छत्तीसगढ़

भविष्य में संतान से समय चाहिए तो आज आप समय और संस्कार दीजिए

Nilmani Pal
22 Sep 2024 3:59 AM GMT
भविष्य में संतान से समय चाहिए तो आज आप समय और संस्कार दीजिए
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रायपुर raipur news। श्री संभवनाथ जैन मंदिर विवेकानंद नगर रायपुर में आत्मोल्लास चातुर्मास 2024 की प्रवचनमाला जारी है। शनिवार को ओजस्वी प्रवचनकार मुनिश्री तीर्थप्रेम विजयजी म.सा. ने कहा कि वर्तमान में माता-पिता बहुत दुखी है,बुढ़ापे में संतान का साथ नहीं है। ऐसी कई घटनाएं देखने और सुनने में आती है कि माता-पिता को घर से बाहर निकाल दिया जाता है। माता-पिता जिसे अपने बुढ़ापे का सहारा समझते हैं वह उन्हें छोड़ देता है और माता-पिता को वृद्धाश्रम का सहारा लेना पड़ता है। यदि भविष्य में अपनी संतान का साथ चाहिए तो आज अपनी संतान को समय और संस्कार दीजिए। किसी दूसरे के भरोसे में संतान कैसे संस्कारवान बनेगी। raipur

मुनिश्री ने कहा कि आज माता -पिता के पास संतान के लिए समय नहीं है। पिता अपने कार्य में व्यस्त है और माता विभिन्न कार्यक्रमों में व्यस्त है। संतान की देखरेख दूसरे के भरोसे है। आज खाना बनाने, झाड़ू पोछा लगाने यहां तक कि पालना झूलाने,दूध पिलाने तक के लिए कितने-कितने लोगों को घरों में रखा जाता है। बच्चों की परवरिश दूसरे के भरोसे में छोड़ दी जाती है। बच्चों को घर में खाना खिलाने,संभालने के लिए केयरटेकर को रखा जाता है। वही स्कूल में पढ़ाने के लिए शिक्षक तो है ही, घर में पढ़ाने के लिए माता-पिता को समय नहीं है तो ट्यूशन डाल दिया जाता है। सुबह से रात तक बच्चे का समय माता-पिता से दूर ही बीतता है,ऐसे बच्चों की अच्छी परवरिश नहीं होगी। यदि आप समय नहीं दे सकते हो अपने बच्चों को तो भविष्य में उनसे भी समय की अपेक्षा नहीं रखना।

मुनिश्री ने कहा कि पहले परिवारों में बच्चों की संख्या अधिक रहती थी। आज सीमित हो गई है। यहां तक की आज माता-पिता गर्भपात जैसा पाप भी करते हैं। पहले पूर्वजों के समय अधिक बच्चे हुआ करते थे तो भी वह उन्हें पालपोश कर अच्छी परवरिश और संस्कार देकर बड़ा करते थे और आज एक बच्चे के लिए भी माता-पिता को केयरटेकर को रखना पड़ता है। ऐसा भी कहने से नहीं चुकते की पुराने समय में बुजुर्गों के पास काम क्या रहता था। वर्तमान में तो लोग फोन के नशे में इतना डूब गए हैं कि दिनभर फोन चलाते रहते हैं। बच्चे कहां हैं, किसके पास है, कैसे माहौल में है,क्या संस्कार दिए जा रहे हैं किसी को पता नहीं रहता।

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