ज़ाकिर घुरसेना की रिपोर्ट
रायपुर। नवा रायपुर लेयर 2 एरिया वीआईपी रोड में अवैध होटलों और कैफों की भरमार है। इन लोगों ने रायपुर शहर को नशे के अड्डे के रूप में भी काफी फेमस कर दिया है। और अधिकतर नशेड़ी और नशे के कारोबारी वीआईपी रोड की होटलों और कैफों में ही नजऱ आते हैं। मजे की बात यह है सारे होटल और कैफे नवा रायपुर विकास प्राधिकरण अटल नगर की बिना अनुमति के खुले हैं। ऊर्जा पार्क से लेकर एयरपोर्ट मोड़ तक कम से कम 10 से 15 कैफे बन चुके हैं। जो कि बिना एनआरडीए की अनुमति के बने है। ऊर्जा पार्क के बाद बाएं साइड एनआरडीए के लेयर 2 एरिया के अंतर्गत आता है। ऐसे में भूमि मालिक एनआरडीए के बिना अनुमति के कैफे खुलना संदेह को जन्म देता है इससे शासन को राजस्व की भारी क्षति तो हो ही रही है। साथ ही सरकार की फजीहत भी हो रही है। क्वींस क्लब की स्थिति की किसी से छुपी नहीं है। जिसकों हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी अपना ऐशगाह बना लिए थे जिसके एवज में नियम से हटकर उन्हें छूट प्रदान की गई थी। नई सरकार आने के बाद शिकंजा कसा तब जाकर मामले का पर्दाफाश हुआ। इतना होने के बावजूद अधिकारियों के कान में जूं नहीं रेंगी। बहरहाल ताजा मामला एनआरडीए के जमीन पर अवैध कब्जा कर कैफे खोलने की है। नियमत: नया रायपुर में बिना एनआरडीए के परमिशन के निर्माण कार्य नहीं हो सकते। किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य के लिए एनआरडीए से लिखित अनुमति प्राप्त करना होती है तब जाकर निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है। नियम यह भी कहता है कि नया रायपुर लेयर 2 में किसी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि या निर्माण कार्य हो ही नहीं सकती। यह मास्टरप्लान के विरुद्ध है। लेकिन देखा यह जा रहा है कि विगत 2 सालों से छुटभैय्या नेताओं एवं तथाकथित रसूखदारों ने अवैध कब्ज़ा कर अवैध निर्माण कर अवैध और अनैतिक कारोबार का अड्डा बना लिए है। ऐसे रसूखदारों पर शासन प्रशासन के बड़े अधिकारी और पुलिस के आला अधिकारी भी हाथ डालने से कतराते है।
इन कैफों के खुलने से नया रायपुर के व्यवस्थित विकास प्लान प्रभावित हो रहा है अधिकारी मौन है। लोग शासकीय भूमि और नालों को भी पाटकर कैफे बना दिए है। एनआरडीए अधिकारी व कर्मचारी इन जमीनों पर हुए अतिक्रमण तथा अवैध निर्माण हटाने में रुचि नहीं लेते। शिकायत करने पर मामले का निराकरण करने के बजाए न्यायालय से निस्तारण करने की बात बोल कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। इससे भूपेश सरकार की अतिक्रमण विरोधी अभियान की हवा भी निकल रही है। सरकार के निर्देशानुसार किसी दबंगों द्वारा सरकारी जमीनों पर किए गए कब्जो को तत्काल कब्जा मुक्त करने हेतु अभियान भी चलाया जाता है लेकिन वीआईपी रोड जहां सब बड़े-बड़े नेताओं और अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है वहां पर इस तरीके से अवैध कब्जा अनेक शंकाओं को जन्म देता है। सूत्रों ने यह भी बताया कि कुछ लेनदेन कर ऐसे प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
अधिकारियों के शह और प्रश्रय पर हो रहा खेल
अक्सर देखा गया है कि कहीं भी सरकारी जमीन पर कब्जा तभी होता है जब संबंधित कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत होती है यहां भी खेल ऐसा ही हो रहा है और प्रशासन को बदनाम किया जा रहा है और शासन को राजस्व की भारी हानि हो रही है यहां के अधिकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रश्रय के कारण ही अवैध कब्जा धारियों के हौसले बुलंद है
