छत्तीसगढ़

शासकीय भूमि की चोरी कर अवैध प्लाटिंग

Admin2
3 March 2021 5:53 AM GMT
शासकीय भूमि की चोरी कर अवैध प्लाटिंग
x

राजधानी और आउटर के गांवों में भू-माफिया सक्रिय, प्रशासन की अनदेखी और ढिलाई के चलते सरकारी भूमि का बंदरबांट

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी और उसके आउटर में अवैध प्लाटिंग का खेल जोर-शोर से चल रहा है। जिला और निगम प्रशासन कुछ छिटपुट कार्रवाई कर अपने कत्र्तव्यों की इतिश्री कर ले रहा है। प्रशासन की अनदेखी और ढीले रवैये से भू-माफियों को अपनी मनमानी करने का खुला अवसर मिल रहा है। इनके हौसले इतने बुलंद हैं कि ये अपने प्लाट के बीच में आने वाली शासकीय भूमि को भी दबाने और उससे मोटी कमाई करने से नहीं हिचक रहे हैं। सरकार के जिला प्रशासन को साढ़े सात हजार वर्ग फुट जमीन के नियमिती करण का अधिकार देने भी इनका राह आसान हो गया है। माना कैम्प के पास स्थित ग्राम टेमरी में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पर अवैध प्लाटिंग की जा रही है यहां तक कि प्लाट के बीच में स्थित सरकारी जमीन की भी चोरी कर ली गई है। राजधानी में सक्रिय बड़े बिल्डर और रियल स्टेट कारोबारी बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर रहे हैं लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है, ऐसा लगता है जैसे प्रशासन ने उन्हें शासकीय भूमि के बंदरबांट की खुली छुट दे दी है।

टेमरी बना भू-माफियाओं का अड्डा

रायपुर का आउटर इलाका टेमरी गांव जहां काफी अवैध प्लॉटिंग का काम चल रहा है। राजधानी में जमीनों पर अवैध कब्ज़ों के मामले तो शहर भर के लोगों को पता ही है। वही वीआईपी रोड से लेकर एयरपोर्ट रोड तक ज़मीनों पर भू-माफियों का कब्ज़ा बना हुआ है। शहर के वीआईपी रोड के माना थाना क्षेत्र स्थित टेमरी गांव में एक जमीन पर भू-माफिया लोगों का कब्ज़ा बना हुआ है। जिसके चलते वो अपनी पहुंच और छुटभैय्ये नेताओं का सहारा लेकर इस ज़मीन पर अपना अवैध कारोबार शुरू करना चाहता है। वीआईपी रोड के क्षेत्र में इन दिनों भू माफिया सक्रिय हो गए हैं। स्थानीय शासन-प्रशासन के नाक के नीचे से भू-माफिया ज़मीनों पर अवैध कब्जे करने लगे हैं। सरकारी भूमि पर भी भू-माफिया कब्जे किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो भू माफिया इन दिनों काफी तेज़ी से ज़मीनों पर कब्ज़ा किये जा रहे है और प्रशासन को आंख दिखाता हुआ छुटभैय्ये नेताओं के संरक्षण में अवैध कब्जे किए जा रहे हैं।

भू-माफियाओं का कब्ज़ा बढ़ा

भू-माफिया वो लोग होते है जो सरकारी और निजी संपत्तियों पर अवैध कब्जा करते है। जो शासन एवं प्रशासन स्तर पर सरकारी ज़मीनों में अपना अवैध कब्ज़ा बना लेते है। भू-माफिया लोग किसी भी निजी ज़मीन पर भी अपना दमखम दिखाकर उस पर कब्ज़ा जमा लेते है। वीआईपी रोड में बेशकिमती जमीनों को चिंहित कर उन पर कब्जा किया जा रहा हैं और साथ ही फर्जी कागजात बनाकर जमीनों को हथियाने में भू-माफिया लगे हुए हैं। जबकि उन जमीनों का वर्षों पहले सरकार अपना अधिकार जारी कर चुकी हैं। अब जाली कागज तैयार कर ऐसे खेल को अंजाम दिया जा रहा है। शहर के कई आउटर के क्षेत्रों में भू-माफिया के हौंसले बुलंद हैं। उनको जहां भी सरकारी जमीन दिखती है, उस पर कब्जा कर बैठ जाते हैं। प्रशासन की चेतावनी के बाद भी इनके पैर जमीनों से नहीं हट रहे। और ज़मीन में लगे बड़े-बड़े पेड़ों को काटा जाता है।

