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कोर्ट के आदेश पर सरस्वती नगर थाने में पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज.
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी सरस्वतीनगर थाना इलाके में एक पत्रकार के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया हैं। मामलें में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि एक पत्रकार राहुल गिरी गोस्वामी के खिलाफ जबरन पैसा वसूली मामलें में रविशंकर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव शैलेन्द्र पटेल ने शिकायत दर्ज कराया था जिसके बाद शिकायतकर्ता कोर्ट में भी अपराध दर्ज करवाने के लिए याचिका दायर करया था। जिसके बाद आज रायपुर के जिला कोर्ट ने उक्त पत्रकार के खिलाफ आईपीसी की धारा 384 जबरन पैसा वसूली, और पैसा उगाही का मामला दर्ज किया है। पत्रकार राहुल गिरी गोस्वामी द्वारा पीडि़त से 5 लाख रू की मांग की तथा रूपये न देने पर आवेदक के विरूद्ध झुठी खबरे प्रकाशित करवा कर की नौकरी खा जाने की धमकी दी गई जो कि भादवि की धारा 384 के तहत दंडनीय पाये जाने से अनावेदक राहुल गिरी गोस्वामी के विरूध्द धारा 384 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पत्रकार राहुल गिरी गोस्वामी नामक व्यक्ति द्वारा स्वयं को पत्रकार बताते हुए शैलेन्द्र पटेल की छवि खराब करने की धमकी देकर 5 लाख रूपये की अवैध रकम मांगे जाने के सम्बन्ध में रिपोर्ट दर्ज किया गया है। शैलेन्द्र पटेल ने बताया कि उन्होंने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास किया था जिसके बाद 2016 में पी. एस. सी. की परीक्षा पास करने के बाद उनकी पदस्थापना उपकुलसचिव के पद पर हुई थी। पदस्थापना के पूर्व ही चयन समिति द्वारा मेरे समस्त दस्तावेजों का सत्यापन व जांच किया गया था और समस्त दस्तावेज सही पाए जाने पर मेरी नियुक्ति उक्त पद पर की गयी थी। तब से विगत 6 वर्षों से शैलेन्द्र अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का सत्यनिष्ठा पूर्वक निर्वहन कर कर रहे है। उन्होंने पत्रकार पर आरोप लगाया हुए बताया कि उनकी छवि कार्यालय में भी पूरी तरह से बेदाग रही है। कुछ समय पूर्व राहुल गिरी गोस्वामी नामक व्यक्ति द्वारा स्वयं को पत्रकार बता कर उनसे संपर्क किया गया था उस समय कार्यालय में कुछ कर्मचारी मौजूद थे। उस समय राहुल गिरी गोस्वामी द्वारा स्वयं को बड़ा पत्रकार होना बताकर कहने लगा कि पत्रकारिता के काम को बढ़ाने के लिए पांच लाख रु दे दो। तब शैलेन्द्र पत्रकार को समझाया कि पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का छोटा कर्मचारी हूं। इतनी बड़ी रकम किस बात के लिए दूं। तब राहुल गिरी गोस्वामी मुझे अवैध उगाही की नियत से पीडि़त को डराने लगा कि वह पत्रकार है और उनके खिलाफ कोई भी झूठी खबर प्रकाशित कर उनकी नौकरी खा जायेगा। पीडि़त ने उससे कहा था कि उनकी छवि बेदाग है और वो पी. एस. सी से चयनित होकर इस पद पर आये है। उनके द्वारा कोई भी गलत काम नहीं किया गया है इसलिए उसके झूठी खबर प्रकाशित करने से कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसा कहे जाने पर राहुल गिरी गोस्वामी पत्रकार द्वारा पीडि़त को देख लेने की धमकी देकर वहां से चला गया था। उसके बाद से राहुल गिरी गोस्वामी ने बदनाम करने के लिए झूठी खबर प्रकाशित करने लगा था। उनके द्वारा चयन तथा अनुभव को भी राहुल गिरी गोस्वामी को झूठी खबर प्रकाशित करने से का यह कहने लगा कि जब तक उसे पांच लाख रूपये नहीं दूंगा। तब तक वह ना केवल ऐसी निराधार खबरें प्रकाशित कर पीडि़त को बदनाम करेगा। दूसरी तरफ पत्रकार राहुल गोस्वामी ने बताया कि उनके खिलाफ लगे आरोप मनगढ़ंत है मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है।
