छत्तीसगढ़

निगम चाहे तो चंद रोज में हट सकती है दुकानों के सामने होने वाला अतिक्रमण

Nilmani Pal
13 Jun 2022 5:20 AM GMT
निगम चाहे तो चंद रोज में हट सकती है दुकानों के सामने होने वाला अतिक्रमण
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  1. जाम से लोग परेशान, पैदल चलना भी मुश्किल
  2. छुटभैये नेता कब्जाधारियों की सिफारिश लेकर पहुंच जाते हैं निगम
  3. कहने को तो स्मार्ट सिटी है लेकिन स्मार्ट सिटी जैसी कोई सुविधा नहीं
  4. स्मार्ट सिटी के प्रमुख बाजारों में टायलेट की सुविधा नहीं
  5. समस्या जस की तस
  6. शहर के भीड़-भाड़ वाले प्रमुख बाजार को एकांगी मार्ग घोषित करना चाहिए

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर । राजधानी रायपुर के प्रमुख बाजारों में बरसों से अतिक्रमण करके सड़क-फुटपाथ पर सामान फैलाकर दुकानदारी करने वालों के खिलाफ यातायात पुलिस और नगर निगम उडऩदस्ता ने बड़ी कार्रवाई की। लेकिन निगम अमला के जाते ही स्थिति जस की तस हो जाती है। शहर में व्यापारियों द्वारा दुकाने एवं ठेले आदि सड़क पर लगाने से जाम की समस्या बहुत पुरानी है। सड़कों की चौड़ाई खास बढ़ी नहीं और गाडिय़ों की तादात जरूर बढ़ी है यह कारण भी एक है जो जाम की स्थिति निर्मित करती है। शहर के प्रमुख बाजार वाले मार्गो को एकांगी करना भी काफी हद तक जाम से निजात दिलाएगी। पिछले दिनों अतिक्रमण हटाओ दस्ता नगर निगम और यातायात पुलिस ने मिलकर पंडरी स्थित पुराना बस स्टैंड,मालवीयरोड ,केके रोड,एमजी रोड,पुरानीबस्ती, फाफाडीह लाखेनगर, मंडी गेट, अवंति बाई चौक कटोरा तालाब, सहित शहर के मुख्य मार्गों से अद्वैध कब्ज़ा हटाया लेकिन आज स्थिति फिर वही का वही हो गया है। निगम अमला जब तक शिकायत नहीं किया जाय कोई कार्रवाई नहीं करती। कुछ व्यापारियों ने यह भी बताया कि कई दुकानदार अपने दुकानों के सामने ठेला लगाने का चार्ज भी वसूल करते है उनसे महीने का दस से पंद्रह हजार रूपये तक लिए जाते है जिसमे निगम के अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत भी होने की सूचना है।

निगम अमला के जाते ही बाजार फिर गुलज़ार

अवैध कब्ज़ा हटाने की कार्रवाई के दौरान कुछ दुकानदारों ने निगम कर्मचारियों पर रसूखदार कारोबारियों पर कभी भी कार्रवाई न कर भेदभाव का आरोप लगाकर अतिक्रमण हटाने का विरोध किया, लेकिन अधिकारियों ने सारे आरोपों को खारिज कर दुकानदारों को बाहर रखे सामने को हटाने कहा अन्यथा चालान कर जुर्माना लगाने की बात कही। माहौल गरमाते देखकर पुलिस थाने से स्टाफ भी बुलवा लिया जाता है। पुलिस बल को देखकर दुकानदार आनन-फानन में सामान तो समेत लेते है लेकिन उनके जाते ही बाजार फिर गुलजार हो जाता है। हालांकि जिन्होंने सामान हटाने में देरी की, उनका सामान जब्तकर लिया जाता है लेकिन ऐसा रोजरोज कहाँ हो पायेगा।

शहर भर की सड़कों से अतिक्रमण हट जाए तो यातायात जाम की समस्या खुद-ब-खुद समाप्त हो जाएगी। खासकर मुख्य सड़क, फुटपाथ पर अवैध कब्जा किसी भी हालत में होने नहीं देना चाहिए। व्यापारियों को भी इस सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी करना चाहिए।