वीआईपी रोड़ में अवैध कब्ज़ा बढ़ा

नया रायपुर में आबादी बसने से पहले ही जमीन माफिया सक्रिय हो गया है। सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। नया रायपुर में अवैध कब्जा करने का पता चला है। वीआईपी रोड में मास्टर प्लान के तहत निर्माण कार्यों की योजना बनाई गई है, लेकिन सेरीखेड़ी, टेमरी और पचेड़ा गांव में ज्यादातर जमीन अवैध निर्माण की वजह से विवादित है। अवैध निर्माण व कब्जों का खुलासा हो रहा है। ऐसे में जो लोग भूस्वामी होने का दावा कर रहे हैं, उन्हें एनआरडीए नोटिस जारी कर रहा है। अवैध निर्माण और कॉलोनियों की वजह से पुराने रायपुर में तस्वीर बदल चुकी है। यहां मनमाने तरीके से निर्माण के चलते नाली निकासी की समस्या खड़ी होने के साथ ही दूसरे विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।

नकली दस्तावेज होते तैयार

भू-माफियाओं द्वारा जमीनों को जानबूझकर विवादों में लाया जाता है। जब यह विवादों में आ जाती है, तो जमीन मालिक उस जमीन को खोने के डर से सस्ती दरों पर भी बेचने के लिए तैयार हो जाते है। ऐसे में मध्यस्थता निभाने के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि या बड़े छुटभैय्ये नेता आगे आते है। उनके द्वारा इन जमीनों को अपने खास लोगों को सस्ती दरों पर दिलवा दिया जाता है। इस तरह से महंगी जमीन भी सस्ती दर पर भू-माफियाओं को मिल जाती है। ऐसी कई शिकायतें पुलिस के पास पहुंचती है, जिसमें जमीन पर जानबूझकर कब्जा करने या उसके नकली दस्तावेज तैयार करने का मामला सामने आता है। पुलिस द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित जरूर किया जाता है, लेकिन उन पर कार्रवाई करने में सालों लग जाते है।

वीआईपी लोगों का भी होता आगमन

टेमरी के आसपास के रास्ते से अकेले इंडियन टूरिस्ट ही नहीं गुजरते, बल्कि दिनभर में यहां से कई वीआईपी लोगों का भी आना-जाना लगा रहता है। इसके अलावा लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के कई ऑफिसर्स भी निकलते हैैं। आश्चर्य की बात है कि इतने वीआईपी मूवमेंट वाली रोड से पेड़ो को काटा रहा है। ज़मीन के आसपास के लोगों ने बताया कि दिन में जेसीबी 10 बजे आता है और शाम के 5 बजे तक पेड़ों की कटाई करता रहता है। पूरे राज्य में विवादित संपत्तियों को हड़पने के लिए भू-माफिया और छुटभैय्या नेताओं से जुड़े लोग सबसे आगे रहे है। शहर में इस तरह के लोगों पर सरकार द्वारा कार्रवाई भी की गई, लेकिन इसके बावजूद भूमि विवादों में छुटभैय्या नेता जो राजनीति में लीपापोती की प्रवृत्ति से जुड़े लोगों लगातार शामिल होते जा रहे है। शहर में कई विवादित संपत्तियों को लेकर मामले विचाराधीन है, जिसे जानबूझकर विवादों में डाला जाता है, ताकि इन जमीनों को सस्ती दरों पर खरीदा जा सकें। इसके लिए कई सालों से शहर में भू-माफिया भी सक्रिय है। हालांकि, कई ऐसे भू-माफियाओं के नाम भी उजागर हुए है। जिन पर पुलिस द्वारा कार्रवाई भी की गई है, लेकिन इसके बावजूद लगातार भू-माफियाओं द्वारा खेल खेला जा रहा हैं।

सरपंच अवैध कब्ज़े से बेखबर

टेमरी की सरपंच से जनता से रिश्ता ने बातचीत की तो ये पता चला कि उन्हें इन मामलों की कोई जानकारी नहीं है और जल्द ही पटवारी से मिलकर सरपंच इस मामले का निदान करेंगी।

