छत्तीसगढ़

जनता से रिश्ता की खबर का असर: ठेकेदार के गुंडों का वर्चस्व, गाड़ी मालिकों को झेलना पड़ता है अपमान

Nilmani Pal
6 Aug 2024 5:59 AM GMT
जनता से रिश्ता की खबर का असर: ठेकेदार के गुंडों का वर्चस्व, गाड़ी मालिकों को झेलना पड़ता है अपमान
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स्टेशन का पार्किंग ठेका रद्द, ठेकेदार को नोटिस

रोजना सैकड़ों यात्री होते है फजीहत के शिकार, पुलिस-आरपीएफ कार्रवाई की बजाय देखती रहती तमाशा

रायपुर raipur news। राजधानी रायपुर रेलवे स्टेशन पर पार्किंग ठेका रद्द कर दिया गया है. रेलवे ने ठेकेदार को 30 दिन का नोटिस जारी किया है, जिसके बाद एक महीने के भीतर ठेका पूरी तरह से निरस्त कर दिया जाएगा. यह निर्णय रेलवे द्वारा की गई समीक्षा और शिकायतों के आधार पर लिया गया है। रेलवे विभाग ने नई पार्किंग व्यवस्था की तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत, ट्रैफिक पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साथ बातचीत की जाएगी ताकि एक प्रभावी और व्यवस्थित पार्किंग सिस्टम लागू किया जा सके। नई व्यवस्था के लागू होने से ऑटो चालकों और आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद है। रायपुर रेलवे स्टेशन हाल ही में विवादों में घिरा रहा है. पार्किंग के ठेकेदार पर अवैध वसूली के आरोप लगे थे, जिससे स्टेशन पर ऑटो चालकों और आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. यह स्टेशन अवैध वसूली का अड्डा बन गया था, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही थी. रेलवे विभाग की नई व्यवस्था से अवैध वसूली की समस्याओं पर काबू पाने की कोशिश की जाएगी, जिससे रायपुर रेलवे स्टेशन पर ऑटो चालकों और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और सुरक्षा मिलने की उम्मीद है। Raipur Railway Station

chhattisgarh news पार्किंग के नाम पर ठेकेदार कर रहे हैं लाखों की अवैध वसूली: रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए संचालित की जा रही वाहन पार्किंग में पार्किंग के नाम पर लाखों की अवैध वसूली हो रही हैं। पार्किंग को संचालित करने के लिए रेलवे प्रशासन की ओर से ठेकेदार के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं। लेकिन ठेकेदार द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। नियमों को ताक पर रखकर पार्किंग के नाम पर हो रही लाखों की अवैध वसूली से आमजन के साथ ही रेलवे को भी भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों के वाहनों को सुरक्षा देने वाला कोई नहीं है। chhattisgarh

पार्किंग ठेकेदार ने रखे दर्जनभर गुर्गे : अपने रिस्क पर जाएं और मनमाने अवैध तरीके से किराया देकर चुपचाप अपनी गाड़ी उठा कर चल दें। कोई सवाल -जवाब करने पर परेशानी यात्रियों के गले पड़ सकती है। इसकी वजह पार्किंग ठेकेदार आसिफ मेमन और उसके गुर्गे गुंडागर्दी करने से बाज नहीं आ रहे है। पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली इनका पेशा बन गया है, ज्यादा पैसा देने से मना करने पर यात्रियों प्रताड़ित करने के साथ जान से मारने की धमकी तक दिया जाता है। ठेकेदार आसिफ मेमन द्वारा रेलवे स्टेशन में दर्जनभर गुर्गे भी रखे हैं। जो धमकी और मारपीट जैसे वारदातों को अंजाम देने में पीछे नहीं हटते।

असामाजिक तत्वों का अड्डा: राजधानी के पार्किंग स्थलों में असामाजिक तत्वों का अड्डा-एयरपोर्ट से लेकर बस स्टैंड और अन्य पार्किंग स्थल असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है। सभी जगह यात्रियों को धमकी दी जाती है। ये कोई नया मामला नहीं है। शिकायत के बाद पुलिस प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने की जवह से फिर पहले जैसे स्थिति निर्मित हो जाती है। वजह ठेकेदार का आतंक और उन्हें संरक्षण देने वाले नेता और सरकारी अधिकारी। साथ ही पार्किंग स्थलों से गांजा, अफीम जैसे मादक पदार्थो की सप्लाई हो रही है । जुआरी और सटोरिए भी सुरक्षित जगह मानते है।

बस स्टैंड में पार्किंग के नाम पर मनमानी: रायपुर में पार्किंग के नाम पार अवैध वसूली का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट तक जहां जाओ, ठेकेदारों द्वारा तय शर्तों से परे जाकर पैसे मांगे जाते हैं। मनमानी का आलम ये है कि गलत का विरोध कर दो तो धमकी-चमकी, गाली-गलौज और मारपीट।

