छत्तीसगढ़

जिंदगी दिमाग से चलती तो अकबर की जगह बीरबल बादशाह होता

Nilmani Pal
14 July 2023 5:23 AM GMT
जिंदगी दिमाग से चलती तो अकबर की जगह बीरबल बादशाह होता
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ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

मोहन मरकाम का चेहरा सत्ता और संगठन के लिए जरूरी है इसलिए उसे पुरस्कृत करने का मन सरकार ने बना लिया है। मोहन मरकाम को हटाने को लेकर तरह-तरह कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन सच यही है कि मोहन मरकाम ने सत्ता और संगठन में वो जगह बना ली है कि उसे सम्मानजनक स्थान देकर गरिमा को बनाए रखना सरकार के लिए जरूरी हो गया है। मुख्यमंत्री भूूपेश बघेल जानते है कि चुनावी बेला में किसी भी साथी को निराश नहीं किया जा सकता। बल्कि उसे प्रोत्साहन देकर बाजी पलटा जा सकता है। विपक्ष तो आदिवासियों को लेकर पहले से ही प्रलाप कर रही है उसे और मौका क्यों दें बल्कि उन्हें लोहे के चने चबाने और चिढ़ाने के लिए पूर्व पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम को बेस्ट परफार्म का पुरस्कार देकर मंत्री बनाकर विपक्ष को करारा जबाव दिया है। टेकाम को तो कही में एडजेस्ट कर दिया जाएगा। सांसद का टिकट भी दिया जा सकता है। कांग्रेस हाईकमान लोकसभा सदस्य दीपक बैज को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान देने के साथ ही सीएम ने एक बेहतरीन सत्ता और संगठन में समन्वय का परिचय दिया है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को उपमुख्यमंत्री बनाया था। जनता में खुसुर-फुसुर है कि मरकाम ने संगठन में त्याग देकर बस्तर में दीपक जला कर अपने साथ आदिवासियों के जीवन में उजाला कर लिया है। किसी ने ठीक ही कहा है कि जिंदगी किस्मत से चलती है दोस्तों, दिमाग से चलती तो अकबर की जगह बीरबल बादशाह होता।

अकबर-बीरबल का खेल

उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के कांग्रेस चुनाव घोषणा पत्र समिति का संयोजक बनने से इनकार करने और कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर को कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा को लेकर प्रदेश में सियासत गरमा गई है। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मोहम्मद अकबर की भी वही गति होने वाली है, जो टीएस सिंहदेव की हुई है। जो घोषणा पत्र संयोजक के नाते किए वादे पूरा न कर पाने के कारण मुंह छिपाते घूम रहे हैं, अकबर भी जनता से मुंह चुराएंगे। जनता में खुसुर-फुसुर है कि आप तो इस प्रदेश के सबसे वरिष्ठ भाजपा नेता है, आपको भाजपा ने चुनाव घोषणा पक्ष समिति का संयोजक क्यों नहीं बनाया। चुनाव में नाम का बड़ा खेल होता है, इसलिए बघेल वर्सेस बघेल भाजपा की रणनीति का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक अकबर के साथ कई बीरबल घूम रहे है। जो बादशाहत की तलाश में हैं।

गंगाजल भी शराब और कर्ज से हार गई

मंत्री मोहम्मद अकबर ने शराबबंदी के मामले में भाजपा पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गंगाजल हाथ में लेकर किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था, शराबबंदी के लिए नहीं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में गंगाजल भी शराब और कर्ज से थककर हार गई । अब गंगा भी सोच रही है कि इस बार घोषणापत्र या चुनाव में मेरे नाम का उपयोग किया तो उल्टी गंगा बहा दूंगी।