प्लाटिंग के बीच सरकारी भूमि को दबाया

माना कैम्प के नजदीक ग्राम टेमरी में एक रियल स्टेट कारोबारी प्लाटिंग करवा रहा है। जहां पर यह प्लाटिंग की जा रही है वहां पर पुराने नक्शे में खसरा नं. 174/1, 174/2, 174/3, 173/25, 175/1 के नीचे खसरा नं. 175 शासकीय भूमि दर्शाया गया है लेकिन नए नक्शे में खसरा नं. 174/1 के साथ 174/2,174/3, 173/25 सहित शासकीय भूमि 175 भी मर्ज कर दी गई है। इसी जमीन पर अवैध प्लाटिंग की जा रही है। आश्चर्य की बात यह है कि गांव के सरपंच को भी इस बंदरबांट की भनक नहीं है। चर्चा है कि रियल स्टेट कारोबारी ने पटवारी से सांठगांठ कर परिवर्तित नक्शा तैयार करवाकर उक्त जमीन का ले-आउट पास करवाया है। प्लाटिंग के ले-आउट प्लान में इस भूमि के साथ आसपास के कई हजार वर्ग फुट भूमि पर छोटे-बड़े 12 प्लाट दर्शाए गए हैं जिसमें प्लाट क्रमांक 2 और 3 के बीच लगभग 33433 वर्ग फुट जमीन का एक हिस्सा दिखाया गया है जिसमें उक्त शासकीय भूमि भी मर्ज है।

प्लॉट या मकान खरीदने से पहले इन बातों पर दें ध्यान

ले-आउट प्लान देखें बगैर प्लॉट के बारे में जानकारी लिए सौदा करने से आप धोखे और फर्जीवाड़े में फंस सकते है।

ले-आउट डेवल्पर प्लान टाउन एन्ड कंट्री प्लानिंग और नगर पालिका निगम रायपुर से दर्शित नक्शे के अनुसार नंबर लगा हुआ एप्रुव प्लॉट ही आम जनता को बिल्डर से सभी दस्तावेज उपलब्ध होने के उपरांत खरीदना चाहिए।

प्लॉट खरीदते समय नया रायपुर विकास प्राधिकरण से उपरोक्त प्लॉट के नंबर अनुसार हृह्रष्ट की जांच करें, तभी प्लॉट खरीदने के बारे में विचार करें।

छत्तीसगढ़ रेरा कानून के अंतर्गत प्लॉटिंग करने वाले कंपनी का सम्पूर्ण लाइसेंस और सम्पूर्ण हृह्रष्ट ले-आउट प्लान की जानकारी लेने के उपरांत ही अपने अधिवक्ता के माध्यम से सर्च व सर्वे रिपोर्ट प्राप्त कर प्लॉट का सौदा करें। वरना, आप ठगे जाएंगे या फर्जी प्लॉट के मालिक कहे जाएंगे।

भू-अभिलेख शाखा बंदोबस्त में 100 साल के भूमि के रिकॉर्ड की जांच अनिवार्य रूप से करें।

सरकारी मिसल से नक्शे का प्रमाणीकरण अति आवश्यक है।

छुटभैय्ये नेताओं और भू-माफियों की पहचान कर सही प्रोजेक्ट में ही इन्वेस्ट करें।

'जनता से रिश्ता' ने जनसरोकार के माध्यम से इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, रायपुर कलेक्टर, रायपुर एसडीएम से की है। कि राज्य की जनता के करोड़ों रुपयों के साथ ठगी की जा रही है और करोड़ों की ज़मीनों का बंदरबाट किया जा रहा है।

मिड-डे अखबार जनता से रिश्ता में किसी खबर को छपवाने अथवा खबर को छपने से रूकवाने का अगर कोई व्यक्ति दावा करता है और इसके एवज में रकम वसूलता है तो इसकी तत्काल जानकारी अखबार प्रवंधन और पुलिस को देवें और प्रलोभन में आने से बचें। जनता से रिश्ता खबरों को लेकर कोई समझोता नहीं करता, हमारा टैग ही है-जो दिखेगा, वो छपेगा...

Next Story