छत्तीसगढ़

अभिनव पहल : पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर जनजाति के 20 बच्चे अब पढ़ेंगे संकल्प में

Nilmani Pal
8 April 2022 1:49 AM GMT
अभिनव पहल : पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर जनजाति के  20 बच्चे अब पढ़ेंगे संकल्प में
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जशपुर। अब वो दिन दूर नहीं जब जशपुर जिले का कोई पहाड़ी कोरवा, बिरहोर जनजाति का विद्यार्थी भी बोर्ड परीक्षा की प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करेगा और देश के किसी प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग महाविद्यालय या चिकित्सा महाविद्यालय में अध्ययन करेगा। भविष्य में जिले को सौगात के रूप में इन समुदाय के बच्चे भी इंजीनियर और डॉक्टर बन कर अपनी सेवाएं दे सकेंगे। जशपुर जिले में संचालित संकल्प शिक्षण संस्थान ने शिक्षा के क्षेत्र में राज्य में अपनी पृथक पहचान बनाकर सफलता का परचम लहराया है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में संकल्प शिक्षण संस्थान में जशपुर जिले की विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह ;च्ंतजपबनसंतसल टनसदमतंइसम ज्तपइंस ळतवनचेद्ध पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर जनजाति के 20 बालक-बालिकाओं को कक्षा 9वीं में प्रवेश दिया जाएगा।

संकल्प शिक्षण संस्थान में इन बच्चों के लिए पृथक से एक कक्षा संचालित की जाएगी। इन बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान कर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा की प्रावीण्य सूची में लाने की पहल की जाएगी। प्रतियोगी परीक्षाएं जैसे- जे.ई.ई., नीट की तैयारी भी करायी जाएगी। इस संस्था में आगामी चार वर्षों में इन चयनित 20 बच्चों को हरसंभव बेहतर शिक्षा देकर उन्हें अच्छी उच्च शिक्षा के लिए तैयार किया जाएगा। यहां इन सभी बच्चों को आवास, भोजन एवं अन्य सभी सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। परियोजना प्रशासक जशपुर श्री बी.के. राजपूत ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर संकल्प शिक्षण संस्थान द्वारा एक नवाचार के रूप में पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर जनजातीय समुदाय के बच्चों को संकल्प में आवासीय सुविधा प्रदान कर कक्षा 9वीं में प्रवेश देने की योजना बनाई गई है। संकल्प शिक्षण संस्थान के प्राचार्य श्री विनोद कुमार गुप्ता ने भी संकल्प के समस्त स्टॉफ के साथ संकल्पित हो कर हरसंभव प्रयास कर इन बच्चों को माध्यमिक शिक्षा मण्डल की बोर्ड परीक्षा की प्रावीण्य सूची में स्थान दिलाने एवं जे.ई.ई., नीट की परीक्षा में सफलता दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ने की बात कही है। इस अभिनव पहल से निश्चित रूप से दूरगामी और सुखद परिणाम देखने को मिलेगा। इन बच्चों के माध्यम से इस समुदायों के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

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