छत्तीसगढ़
उद्योगपति लाएं एप्रोच में परिवर्तन, तभी ग्रामीणों से मिलेगा समर्थनः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
jantaserishta.com
25 Jan 2022 3:20 PM GMT
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जगदलपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बस्तर चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज जगदलपुर के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री बघेल ने समुंद चौक के पास स्थित संस्था के भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नवनिर्वाचित अध्यक्ष मनीष शर्मा एवं अन्य पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए बस्तर के विकास में उनके निरंतर योगदान देने की आशा व्यक्त की। मुख्यमंत्री बघेल ने अपने भाषण के दौरान चेंबर आफ कामर्स जगदलपुर को भवन निर्माण के लिए किफायदी दर पर जमीन देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने ये घोषणा की है कि चेंबर आफ कामर्स को जमीन खरीदने पर 10 फीसदी की छूट प्रदान की जाएगी।
बस्तर चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज जगदलपुर के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा है कि उद्योगपतियों को अपने एप्रोच में परिवर्तन लाना होगा और इस तरह वो नए उद्योगों के लिए ग्रामीणों का समर्थन हासिल कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि उद्योगपतियों को उद्योग स्थापित करने वाले क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं का सर्वे करना चाहिए और उसके अनुसार ही कुशल और अकुशल स्थानीय लोगों को रोजगार देने की योजना बनानी चाहिए, इससे उन्हें ग्रामीणों का समर्थन हासिल होगा।
मुख्यमंत्री ने जीएसटी पर चर्चा करते हुए कहा है कि वर्ष 2022 से भारत सरकार से मिलने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि बंद हो जाएगी और इससे छत्तीसगढ़ को प्रतिवर्ष 5 हजार करोड़ रूपए का नुकसान होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत सरकार की नीति ऐसी है कि जो राज्य उत्पादक हैं वो नुकसान में हैं और जो राज्य उपभोक्ता हैं वो फायदे में हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ किसानों और वनवासियों का प्रदेश है और हमें इनके हित के लिए काम करना है। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं की वजह से किसानों की क्रय शक्ति बढ़ी है और इस वजह से बाजार में किसानों के खर्च करने की क्षमता में बढ़ोत्तरी हुयी है।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा है कि बस्तर में विकास की व्यापक संभावनाएं हैं मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों के बारे में कहा है कि वो प्रदेश के सिस्टम का अहम हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में ये भी कहा है कि बस्तर बढ़ेगा तो ही छत्तीसगढ़ भी आगे बढ़ पाएगा, क्योंकि असंतुलित विकास से राज्य कभी आगे नहीं बढ़ सकता है।
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