अनापत्ति लेना आवश्यक
नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के निर्देशानुसार लेयर 2 में या कहीं भी किसी भी प्रकार के निर्माण के लिए अनुमति एवं अनापत्ति लेना आवश्यक है इसके अभाव में निर्माण अवैध होगा। साथ ही पहुंच मार्ग सड़क किनारे नाली स्ट्रीट लाइट के लिए रुपए 560 प्रति वर्ग मीटर की दर से डेवलपमेंट चार्ज प्राधिकरण को देना होता है तब जाकर काम शुरू करना होता है। यहां ऐसा देखा गया है कि बिना किसी शुल्क का भुगतान किए लोगों ने अवैध तरीके से मनमाने ढंग से निर्माण करा लिए हैं और शासन को लाखों रुपए का राजस्व की भी क्षति पहुंचा रहे हैं। जिससे एनआरडीए का विकास कार्य रुक रहा है।
दबंग कैफे संचालक की दबंगई
एक दबंग कैफे संचालक ने तो नाले को पाटकर जमीन को कैफे की बाउंड्री में शामिल कर लिया है। हालांकि तहसीलदार की आपत्ति भी है। लेकिन अपनी ऊंची पहुंच के बल पर शासकीय नाले को पाटकर अपने अवैध कब्ज़ा की हुई जमीन में शामिल कर लिया है। ऐसे कई उदाहरण है जो प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। इस संबंध में सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि उपरोक्त कैफे संचालक के खिलाफ एनआरडीए के पटवारी ने एसडीएम को लिखित शिकायत भी की है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होना अनेक संदेहों को जन्म देता है। वेसे भी आवटंन घास भूमि का होता है। धरसा, नाले के आवटंन का सवाल ही नहीं उठता। इसमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया प्रतीत होता है।
नशेडिय़ों से गुलजार वीआईपी रोड
वीआईपी रोड में लेयर 2 की जमीन में अवैध कब्ज़ा कर बने कैफों को लोग नशागाह के रूप में उपयोग कर हैं साथ ही ऐशगाह समझ कर मुजरा, कैबरे, गांजा, चरम अफीम का भी लुत्फ उठा रहे है। यह वही जगह है जो तथाकथित रसूखदारों द्वारा अपने नाजायज़ रसूख का उपयोग कर शासकीय भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर अवैध रूप से कैफे बना लिए है। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते भ्रष्ट लोग अपना उल्लू सीधा कर रहे है और सरकार को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। इन कैफों में नशेडिय़ों की आमद शाम से होती है और देर रात तक गुले-गुलजार रहती है। आमतौर पर गरीबों की झोपड़ी उजाडऩे में पल भर देर नहीं करने वाले अधिकारियों को रसूखदारों का अवैध कब्जा क्यों नहीं दिखता समझ से परे है।
सरकारी राजस्व भूमि पर कब्जा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ धारा 91 में केस दर्ज होता है जिसमें लगान का 50त्न जुर्माना 3 माह की सजा का प्रावधान है। राजस्व भूमि पर कब्जा की शिकायत पर पटवारी धारा 91 में केस दर्ज कराता है -जीशान शेख एडवोकेट
एनआरडीए के चेयरमेन आरपी मंडल एंव एसडीएम प्रणव सिंह से इस संबध में चर्चा करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होने मोबाईल रिसीव नहीं किए।
नया रायपुर लेयर-2 में प्रतिबंध के बावजूद व्यावसायिक गतिविधियां जारी
नवा रायपुर लेयर टू में किसी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधि नहीं हो सकती
एनआरडीए से अनापत्ति लेना आवश्यक,अधिकारियों के प्रश्रय पर हो रहा खेल
शासन को बदनाम करने का कोशिश की जा रही, अधिकारियों व्दारा भारी भरकम लेनदेन की आशंका
छुटभैय्या नेताओं एवं रसूखदारों ने अवैध कब्ज़ा कर अनैतिक कारोबार का अड्डा बनाया
मास्टरप्लान के विरुद्ध लाखों रुपए के राजस्व की क्षति हो रही