नौटंकीबाज और कमीशनखोर महापौर को हटाने भाजपाइयों खोला मोर्चा
ये कैसा महापौर जो अपने शहर की समस्या से मुंह चुराकर करता है बचने की कोशिश
जब सभी शहरों की समस्या का समाधान पीएम को ही करना है तो महापौर क्यों?
रायपुर। राजधानी रायपुर के महापौर को अपने शहर की न तो कभी चिंता थी और न ही कोई जनहित की समस्या के समाधान में आगे आए। अपनी राजनीतिक पैठ जंचाने के चक्कर में महापौर की कुर्सी हथिया ली जबकि उससे बेहतर महापौर के केंडिटेट कांग्रेस में मौजूद थे उसके बाद भी और पांच साल तक राजधानी कीं कोई समस्यामूलक कार्य का समाधान करने में कभी रूचि नहीं दिखाई। अब जाते -जाते कहने लगे कि रायपुर शहर की समस्या का समाधान तो प्रधानमंत्री भी नहीं कर सकते। जब देश के साथ शहरों की समस्या का समाधान पीएम को ही करना है तो महापौर क्यों चुने जाए इस पद को खत्म कर दिया जाए ताकि सरकारी कार, बंगला, नौकर चाकर का खर्च बचे जिसे पार्षद जनहित में खर्च करें। पार्षदों को ही महापौर की शक्ति दे दी जाए जो कमिश्नर से विकास कार्य मद से राशि मंजूर करा कर उचित मद पर खर्च करे जिसकी लोगों की पहली प्राथमिकता हो। ।
मेयर एजाज ढेबर के बयान से छत्तीसगढ़ सहित राजधानी में गरमाई हुई है। मेयर ढेबर ने कहा था कि यहां पीएम को भी लाकर बैठा दोगे तो शहर की समस्या दूर नहीं होगी। इसे लेकर भाजपा हमलावर हो गई है। भाजपा पार्षद दल ने जहां निगम मुख्यालय के सामने प्रदर्शन कर मेयर से इस्तीफे की मांग की, तो वहीं नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने कहा कि मेयर को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि मेयर ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
भूपेश के रहमो-करम से बने महापौर
2019 के महापौर चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता थी, अपने लोगों को मलाईदार पद देने के लिए महापौर का भी पद के लिए प्रत्यक्ष चुनाव को संशोधित कर हाथ उठाकर महापौर चुनने का रास्ता अपनाया। जिसका फायदा महापौर को मिला। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के रहमो-करम पर महापौर का पद पाने वाले महापौर पिछली लगी से महापौर के पद पर पहुंचे है। पूर्व सीएमभूपेश बघेल ने महापौर राजधानी के विकास के लिए नहीं बनवाया था, महापौर पांच साल तक सिर्फ और सिर्फ अपना विकास करते रहे और शहर को उसकी दुर्दसा पर छोड़ दिया। यहां के नागरिक पांच साल से इसका दंश झेल रहे है।
साव की घुडक़ी के बाद निकले शहर में
महापौर पिछले पांच से महापौर बनकर गांधी भवन की शोभा बढ़ाने वाले महापौर उपमुख्यमंत्री की घुडक़ी के बाद शहर में निकले अब जनता की समस्या को जानने से क्या होगा, 6 माह बाद चुनाव होना है। आचार संहिता जून तक रहने वाली है। कोई भी काम होगा ही नहीं, तो समस्या जानने का नाटक क्यों करना। अब तो आप सभी काम प्रधानमंत्री पर पर ही छोड़ दीजिए, क्योंकि एक जागरूक महापौर के लिए शहर के विकास का विजन जरूरी है। वर्तमान महापौर में तो बिलकुल ही नहीं है। शहर में पिछले 20 साल शारदा चौक चौड़ीकरण का मामला लंबित है। कहा जा रहा है कि महापौर चौड़ीकरण के जद में आने वाले लोगों से महापौर मुलाकात करेंगे। लगता है महापौर मुलाकात करने में पूरा 6 माह निकाल देंगे उसके बाद निगम चुनाव होना है, चौड़ीकरण के जानकार लोगों को कहना है कि समय काटने के लिए महापौर ये उपक्रम कर रहे है ताकि नगर निगम चुनाव की तारीख घोषित होते तक लोगों से मिलने का नाटक जारी रख सके। अब लगता है कि आने वाले नगर निगम चुनाव के बाद भाजपा का महापौर बने तो शारदा चौक के चौड़ीकरण का रास्ता साफ हो। नहीं तो ये महापौर तो पिछले पांच साल से फंडिंग का रोना रो रहे है। जबकि इससे ज्यादा अनाप-शनाप खर्च कर चुके है जिसका जनता का लाभ नहीं मिला।
महापौर एजाज ढेबर ने शहर की समस्याओं को लेकर अफसरों की बैठक लेने के दौरान उन्होंने कहा कि, वार्डों में जो समस्या है, वह मेरे ख्याल से अगर यहां पर पीएम साहब को भी बैठा देंगे तो भी यह परेशानी दूर नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पानी, साफ-सफाई, लाइट यह समस्या अनवरत रहेगी। इसको कोई खत्म नहीं कर सकता। यह समस्याएं खत्म होंगी तो नगर निगम ही खत्म हो जाएंगे। लोगों के जन्म से लेकर मरण तक का काम नगर निगम करता है।
राजधानी की जनता ठगा सा महसूस कर रही
डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि, रायपुर के निर्वाचित महापौर ने पांच साल तक जनता के साथ अन्याय किया है। राजधानी की जनता ठगा महसूस करती रही है। एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि का बयान अत्यंत दुर्भाग्यजनक है। वो जिम्मेदारी नहीं संभाल पा रहे हैं तो उन्हें उस पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि नगर सरकार राजधानी को संभाल नहीं पा रही है।
महापौर नकारा साबित हुए
सांसद सुनील सोनी ने कहा कि बड़े-बड़े वादों के सब्जबाग दिखाकर कांग्रेस की नगर सरकार जिस तरह नाकारा साबित हुई है, उसके बाद ढेबर अब जनाकांक्षाओं को पूर्ण करने से मुंह चुराने का काम कर रहे हैं। दरअसल ढेबर समेत तमाम कांग्रेसी नेता जमीनी समस्याओं और उनके सार्थक समाधान के उपायों से पूरी तरह दूर हैं और इसलिए पूरी कांग्रेस जन विश्वास खो चुकी है। ढेबर समेत तमाम सियासी जुमलेबाज कांग्रेस नेताओं ने पिछले पांच वर्ष में केवल शराब कारोबारियों, रेत माफियाओं, घोटालेबाजों के हितों का ही संरक्षण करने और अपनी तिजोरियां भरने में अपना सारा ध्यान केंद्रित कर रखा था।
जनता के साथ हुए धोखे का प्रमाण
भाजपा मीडिया विभाग के प्रमुख अमित चिमनानी ने लिखा है कि महापौर जी, समस्या बनी रहेगी, तो आपका काम क्या है फिर। मोदी राज में देश चमक रहा है, लेकिन रायपुर में आप लाइट, सफाई की समस्या पर हाथ खड़े कर रहे हैं। ये रायपुर की जनता से हुए धोखे का प्रमाण है। पीएम साहब के आशीर्वाद से भाजपा का महापौर इस समस्या से निजात जरूर दिलाएगा।