पिथौरा। कुप्रथा और अंधविश्वास कई जगह आज भी देखने को मिलते हैं. इन अज्ञानता की वजह से मासूमों को दर्द सहना पड़ता है. एक ऐसा ही अंधविश्वास का मामला महासमुंद जिले से आया है. यहां इलाज के नाम पर दुधमुंहे बच्चे को गर्म सरिया और अगरबत्ती से दागा गया. मासूम सी जान को एक दो नहीं 12 बार दागा गया. वहीं दूसरी मासूम बच्ची को 6 बार दागा गया है.
दागना एक सामाजिक कुप्रथा है, जो जानकारी के अभाव में इलाज के नाम पर आज भी ग्रामीण इलाकों में इस प्रकार के कृत्य करते नजर आते हैं. इस कुप्रथा का सबसे ज्यादा खामियाजा नवजात बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. मासूमों के इलाज के नाम पर पेट पर बने दागने के निशान देख कर हर किसी का दिल दहल जाएगा, लेकिन उनके परिजनों का ना तो दिल पसीजा और ना ही कलेजा कांपा. इन मासूमों को इस दुनिया में आए महज 15 से 20 दिन ही हो रहा है.
इस प्रकार के एक नहीं दो-दो मामले सामने आए हैं. दोनों का इलाज बसना के नर्सिंग होम में चल रहा है. यह पूरा मामला महासमुंद जिले के बसना के ग्राम बडेडाभा और पिथौरा के ग्राम मोहगांव का है. जहां आज भी दागना कुप्रथा का दंश ग्रामीण इलाकों में जारी है.