भूपेश बघेल का चल गया जादू

छत्तीसगढिय़ा सीएम भूपेश बघेल पूरे साढ़े चार साल तक ऐसा जादू चलाया कि चुनाव आते-आते तक लोक संस्कृति, सामाजिक रीति रिवाज, खान-पान, तीज-त्योहार के साथ सत्ता का सीधा समन्वय जारी है। चार चिन्हारी के नरवा,गरवा, घुरवा, बाड़ी के साथ गौठान को भी रोजगार से जोडक़र मवेशियों के साथ वहां देखरेख करने वालों के लिए भी दाना-पानी का इंतजाम कर दिया। कोई सब्जी बेच रहा है तो कोई खाद बेच रहा है, कुल मिलाकर गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत करने में जो योगदान दिया उसे देखकर विपक्ष भी सीएम भूपेश के रंग में रंग कर तारीफ करने लगे थे। यही भूपेश का जादू है जो चुनावी बेला में भी जमकर चल रहा है। भूपेश बघेल ने एक नया दांव खेलकर हरेली से छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक शुरू कर खेल कर भाजपा के इस दौरान चुनावी सभा को प्लाप करने की योजना में सफल होते दिख रहे हैं। सी-मार्ट में छत्तीसगढिय़ा व्यंजन और मिलेट्स कोदो, कुटकी, साबूदाना के साथ गेड़ी भी रेडीमेड मिल रहा है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि कांग्रेसी सरकार पर नजर लगाने वालों और टोना-टोटका करने वालों को गेड़ी में चढक़र हरेली के दिन कांग्रेसी बैगा बनकर टोनही भगाने जाएंगे।

सावन में महादेव सटोरियों से नाराज

सावन शुरू होते ही महादेव एप ऑनलाइन सट्टा में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। लगता है महादेव सटोरियों से नाराज है, भक्तिभाव में कमी से वक्र दृष्टि पडऩे से प्रलय आ गया है। भगवान के नाम पर अवैध कारोबार से लगता है शिव नाराज चल रहे हैं। इसके पहले ऑनलाईन सट्टा महादेव एप्प का चैनल चलाने वाले विदेश में बैठकर सट्टा का संचालन कर रहे थे। पुलिस को लंबे समय से सट्टा खिलाने की सूचना तो मिल रही थी, लेकिन स्पाट का पता नहीं चल रहा था। जनता में खुसुर-फुसुर है कि हर थाने में भगवान भूतभावन का शिवालय बना रखा है। ताकि जब पुलिस वाले थक जाए तो केस को भगवान के भरोसे छोड़ दो तो भगवान मदद कर ही देंगे। तो क्या थानों में केस भगवान भरोसे निपट रहे है?

ये तो पुलिस है सब जानती है...

रेलवे स्टेशन में हर रोज कोई न कोई अपराध घटित होता है, बैग चोरी, छिनताई, ठगी के अलावा रेलवे पुलिस रोज गांजा पकड़ रही है। मुखबिर की सूचना पर रायपुर रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म नं 05-06 दुर्ग छोर पर स्थित शौचालय के पास मुखबिर के बताए हुलिया पहनावा एवं सामान के आधार पर संदिग्ध को घेरा बंदी कर पकड़ा गया, उसके कब्जे से 09 पैकेट वजन 10 किलो105 ग्राम गांजा जब्त किया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि रेलवे का मुखबिर तंत्र मजबूत हो गया है या सरगना से दान दक्षिणा में कमी हो गई होगी। क्योंकि रेलवे वालों को मालूम है कि उड़ीसा से ट्रेन के रास्ते गांजा राजधानी कैसे पहुंचता है। छत्तीसगढ़ में गांजा प्रतिबंधित होने के बाद भी सप्लायर सड़क़ और रेल मार्ग से गांजा लाने में कैसे सफल हो रहे है यह शोध का विषय है।

चूना लगाने के कई तरीके

जीएसटी ने ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर लगाई जाने वाली पूरी राशि पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का फैसला किया। वहीं, काउंसिल ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली डाइनुटक्सिमैब दवा और दुर्लभ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले विशेष चिकित्सकीय खाद्य उत्पाद (एफएसएमपी) के आयात पर जीएसटी से राहत देने का भी फैसला किया है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जीएसटी गेमिंग वाले इतने शातिर है कि दुर्लभ बीमारियों के नाम आनलाइन गेमिंग शुरू कर चूना लगा सकते हैं।

पुलिस का चेकिंग अभियान जारी

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते हुए सडक़ दुर्घटना के रोकथाम के लिए यातायात जन जागरूकता कार्यक्रम के साथ-साथ उल्लंघनकर्ता वाहन चालकों पर कार्यवाही से वाहन चालकों में हडक़ंप मचा हुआ है। पुलिस ने मंदिर हसौद, सेजबहार, धरसीवां, विधानसभा थाना क्षेत्र में हाईवे एवं हाईवे के किनारे सडक़ पर वाहन पार्क करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्यवाही की। जनता में खुसुर-फुसुर है कि ऐसा ही अभियान शहर के अंदर और गोलबाजार, जीई रोड, एमजी रोड,सदर बाजार, रामसागर-पारा, स्टेशन रोड, जेल रोड, पुराना बस स्टैंड में चलाए ताकि अवैध पार्किंग और जाम से निजात मिल सके।

कहां चल दिए सरकार ...