फर्जी न्यूज पोर्टल हो या सोशल मीडिया ये फर्जी तरीके से किसी भी नेता मंत्री या अधिकारियो की फर्जी न्यूज चलाकर ब्लेक मेल कर रहे हैं। ब्लेक मेल करने का यह सबसे आसान तरीका हो गया है। ऐसे लोगों ने देश के मुख्य न्यायाधीश को भी नहीं छोड़ा उनके नाम से फर्जी वीडियो जारी कर दिया गया। सोशल मीडिया में उनके हवाले से फर्जी खबर फैलाया गया है जिसमे यह कहा गया है की भारतीय लोकतंत्र जिंदाबाद सुप्रीम कोर्ट जिंदाबाद, हम लोग अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं भारत के संविधान भारत के लोकतंत्र को बचने की लेकिन आप सबका सहयोग भी इसके लिए बहुत मायने रखता है सब जनता एक होकर मिलकर सड़कों पर निकलो और सरकार से अपने हक के सवाल करो यह तानाशाह सरकार तुम लोगों को डराएगी, धमकाएगी लेकिन तुम्हें डरना नहीं है। हौसला रखो और सरकार से अपना हिसाब मांग, मैं तुम्हारे साथ हूं। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के जनसम्पर्क कार्यालय से खंडन जारी हुआ है। सीजेआई ने यह भी कहा कि पत्रकारिता का धर्म नहीं निभा रहे है। उन्होंने कहा कि इनको एक लाख रूपये जुर्माना बहुत काम है फर्जी समाचार चलाकर ये फर्जी पत्रकार उससे कई गुना कमा लेते है एक लाख का जुर्माना इनके लिए कोई मायने नहीं रखता। सीजेआई ने एनबीडीए को फटकार लगाकर सख्त कार्रवाई करने की भी हिदायत दी है। छत्तीसगढ़ इससे अछूता नहीं है।
छत्तीसगढ़ में न्यूज पोर्टल और वेबसाइट लोगों को खबर पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभा रहीं हैं। इससे खबरों की विश्वसनीयता बढ़ी हैं और लोग अब प्रिंट मीडिया के बजाय न्यूज पोर्टल और वेबसाइट को ही समाचारों और खबरों के लिए माध्यम बना रहे हैं। लेकिन अपनी बढ़ती सक्रियता और लोकप्रियता के फेर में कुछ वेबपोर्टल और वेबसाइट स्वयं को पूरे प्रदेश में नंबर एक बताकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। जबकि प्रदेश के संबंधित विभाग ने साफ शब्दों में इस बात से इंकार किया है कि उसके द्वारा न ही किसी वेबपोर्टल-न्यूज वेबसाइट के लिए कोई सूची जारी की गई है और नहीं किसी को नंबर एक का तमगा दिया गया है। गूगल एनालिस्टिक के आधार पर अगर कोई इस तरह का दावा करता है तो वह अमान्य है, इसके लिए संबंधित वेबसाइट-वेबपोर्टल को नोटिस जारी किया जा सकता है।
गौरतलब है कि राजधानी से संचालित एक वेबसाइट ने दावा किया है कि राज्य सरकार की इम्पैनल कमेटी ने 500 से ज्यादा न्यूज वेबसाइटों के आकलन और कड़ाई से परीक्षण के बाद उसे प्रदेश का नंबर वन न्यूज वेबसाइट घोषित किया है। इस वेबसाइट ने करीब 8 लाख प्रतिमाह गूगल हिट का दावा किया है। जबकि दूसरे नंबर रही न्यूज वेबसाइट उसके आधे भी नहीं हैं। अगर न्यूज वेबसाइट और वेबपोर्टल गूगल एनालिस्टिक को आधार मानकर नंबर एक होने का दावा करता है तो इस आधार पर जनता से रिश्ता पूरे मध्य भारत में सर्वाधिक देखे जाने और व्यूवर्स संख्या वाला न्यूज वेबसाइट है। जनता से रिश्ता बाकायदा इसके लिए गूगल एनालिस्टिक का रिपोर्ट भी अपने व्यूवर्स के लिए प्रस्तुत कर रहा है। जिसे देखकर नंबर वन का दावा करने वाले वेबसाइट के दावे खोखले साबित हो जाएंगे। साल 2013 में जब न्यूज वेबसाइट की इंटरनेट पर सक्रियता बढ़ी तभी से जनता से रिश्ता ने अपनी पहचान बनाना शुरू किया था, जिसे आज लोगों को इतना प्यार और भरोसा मिल रहा है कि यह वेबसाइट त्वरित और विश्वसनीय खबरें लोगों तक सबसे पहले पहुंचाने में सफल हो रहा है। जनता से रिश्ता ने समय-समय पर फर्जी वेबसाइट के आडिट, गूगल एनालिस्टिक रिपोर्ट की जांच करने की जरूरत बताई थी और आज भी यह मांग करती है कि फर्जी वेबसाइट्स पर रोक लगाने के लिए उसकी आडिट और एनालिस्टिक रिपोर्ट की जांच की जाए ताकि ऐसे वेबसाइट पाठकों को गुमराह न कर सकें। फर्जी व्यूवर्स दिखाकर सरकारी खजाने की लूट छत्तीसगढ़ में न्यूज पोर्टल और वेबसाइट की बाढ़ सी आ गई है।
पत्रकार राहुल गोस्वामी ने जनता से रिश्ता को बताया कि मेरे खिलाफ लगे आरोप मनगढ़ंत है मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है।
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