भाठागांव स्थित अंतरराज्यीय बस टर्मिनल में साइकिल, बाइक और कार को मिलाकर तकरीबन 5 हजार स्क्वायर फीट का पार्किंग एरिया है। ताज्जुब की बात है कि केवल पार्किंग का ठेका लेकर ठेकेदार ने पूरे 1 लाख स्क्वायर फीट के बस स्टैंड कैंपस पर ही कब्जा कर लिया है। बस स्टैंड में आपको कहीं से भी एंट्री करनी हो, ठेकेदार के गुंडे खड़े मिलेंगे। एंट्री शुल्क मांगेंगे। विरोध करने पर ये लोग बदसलूकी करने से भी पीछे नहीं हटते। बुधवार को पत्रिका की टीम मौके पर पहुंची तो भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। इधर, निगम प्रशासन का दावा है कि बस स्टैंड में 10 मिनट फ्री पार्किंग की सुविधा है, लेकिन जब फ्री पार्किंग की जगह पूछी जाती है तो स्टैंड के बाहर गाड़ी लगाने की बात कहकर ये भी बताया जाता है कि पुलिस वाले गाड़ी ले जाएं तो हमें न कहना।

पिकअप करने वाली गाड़ियों को भेज रहे पार्किंग, बदले में वसूल रहे हैं पैसे: इधर, एयरपोर्ट में तो पार्किंग के लिए नियम-कायदे ही बदल दिए गए गए। वह भी ठेका देने के बाद। अमूमन एक बार ठेका देने के बाद नियम नहीं बदले जाते हैं, लेकिन रायपुर एयरपोर्ट ने ये कमाल भी कर दिखाया है। इस पर एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना था कि मुख्यालय के आदेश पर ऐसा किया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता नितिन सिंघवी ने इस खबर के आधार पर आरटीआई लगाकर जानकारी चाही कि आदेश की कॉपी उपलब्ध कराएं तो रायपुर एयरपोर्ट प्रबंधन ने 2017 में जारी एक निर्देश की प्रति दी। जबकि, पार्किंग का ठेका 2018 में हुआ था और तब ठेका शर्तों में पिकअप के लिए आने वाली गाड़ियों को पार्किंग में भेजने का कोई प्रावधान नहीं किया गया था।

1 घंटे के लिए 12 रुपए लेना तय लेकिन वसूली 30 रुपए से भी ज्यादा: रेलवे स्टेशन में तीन घंटे की पार्किंग का शुल्क 12 रुपए है, लेकिन यहां पार्किंग के कर्मचारियों द्वारा एक घंटे की पार्किंग के लिए 30 रुपए वसूल लिए जा रहे हैं। मामला बुकिंग काउंटर के सामने स्थित पार्किंग का है। परेशानी ये कि इन कर्मचारियों की शिनाख्त करना ही मुश्किल है क्योंकि पत्रिका टीम ने दोपहर 2.30 बजे जब मौके पर जाकर पड़ताल की तो ज्यादा पार्किंग कर्मियों के गले में कोई आई कार्ड ही नहीं मिला। बता दें कि तकरीबन डेढ़ माह पहले रेल उपभोक्ता परामर्श दात्री समिति ने इस बारे में बकायदा शिकायत पत्र सौंपा था। इसके बावजूद अवैध वसूली का खेल जारी है। इधर, गेट नंबर 2 के सामने स्थित पार्किंग के आसपास सफाई का भी बुरा हाल है। फ्लोरिंग उबड़-खाबड़ है। इसके चलते लोगों को गाड़ी रखने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

स्टेशन की कैंटीन भी बंद, यात्रियों को हो रही परेशानी

राजधानी के रेलवे स्टेशन की कैंटीन सोमवार को नहीं खुली। यात्री मायूस होकर लौटे। रेलवे की कैंटीन से गरीबों को बड़ी राहत हो जाती है। यहां सस्ता खाना मिल जाता है। कैंटीन बंद होने से स्टेशन पर अधिक पैसे देकर खाना पड़ा। रेलवे ने 45 लाख से कैंटीन का टेंडर इटारसी की सोपान रेस्टारेंट नामक कंपनी को दिया है। ठेका एजेंसी को 7 दिसंबर 2025 तक का टेंडर दिया है। कंपनी ने खुद कैंटीन का संचालन ना करके उसे पेटी कॉन्ट्रेक्टर को दे दिया है। पेटी कॉन्ट्रेक्टर ने अचानक कैंटीन बंद कर दिया है। पेटी कॉन्ट्रेक्टर का कहना है कि रेलवे ने इतना मंहगा टेंडर जारी किया है कि लागत नहीं निकल पा रही है। इस कारण कैंटीन को बंद कर दिया है।वहीं रेलवे के अफसरों की मानें तो पेस्ट कंट्रोल के नाम पर दो दिन के लिए बंद किया गया है। इसके लिए रेलवे फाइन वसूल करेगा। रायपुर रेलवे स्टेशन से रोजाना 50 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। मुंबई हावड़ा रूट होने के कारण सभी गाड़ियों का स्टापेज है। प्लेटफार्म नंबर-1 पर कैंटीन है। यहां 15 रुपए में जनता खाना भी मिलता है। बहुत से यात्री आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं होते कि रेस्टोरेंट और होटलों में भोजन कर सकें।

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