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों से पहले लगातार राजनीतिक माहौल बदल रहा है। अब गरियाबंद के एक पूर्व विधायक ओमकार शाह ने इस्तीफा दे दिया है। ओमकार शाह ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से इस्तीफा दिया है। ओमकार शाह बिंद्रानवागढ़ से 2 बार कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। साथ ही कहा कि एक बड़ी पार्टी के नेता से उनका संपर्क है, जाहिर है कि वे जल्द किसी दूसरी पार्टी में जा सकते हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि शाह के शाही ठाठ बरकरार है, उनके दोनों हाथों में तीन लड्डू है, शुगर टेस्ट कर आगे की घोषणा करेंगे, वो कही भी जा सकते है, ताकि गरियाबंद का शुगर लेवल नार्मल रहे। तभी तो मतदाताओं में मिठास घोल पाएंगे।

सिंहदेव-सिंधिया मुलाकात को लेकर राजनीति नजरिया

दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव की मुलाकात को लेकर दोनों पार्टियों के कान खड़े हो गए। राजा-राजा से मुलाकात करे तो खबर बन ही जाता है। सिंहदेव-सिंधिया से मुलाकात के पीछे कारण अम्बिकापुर को रायपुर, बनारस, राँची और दिल्ली से सीधी विमान सेवाएं दिलाना था, वही सेना को दी गई ज़मीन को वापस लेकर बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार में इस्तेमाल करने की चर्चा की। मुलाकात के फोटो देखकर लोग दूसरे ही कयास लगाने शुरू कर दिए थे। जनता में खुसुर-फुसुर है कि पब्लिक अब हर चीज को राजनीतिक नजरिए से देखती है, क्योंकि चुनाव नजदीक है कोई भी बड़ा धमाका हो सकता है। वैसे कांग्रेस हाई कमान ने दूरदृष्टि का परिचय देकर सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाकर सारे ख्याली पुलाव पकाने वालों को खिचड़ी परोस दी है।

आप का पंजाबी तडक़ा

आम आदमी पार्टी ने धान खरीदी पर कांग्रेस और भाजपा पर सियासी खेल खेलने का आरोप लगाया है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस, दोनों की पार्टियों की सरकारों ने छत्तीसगढ़ के किसानों का हक मारा है। अधिकारों को छीना है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि बिलासपुर में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाबी तडक़ा लगाया । सभा में भीड़ से लोगों को समझ आ गया कि ये पार्टी दिल्ली-पंजाब तक ही जोर मार सकती है, बिलासपुर में तो इससे ज्यादा भीड़ तो बसपा की सभा में होता था, उसके बाद भी एक-दो सीट में अटक कर रह जाती थी।

युवाओं के साथ मुख्यमंत्री संवाद

सभी वर्ग के आम नागरिकों से विधानसभावार भेंट-मुलाकात पूर्ण होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब प्रदेश के युवाओं से संभागवार सीधे संवाद करेंगे। इस खास आयोजन के दौरान वे युवाओं से उनके मुद्दों, उपलब्धियों और आकांक्षाओं पर बात करेंगे। वे युवाओं के प्रश्नों के जवाब भी देंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साढ़े चार सालों में युवा हित में अनेक निर्णय लिये हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की फीस माफी के साथ ही राज्य में रोजगार मिशन का संचालन किया जा रहा है। साढ़े चार सालों में बड़े पैमाने पर शासकीय भर्तियां की गई हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भूपेश बघेल सीधे संवाद करने के मायने अच्छी तरह जानते है। पहली बार जो युवा वोट देंगे वो तो सीएम से मुलाकात के लिए उतावले है, सीएम जानते है कि भेंट मुलाकात में सबसे ज्यादा युवाओं की भीड़ थी, लेकिन उनसे सीधे बात नहीं हो पाई थी, उस कमी को अब पूरा करने जा रहे है।

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