छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या बढ़ाने राज्य सरकार की महत्वपूर्ण पहल

Admin2
21 Jun 2021 10:30 AM GMT
छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या बढ़ाने राज्य सरकार की महत्वपूर्ण पहल
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में वृद्धि के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक के दौरान अचानकमार टायगर रिजर्व में बाघों की संख्या में वृद्धि के लिए वर्ष 2021-22 के अंतर्गत 25 करोड़ 80 लाख रूपए के कार्यो का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह बैठक मुख्यमंत्री श्री बघेल की अध्यक्षता में राजधानी स्थित उनके निवास कार्यालय में आयोजित हुई।

मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में चर्चा करते हुए वन्यप्राणियों के सुरक्षित रहवास पर विशेष जोर दिया। उन्होंने जंगलों में वन्यप्राणियों के भोजन-पानी तथा चारा आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे वन्यप्राणियों के मैदानी क्षेत्र में आवाजाही पर रोक लगेगी और जन धन की क्षति भी नही होगी। बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चैबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ.प्रेमसाय सिंह टेकाम, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, विधायक एवं बोर्ड के सदस्य देवव्रत सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन श्री मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वनबल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, पीसीसीएफ (वन्यप्राणी) श्री पी.व्ही.नरसिंग राव उपस्थित थे।

बैठक में चर्चा करते हुए वन्य प्राणियों के संरक्षण तथा संवर्धन संबंधी विभिन्न प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। इनमें गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान एवं तमोर पिंगुला अभ्यारण्य को टायगर रिजर्व घोषित करने के संबंध में चर्चा हुई। इसके कोर जोन में 2 हजार 49 वर्ग किलोमीटर तथा बफर जोन में 780 वर्ग किलोमीटर इस तरह कुल 2 हजार 829 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल इसमें शामिल है। इसी तरह भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत वन्य प्राणी संरक्षित के चिन्हांकित क्षेत्र में आॅप्टिकल फाईबर केबल बिछाने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इनमें गोमार्डा अभ्यारण्य, उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व, तमोर पिंगला अभ्यारण्य, इंद्रावती टायगर रिजर्व, कांकेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान तथा भोरमदेव अभ्यारण्य के कुछ क्षेत्र शामिल है। इसके अलावा वन क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हाथियों के रेडियो काॅलरिंग और शाकाहारी वन्यप्राणियों को विभिन्न प्रजनन केन्द्रों एवं अन्य स्थानों से प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों के प्राकृतिक रहवास में छोड़े जाने के संबंध में भी चर्चा की गई। इस दौरान गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुण्ठपुर अंतर्गत एतवार से उधैनी मार्ग में गोपद नदी पर पुल एवं पहंुच मार्ग के निर्माण और जगदलपुर-सुकमा-कोन्टा रोड के उन्नयन कार्य के संबंधी प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया गया। वर्चुअल माध्यम से उपस्थित हुए।

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