नशा का केंद्र बना रायपुर, बढ़ रहा अपराध
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में नशे का कारोबार दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। रोजाना नशे की दवाई का कारोबार रायपुर के अलग-अलग इलाकों में मेडिकल दुकानों के जरिए बिकने लगा है। शहर भर में नशे का व्यापार जोरो से बढ़ रहा है। नशा कारोबार को बंद करने के लिए रायपुर पुलिस का अभियान जारी है। लेकिन विश्वसनीय सूत्रों की माने तो शहर के पुलिस लाइन इलाके के आस-पास के दवाई दुकानों में तस्करों और दवाई दुकान के संचालकों द्वारा लोगों को भारी मात्रा में नशीली सिरप और दवाइयां बेचीं जा रही है। रहवासियों का कहना है कि पुलिस की पेट्रोलिंग उन दवाई दुकानों में रूकती है मगर वो भी दुकानदारों पर कोई करवाई नहीं करती है। दवाई-दुकान में कई तरह की दवाइयां मिलेंगी मगर किसी नशीली दवाई की बड़ी खेप दुकान में रखना अवैध कारोबार में आता है। जिंदगी चलाने और बचाने के लिए शहर में थोक के भाव खुली दवा दुकानों में नशे का जहर बेचा जा रहा है। दवा दुकानदार बगैर डाक्टर की पर्ची के ही कई प्रतिबंधित दवाएं लोगों को मुनाफा कमाने के चक्कर में दे रहे हैं, जो लोगों की जान के लिए घातक हैं।
नशीली दवाइयों की सप्लाई नहीं रुक रही : राजधानी में नशीली दवाओं का अवैध कारोबार को रोकने के लिए पुलिस ने अब दवाओं के बड़े सप्लायरों की तलाश शुरू कर दी है। जिसके चलते पुलिस को नशीली दवाओं की तस्करी में महाराष्ट्र और ओडिशा के बाद अब दिल्ली और यूपी के नेटवर्क का पता चला है। ये दो शहर दवाओं के कारोबार में बहुत प्रचलित है। इस चेन को तोडऩे का प्रयास करने के लिए पुलिस ने दिल्ली और यूपी के कुछ बड़े दवा कारोबारियों की सीधे फैक्ट्रियों से सांठगांठ खुफिय़े तरीके से बनाने शुरू कर दिए है। मेडिकलों में बिना रिकार्ड के नशीली दवा फैक्ट्री से मंगवाकर छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में में सप्लाई किया जा रहा हैं।
युवाओं में नशे का सेवन ज्यादा: राजधानी में कई युवा, नाबालिग नशीली दवाओं के सेवन के आदी हो गए हैं। खासकर झुग्गी बस्ती में नशीली दवा का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। अधिकांश मोहल्ले, बस्तियों में कफ सिरप, टेबलेट आदि खपाने वाले सक्रिय हैं। छोटी दवा दुकानों से नेट्रावेट, कोडीन और कोरेक्स सिरप आदि खरीदकर नशीली दवाओं का धंधा करने वाले बाइक, आटो से गली-मोहल्लों में जाकर नशेडिय़ों को चार-पांच गुना दाम में दवा बेच रहे हैं। नशीली दवा के कारोबार रायपुर हीं नहीं, प्रदेश भर में नशीली दवाओं का कारोबार फिर से बढ़ रहा है। रैकेट बनाकर तस्कर गली-मोहल्लों में नशीली दवा खपा रहे हैं। युवा और नाबालिग सबसे ज्यादा इसकी लत के शिकार हैं। दवा दुकानों से ये दवाएं नियमित ग्राहक को ही दी जा रही हैं। नशीली दवाइयां प्रतिबंधित हैं, डॉक्टर के बिना पर्ची बेची नहीं जा सकतीं, लेकिन नशेडिय़ों को यह दवाइयां मोहल्ले की किराना दुकानों से लेकर पंक्चर की दुकानों में आसानी से मिल रही हैं।
नशे के कारोबार में सट्टा-जुआ: राजधानी के आसपास आउटर में जुआ-सट्टा से लेकर नशीली दवा के साथ ड्रग का खुलेआम खरीद-फरोख्त होने बात जगजाहिर है। यहां का पूरा क्षेत्र काले कारोबार करने वालों के लिए स्वर्ग से समान है। एक तरफ शहर के अंदर बड़े -बड़े होटलें बंद हो रहे है. वहीं दूसरी तरप आउटर में धड़ाधड़ होटलें खुलते जा रहे है। इससे साफ हो जाता है कि कमाई का सबसे बड़ा पाइंट आउटर बन गया है। राजधानी में खुलते जा रहे हुक्काबार दिन दूनी रात चौगुनी फैलते जा रहे हैं। रायपुर शहर के प्राय: सभी युवा इस परिपाटी को अपना जीवन शैली मानकर अपनी जिंदगी को नशे के सागर में ढकेल रहे है। जिसे रोकना अभिभावक के साथ प्रशासन की भी जिम्मेदारी बनती है। नहीं तो आने वाली पीढ़ी नशे में पूरी तरह डूब जाएगी। तथा आने वाली पीढ़ी तथा नए जमाने के कर्ताधर्ता लोग कभी भी नेताओं की और प्रशासन की दी हुई इस पीड़ा को भूला नहीं पाएंगे और जीवन भर कोसेंगे।
ऐसे हो रही नशीली दवाई की सप्लाई
नशीली दवा सप्लाई करने वाले गैंग के लोगों को पुलिस जल्द ही अपनी गिरफ्त में ले लेगी। इसकी पूरी तैयारी करने में पुलिस जुट गई है इनमें से एक गैंग का सरगना है। वह का एक चर्चित दवा व्यवसायी है। पुलिस अपने स्तर पर टीम गठित कर कार्रवाई करने के लिए रवाना होगी। दिल्ली और यूपी गैंग 11 राज्यों में नशीली दवाइयों की सप्लाई करता है। जिससे युवा नशे का आदि हो जाते है, युवाओं की पूरी नस्ल को नशा कारोबारी बर्बाद करने में लगे हुए है। पुलिस को झांसा देने तस्कर बाइक और लग्जरी गाडिय़ों का उपयोग कर रहे हैं। बाइक में सप्लायर बस्तियों व मोहल्ले में आसानी से सप्लाई करते हैं। पुलिस को जो इनपुट मिला है उसके अनुसार हर इलाके में नशीली दवाइयों के तस्करों के एजेंट है। उन्हें पार्सल बनाकर दवाइयां छोड़ी जा रही है। बिक्री एजेंटों के माध्यम से करवायी जा रही है। एजेंट दो से तीन गुना दाम में बेचते हैं।
नशा कारोबार शहर के आउटर इलाकों में भी
शहर के सभी इलाकों में नशीली दवाओं का अवैध कारोबार चल रहा है। दिन हो या रात, खरीदने वाले खुलेआम इन दुकानों पर पहुंचते हैं और मनमाफिक नशे की दवा खरीदते हैं। शहर के आउटर इलाके की कई दुकानों पर दवा की आड़ में नशे का कारोबार हो रहा है। नाइट्रा सहित कोरेक्स व अन्य प्रतिबंधित दवाएं, जिन्हें डाक्टर की पर्ची के बिना देना अपराध की श्रेणी में आता है, खुलेआम बिक रही हैं। नशेड़ी इन्हें 50 फीसदी अधिक दाम में भी खरीद लेते हैं। इसके कारण दुकान संचालकों के लिए यह कमाई का बड़ा जरिया है।