छत्तीसगढ़

स्वर्ण भूमि के पास शासकीय जमीन पर अवैध प्लाटिंग, रास्ता रोका

Nilmani Pal
17 Jan 2025 6:21 AM GMT
स्वर्ण भूमि के पास शासकीय जमीन पर अवैध प्लाटिंग, रास्ता रोका
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राजस्व मंत्री व कलेक्टर से शिकायत, अवैध प्लाटिंग की पूर्व में की गई शिकायतों पर नहीं हुई कार्रवाई

नगर निवेश ने स्वर्ण भूमि के लाइसेंस को कालोनी प्लाटिंग की अनुमति दी। लेकिन अन्य आसपास की बड़ी भूमि खरीदकर उसी अनुमति में शामिल कर नए भूमि पर भी प्लाटिंग की गई। दूसरी खरीदी गई भूमि का प्लाटिंग का कोई नक्सा पास कराकर नगर निवेश से अनुमति नियम के अनुसार लेना था।

होरा परिवार की जमीन खरीद कर उसके बाद की शासकीय जमीन 249 खसरा जिसकी भूमि प्रयोग नगर तथा ग्राम निवेश ने भू उपयोग की जानकारी सूचना के अधिकार में शासकीय भूमि भू उपयोग मार्ग सार्वजनिक और शासकीय मिश्रित होना बताया गया। 21/12/2024 के जानकारी के अनुसार है।

बड़े चर्चित रसूखदार बिलासपुर का बिल्डर अपनी सोने की नगरी में नहर नाली और शासकीय धरसे को हर प्रकार से अपने कब्जे में कर अपनी दादागीरी और पहुंच का धौश जमा रहा है। आसपास के सभी आम नागरिक रोड रास्ता रोके जाने से बहुत ही परेशान है।

पूर्व में नगर निगम जोन कार्यालय ने एफआईआर दर्ज करने की शिकायत मोवा थाने में दी थी लेकिन बाद में निगम के अधिकारियों ने भ्रष्ट बिल्डर से पैसा लेकर आनन फानन में रोड निर्माण करना बताया।

शासकीय भूमि खसरा नंबर 249 का भूमि आवंटन या बटांकन किसके आदेश से हुआ। बताया नहीं जा रहा जबकि शासकीय भूमि का बटांकन नियम विरुद्ध है।

रायपुर (जसेरि)। राजधानी व उसके आउटर में शासकीय जमीनों पर लगातार अवैध प्लाटिंग हो रहे हैं। प्रशासन और निगम की कार्रवाइयों के बाद भी भू-माफिया और रसूखदार बिल्डर नियमों को ताक पर रखकर अवैध कब्जा और अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। अवैध प्लाटिंग की एक शिकायत आमासिवनी से भी आई है जिसमें शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा कर नियम विरुद्ध बंटाकर करवाकर अवैध प्लाटिंग करने की शिकायत राजस्व मंत्री, कलेक्टर, एसडीएम समेत जोन अधिकारी से की गई है।

अवैध निर्माण की शिकायत करते हुए शिकायतकर्ता ने बताया है कि ग्राम आमासिवनी के खसरा क्रमांक 249 जो की शासकीय अभिलेखों में शासकीय भूमि दर्ज है, जिसका मद आवासीय, मार्ग, सार्वजनिक एवं अर्धसार्वजनिक प्रयोजन हेतु सुरक्षित है। उक्त जमीन पर समीपस्थ भूमि स्वामी द्वारा कब्जा कर दो मंजिला अवैध मकान का निर्माण किया गया है। उक्त शासकीज जमीन का कुल रकबा 0.566 हेक्टेयर(60924 वर्ग फीट) है। शिकायतकर्ता ने उक्त मकान के निर्माण से क्षेत्र के निवासियों को अपनी भूमि में आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इस अवैध निर्माण से आने-जाने का रास्ता ही बंद हो गया है। शिकायतकर्ता ने इस अवैध निर्माण को तोडक़र शासकीय जमीन को कब्जा मुक्त कराने की मांग की है।

गलत बटांकन भी हुआ

शिकायत में प्रस्तुत भुईयां नक्शे से गलत बटांकन का भी पता चलता है। जिस खसरे पर अवैध कब्जा कर मकान का निर्माण किया गया है। उस खसरे को 4 हिस्से में 249/1, 249/2, 249/3, 249/4 में बांटा गया है जिसमें 1, 3 और 4 शासकीय जमीन के रूप में दर्ज है जबकि 249/3 गणेश राम, कुमार, लोकनाथ, केजूरराम साहू, के नाम पर दर्ज है। जब यह पूरा 249 खसरा ही शासकीय जमीन दर्ज है फिर बीच में 1 हिस्सा निजी कैसे हो गया?