व्यापारियों ने कहा कि अतिक्रमण को लेकर नगर निगम प्रशासन अगर लगातार अभियान चलाकर इसी तरह से कार्रवाई करें तो सड़क हमेशा के लिए कब्जा मुक्त हो जाएगी पर कुछ दिन कब्जा हटाने की कार्रवाई करने के बाद अमला शांत हो जाता है। देखा गया है की पिछले 30 से 40 सालो से एक ही पैटर्न पर काम हो रहा है। शिकायत बढऩे पर निगम अमला एक दिन के लिए खानापूर्ति के लिए कब्ज़ा हटाने आ जाते हैं बाकी फिर परेशानी जनता झेले, जाम से जूझते रहे। देखा जा रहा है की निगम अमला व्यर्थ की कवायद करती है। अतिक्रमण हटने के एक घंटेबाद एक घंटे भी रोड क्लियर नहीं मिलती। अवैध कब्जाधारी उसी जगह पर फिर से आ जाते है। क्या यह नगर निगम के अमले का अपमान नहीं है।

निगम कड़ी कार्रवाई करे

मालवीय रोड व्यापारी संघ के महामंत्री राजेश वासवानी का कहना है कि निगम के अधिकारी महज खाना पूर्ति करते हैं, ऊपर से चेंबर ऑफ़ कामर्स के वर्तमान पदाधिकारी का कोई बयान नहीं आना भी शंका पैदा करती है कि निगम अधिकारियों से मिलीभगत तो नहीं। शहर के प्रमुख बाज़ारों की स्थिति ऐसी हो गई है जैसे ग्राहक फुटपाथ बाजार में खरीदी करने आया हो। अवैध कब्जाधारियों के वजह से दिन प्रतिदिन बड़े दुकानदारों का व्यापार कम होता जा रहा है। निगम को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। कहने को तो स्मार्ट सिटी है लेकिन क्या स्मार्ट सिटी की बाजार ऐसी होती है।

चालान के साथ दंड की राशि बढ़ाएं

स्वतंत्र पत्रकार राकेश गुप्ता का कहना है कि नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ दस्ता के बजाय हर क्षेत्र के प्रमुख बाज़ारों में मात्र तीन से पांच कर्मचारियों से काम आसानी से हो जायेगा उनके हाथ में कैमरा और चालान बुक हो। दाएं और बाएं दोनों साइड में इतने कर्मचारी ही अगर अवैध कब्जाधारियों की फोटो खींच कर चालान करें खुद बखुद लोग अपने दुकान का सामान बाहर रखेंगे ही नहीं और ठेला खोमचे वाले भी फुटपाथ पर व्यवसाय करने से बचेंगे। कुछ दिन बाद फिर यही प्रक्रिया दोहराई जाए और दूसरी तीसरी चौथी बार चालान के साथ दंड की राशि भी बढ़ती रहे। ऐसी कवायद वे अगर हर सप्ताह करने लगे तो एक दिन अवैध कब्जाधारी नजऱ ही नहीं आएंगे।

बिना भेद-भाव कार्रवाई करें

मालवीय रोड में दुकान लगाने वाले एक व्यापारी ने कहा कि नगर निगम सड़क, फुटपाथ पर अवैध तरीके अतिक्रमण करने वालों पर नियमित रूप से कार्रवाई नहीं करती है, यही कारण है कि कब्जा हटाने के कुछ दिन बाद फिर से अतिक्रमण करने वाले सक्रिय होकर सड़क पर कारोबार करने लगते हैं।उन्हें निगम द्वारा निर्धारित जगहों में रहकर ही व्यवसाय करना चाहिए। शहर की सड़क, फुटपाथ पर से अवैध कब्जा हटाने का लाभ आम लोगों को मिलेगा। इसके लिए निगम और यातायात पुलिस प्रशासन को बिना भेदभाव के सभी के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करना चाहिए।

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