ससुराल वालों ने बहू और पोते को किया अलग, शिकायत पर एसडीएम ने दिलाया न्याय
गरियाबंद। बकरी की लड़ाई में 18 माह के दूधमुंहे बच्चे को अलग कर मां को निठल्ले पति ने घर से निकाल दिया था. एसडीएम ने मां के दर्द को समझते हुए 24 घंटे के भीतर बच्चे से मिला दिया. बच्चे को एक बार फिर अपनी बाहों में लेकर मां की आंखों से आंसू बह निकले.
एसडीएम अर्पिता पाठक ने बताया कि शुक्रवार को दिवानमुड़ा निवासी कामोराम यादव अपनी विहाता बेटी भवानी के साथ कार्यालय पहुंचे. भवानी ने लिखित आवेदन देकर बताया कि उसका ससुराल ओडिसा के चंदाहांडी थाना क्षेत्र के भाटीपारा ग्राम में है. 9 अगस्त को पति मिश्रा राम व सास-ससुर ने मारपीट कर घर से भगा दिया, और उसके 18 माह के बेटे को भी उनसे अलग कर दिया है. बेटे से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है. एसडीएम ने कहा कि मामला अंतरराज्यीय था, ऐसे में चंदाहांडी पुलिस को भी पत्र लिख देवभोग पुलिस के साथ मिल बेटे को लाया गया. आज सुबह बेटे को मां के सुपर्द कर दिया गया.
पीड़िता अपना दर्द बताते हुए रो पड़ी. उसने बताया कि अगस्त के पहले सप्ताह में पति के साथ माइके आई थी, पति कोई काम-धाम नहीं करता. इस पर बकरी खरीदने पिता से 5 हजार रुपए दिलाए, जिससे कुछ रोजगार शुरू हो सके. पैसे लेकर ससुराल चली गई. 8 अगस्त को बकरी खरीदने पति घर से निकला था. देर शाम घर खाली हाथ लौटा. बकरी के बारे में पूछते ही आग बबूला हो गया. सास-ससुर और चाचा ससुर के साथ मुझे पिटना शुरू कर दिए. पीटते-पीटते घर से बाहर निकाल दिया. रात को परिजनों के घर जान बचाने शरण लिया. अगले दिन भाग कर माइके आ गई.