने के बजाए मुख्यमंत्री के खेल में लगी हुई है कांग्रेस : बृजमोहन अग्रवाल
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रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहां की अवर्षा, अल्प वर्षा व खंड वर्षा के चलते पूरे प्रदेश में भयावह सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रदेश के 178 तहसीलों में से लगभग 125 तहसीलों में औसत से कम वर्षा होने के चलते किसान परेशान व बेहाल है, हाहाकार मचा हुआ है। सरकार किसानों के लिए कुछ करने के बजाय मुर्गा लड़ाई में भिड़ी हुई है। कांग्रेस के लिए किसान के जिन्दगी खुशहाल करने आपातकालीन योजना बनाने के बजाय मुख्यमंत्री की कुर्सी प्राथमिकता हो गई है। अग्रवाल ने बयान जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में अवर्षा के चलते खेतों में दरारे पड़ रही है। किसानों के धान पीले पढ़कर सूख रहे हैं। अनेक तहसीलों में तो किसान पर्याप्त पानी नहीं होने के कारण थरहा भी नहीं लगा पाए हैं। वहीं अधिकांश जगहों पर बियासी नहीं हो पाई है। धान सहित खरीफ की सभी फसलें सुख कर बर्बाद हो रही है और सरकार योजना बनाकर किसानों को बचने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

अग्रवाल ने भूपेश सरकार पर तीखे हमले करते हुए कहा है कि यह सरकार सिर्फ और सिर्फ किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रही है किसानों के तरफ ध्यान देने के बजाय, सूखे की स्थिति से लड़ने के बजाय मुख्यमंत्री बनने आपस में मुर्गा लड़ाई लड़ रही हैं। किसानों को चुनाव से पहले जन घोषणा पत्र का ख्वाब दिखाकर वोट तो ले लिया पर सत्ता में आते ही किसानों को उन्हीं के हाल पर छोड़ दिया है। 2500 रुपए धान खरीदी का वादा पूरा नहीं किया। 2 साल का बोनस का वादा पूरा नहीं किया और तो और किसानों को मिलने वाली ड्रिप, स्प्रिंकलर कृषि यंत्रो सहित अन्य उपकरणों के सब्सिडी व उपकरण मिलना भी बंद हो गया है। यह पहली बार है जब किसानों को बीज, खाद, दवाई सब ब्लैक में लेना पड़ रहा है।

अग्रवाल ने कहा कि दुर्गुकोंदल, चारामा, कांकेर, बीजापुर, भानूप्रतापपुर, नरहरपुर, अंतागढ़, कोयलीबेड़ा केशकाल, माकड़ी, कोंडागांव, मल्हार, पत्थलगांव, कुआकोंडा, राजपुर, बकावंड, डौंडी, बीजापुर ,भोपालपट्टनम, भैरमगढ़, उसूर, सरायपाली, पिथौरा, रायगढ़, सूरजपुर, प्रतापपुर जैसे वनाच्छादित क्षेत्र में भी औसत से कम वर्षा होना गंभीर स्थिति की ओर ध्यान इंगित करता है वहीं मैदानी एरिया में भी वर्षा की अमूमन यही स्थिति है। प्रदेश के अधिकांश तहसीलों में पानी की कमी के चलते व्यासी ही नहीं हो पाई है। जिससे फसल बर्बादी के कगार पर है। सरकार को सूखे की स्थिति को देखते हुए अभी से आपातकालीन, दीर्घकालीन प्लान बना कर किसानों को सहायता करने के लिए योजनाएं बनानी चाहिए। इसके बजाय मुख्यमंत्री व मंत्रीगण, मुख्यमंत्री पद को बचाने आपातकालीन योजना बनाने में ही लगे हुए है और प्रदेश के किसान बदहाल एवं परेशान हैं। अग्रवाल ने राज्य सरकार से मांग की है कि अवर्षा एवं सूखे की स्थिति को देखते हुए पूरे प्रदेश में तुरंत आपातकालीन प्लान बने वह किसानों को तत्काल राहत पहुंचाया जाए।

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