सीमावर्ती इलाकों में बढ़ाएं चौकसी, कलेक्टर रानू साहू ने दिए निर्देश
रायगढ़। जिले में धान खरीदी का कार्य जारी है। अगले कुछ दिनों में उपार्जन केन्द्रों में धान की आवक बढ़ेगी। इसके लिए वहां तमाम जरूरी सुविधाओं के साथ ही जिले के सीमावर्ती इलाकों में पर्याप्त निगरानी रखी जानी है। जिससे अवैध धान बिक्री के लिए न आए। उक्त निर्देश कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में दिए। धान खरीदी कार्य की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि खरीदी केंद्रों में मिलर्स सही बारदाने भेजें। खाद्य अधिकारी ने बताया कि इस बार खराब बारदाने को रिजेक्ट करने का ऑप्शन भी दिया गया है। उन्होंने संवेदनशील केंद्रों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश देते हुए उप पंजीयक सहकारिता को इसके लिए विशेष रूप से संयुक्त टीम गठित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि समितियों में पटवारी द्वारा सत्यापित रकबे के आधार पर खरीदी की जाए।
कलेक्टर साहू ने वृहत समाधान और स्वास्थ्य शिविर में प्राप्त आवेदनों के निराकरण पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिविर में चिन्हित गंभीर मरीजों के आगे उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने शिविर के आगे की रूप रेखा के संबंध में निर्देशित करते हुए कहा कि अगला शिविर लैलूंगा विकासखंड के बसंतपुर ग्राम में 19 नवंबर को आयोजित होना है। उसके पहले सभी विभाग के ब्लॉक लेवल के अधिकारी अपनी विभागीय योजनाओं से हितग्राहियों को जोडऩे और उनकी समस्या के संबंध में डोर टू डोर सर्वे करे। जिससे शिविर वाले दिन तक उन समस्याओं का निराकरण कर लिया जाए।
कलेक्टर साहू ने गोधन न्याय योजना की समीक्षा भी बैठक में की। उन्होंने गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के बारे जानकारी ली। उन्होंने वन मंडलाधिकारियों से कहा कि वन विभाग के गौठानों में भी नियमित रूप से खरीदी होनी चाहिए। उन्होंने हरा चारा उत्पादन के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने विभिन्न बीमा योजनाओं के हितग्राहियों के भुगतान को लेकर भी अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना के हितग्राही की यदि मृत्यु होती है या दुर्घटना होती है तो उसका क्लेम उसे मिल सके। इसके लिए सभी पंचायत में सचिवों के पास ने गांव के हितग्राहियों की डिटेल होनी चाहिए। जिससे ऐसी स्थिति में तत्काल भुगतान की कार्यवाही शुरू की जा सके। कलेक्टर श्रीमती साहू ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को फौती और नामांतरण के प्रकरणों का तेजी से निराकरण करने के निर्देश दिए।