पूर्व में हुई अवैध प्लाटिंग की शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई

आमासिवनी में एक बड़े बिल्डर द्वारा शासकीय जमीन पर कब्जा कर अवैध प्लाटिंग कराने की पूर्व में की गई शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं की गई। बिल्डर द्वारा बनाए गए एक बड़े आवासीय प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर शासकीय और निजी जमीन पर अवैध कब्जा करने की खबरें लगातार सुर्खियों में रही हैं। आमासिवनी में मुख्य मार्ग से आधा किमी की दूरी पर पांच एकड़ शासकीय जमीन पर प्लाटिंग की गई है। क़ृषि जमीन को आवासीय बताकर भूखंड बेचे गए। इसका नक्शा भी अनुमोदित नहीं है। पिछले कई सालों से चल रही प्लाटिंग में कई लोगों ने जमीन खरीदी है। इस संदर्भ में शिकायतकर्ता विक्की रतनानी ने तहसीलदार को दिए शिकायत में खसरा क्रमांक 243/3, 249/6, 243/4, 249/7, 243/1 एवं 249/2 में मनोहरलाल राजपाल और राजेश बत्रा द्वारा अवैध प्लाटिंग कर भूमि विक्रय करने की जानकारी दी थी।

रामा ग्रीन्स के भव्य गेट का निर्माण जारी

एक्सप्रेसवे में नियम विरुद्ध आवासीय कालोनी का गेट खोलने की तैयारी

बाउंड्रीवाल बनाने के बाद भी कालोनी के भव्य गेट का निर्माण में बिल्डर ने शासन की आँखों में झोंकी धूल।

बड़े बिल्डर होने का फायदा उठा रहा है, शासकीय नियम के विपरीत जाकर एक्सप्रेस-वे में मेन गेट।

रायपुर के बिल्डरों का कहना है कि बिलासपुर से आया बाहर से आया बिल्डर पैसे के बल पर कर रहा मनमानी।

हमारे लिए सारे नियम कायदे इस बिल्डर के लिए कोई कानून नहीं।

देर-सबेर साइड रोड देकर नियमों के विपरीत एक्सप्रेस-वे पर दरवाज़ा खोलने की कोशिश

एक्सप्रेस हाईवे पर बहुचर्चित रामा ग्रीन्स की बड़ी और बहु चर्चित आवासीय कॉलोनी का भव्य गेट का निर्माण लोगों की शिकायत के बाद भी निरंतर तीव्र गति से चालू है। देर-सबेर साइड रोड देकर नियमों के विपरीत एक्सप्रेस-वे पर दरवाज़ा खोलने की कोशिश की जा रही है। ग़ौरतलब है कि विगत कुछ दिन पहेले एक्सप्रेस-वे की दीवाल तोडक़र बहुचर्चित आवासीय कॉलोनी रामा ग्रीन्स को आने-जाने के लिए रास्ता दे दिया गया था, जो नियम विरुद्ध था। जन प्रतिनिधियों और लोगों ने रास्ता खोले जाने का जमकर विरोध किया। मीडिया में विरोध सामने आने के बाद क्कङ्खष्ठ विभाग कुंभकर्णी नींद से जागा और वहां पे कांक्रीट की बाउंड्रीवाल बनाकर रास्ते को बंद कर दिया, लेकिन ये सिर्फ दिखावे के लिए की कार्रवाई लगती है। अवैध तरीक़े से साइड में रोड बनाकर रामा ग्रीन्स को रास्ता देने की गुपचुप तैयारी की जा रही है। बाउंड्रीवाल बनाने के बाद भी कालोनी के भव्य गेट का निर्माण जिस गति से जारी है उससे बिल्डर और प्रशासन की सांठगांठ साफ नजर आता है आने वाले दिनों में गेट का उद्घाटन किसी भी बड़े पदाधिकारी द्वारा किया जा सकता है। वास्तविकता यह है कि रामा ग्रीन्स ने ले आउट पास कराते समय कॉलोनी ङ्कढ्ढक्क रोड की तरफ़ से रास्ता अनुमोदित कराया है और दूसरा रास्ता अमलीडीह की ओर से आता है, लेकिन रायपुर के कई बड़े बिल्डरों द्वारा फ़ायदा उठाते हुए क़ानून कायदों को ताक में रखकर एक्सप्रेस-वे की ओर बड़ा विशाल गेट खोलने की योजना है। चर्चा यह भी है कि ये बड़ा बिल्डर व राजनीतिक पहुंच होने के कारण सारे बड़े और पहुँच वाले अधिकारी रामा ग्रीन्स में मकान-बंगला लेने के लिए आतुर रहते हैं और वही अधिकारी रामा ग्रीन्स बिल्डर के अनैतिक और अवैध कार्यों को अनदेखा करते हैं और किसी प्रकार की लेआउट में नाप जोख नहीं होनेऔर शासकीय भूमि दबाने की शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करते। बड़े बिल्डरों के ख़िलाफ़ ऐसी शिकायतों की जिला न्यायालय, कलेक्टर और तहसील आफिस में अंबार लगा हुआ है। चर्चा यह भी है कि बड़े बिल्डरों से लगना छोटे मोटे नेताओं का काम नहीं है और किसी भी मीडियाकर्मी को फ़ोटो भी नहीं खींचने दिया जाता। जनता से रिश्ता ने जब रामा ग्रीन्स में हो रहे इस निर्माण की वीडियो बनाने की कोशिश की तब गार्ड ने फ़ोटो खींचने और वीडियो बनाने से रोक दिया और धमकी भी दी।

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