इंदिरा बैंक घोटाला: 17 साल बाद फिर पूर्व मैनेजर से हुई पूछताछ
सभी पूर्व डॉयरेक्टरों पर अपराध दर्ज है लेकिन आज तक पुलिस चालान पेश नहीं कर सकी, अधिकतर डॉयरेक्टर चल बसे है.
रायपुर (जसेरि)। राजधानी के चर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला में 17 साल बाद तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा को पूछताछ के लिए थाना तलब किया गया। उमेश से पुलिस अधिकारियों ने तीन घंटे पूछताछ की है। उनका बयान रिकॉर्ड करने के बाद जाने दिया। पूर्व मैनेजर से कहा गया है कि जरूरत पडऩे पर उन्हें फिर पूछताछ के लिए थाने बुलाया जाएगा। अधिकारियों ने नार्को टेस्ट की सीडी देखकर जांच के एक दर्जन बिंदु तय किए हैं, जिस पर आगे जांच होनी है। पुलिस ने पीडि़तों को नोटिस जारी किया गया है। उन्हें भी बयान देने के लिए बुलाया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस मामले में कई अहम बिंदु हैं, जिस पर जांच नहीं हो पाई है। इसमें जांच होने से कुछ नए खुलासे होंगे। इसमें कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की जानी है। घोटाला जब फूटा था तब भी कई नामों की चर्चा हुई थी। लेकिन उन्हें न पूछताछ के लिए बुलाया गया न कार्रवाई की गई।
रेलवे की जमीन पर कब्जा, 11 साल बाद वारंटी गिरफ्तार
रेलवे सुरक्षा बल ने रेलवे की संपत्ति पर कब्जा करने के मामले में वारंटी बुजुर्ग को 11 साल बाद यूपी से गिरफ्तार किया है। वारंटी पर आरोप है कि गोंदवारा श्रीकांत धर्मशाला के सामने 68 वर्षीय सतीश चंद्र गिरी ने अवैध कब्जा किया था, जो कि रेलवे की संपत्ति है। इस व्यक्ति के खिलाफ रेलवे मजिस्ट्रेट ने स्थायी वारंट जारी किया था। आरपीएफ रायपुर पोस्ट प्रभारी एमके मुखर्जी ने बताया कि जिस समय इस व्यक्ति के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया था उस समय उम्र 55 साल थी। वह लंबे समय से फरार चल रहा था। इनके खिलाफ 2012 में कोर्ट से वारंट जारी किया गया था।
आरोपी की पतासाजी की जा रही थी। इस दौरान पता चला कि वारंटी वर्तमान में ग्राम नरौली, थाना धानापुर, जिला चंदौली, उत्तरप्रदेश में रह रहा है। इसके बाद वारंटी की गिरफ्तारी के लिए आरपीएफ की एक टीम बनाकर यूपी भेजा गया।