खैरागढ़ पालिका चुनाव के तर्ज पर कांग्रेस विधानसभा चुनाव लड़ा तो राह आसान नही...
राजनांदगांव/छुरिया। हाल ही मे खैरागढ़ पालिका चुनाव प्रदेश मे कांग्रेस का सत्ता सरकार होने के बाद भी बहुत कम मार्जिन से कांग्रेस प्रत्याशियों को जीत हासिल हुआ। वोट आंकड़ा देखें तो कांग्रेस के बजाए भाजपा ने ज्यादा वोट हासिल की है। अगर मुख्यमंत्री द्वारा सभा और प्रभारी मंत्री का दिनरात चुनाव प्रचार का जिम्मा स्वयं अपने हाथो मे नही लिया होता तो जिला के कुछ आयतीत नेताओं के भाषण व कुर्ता पायजामा लगाकर सिर्फ अपने वाहनो मे डिजल पर्ची लेकर चुनाव प्रचार का प्रदर्शन कर शाम तक घर लौटने वाले नेताओं के भरोसे चुनाव लड़कर जीत हासिल करना तो केवल सपना था। कांग्रेस के बडे नेता अगर खैरागढ़ नगर पालिका चुनाव मे जिला के कुछ नेताओं को चुनाव प्रचार का जिम्मा सौपा गया था आज कांग्रेस पार्टी के नेता फिर ऐसे ही कुछ नेताओं के भरोसे खैरागढ़ विधानसभा चुनाव लड़ा गया तो ये सिट जीतना कांग्रेस पार्टी के लिए आसान नही होगा। बता दें कि कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार विधानसभा के लिए बिल्कुल नया चेहरा है। हालांकि जालबांधा व बाजार अतरिया क्षेत्र मे इनका बड़ी संख्या मे समर्थक है। लेकिन विधानसभा के छुईखदान, साल्हेवारा व गंडई क्षेत्रों मे इनकी पकड़ कमजोर बताई जा रही है। जहां कार्यकर्ताओं के बदौलत इनको वोट मिलने की संभावना है। उक्त क्षेत्रों मे इनको ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है।
भाजपा ने जिस चेहरे को खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव मैदान मे उतरा है वह किसी परिचय का मोहताज नही है। वे पूर्व मे विधायक पद से लेकर सासंदीय सचिव के पद तक का सफर तय कर लोगों का काम किया है। जनता उनसे लाभ लिया है क्षेत्र के वर्षों पुरानी मांगो को विकास कार्यों मे गति दे चुके है। इनके व्यवहार को सभी दलों के लोग भलीभांति जानते है। एक बात और है इनका चुनाव हारने के बाद भी कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क बना हुआ है। यही कारण है कि आज भी लोग इन्हे पसंद करते है। स्व. देवव्रत सिंह के विधायक रहते सांसद बनने के बाद से खैरागढ़ विधानसभा सीट का खाली होना व उनकी पहली पत्नी को उपचुनाव मे रिकार्ड मतो से हराना एक रिकार्ड भी बन गया था। उस समय भी भाजपा ने उन पर विश्वास जताकर उपचुनाव मैदान मे उतारा था। और अब भी उन पर ही विश्वास जताकर उपचुनाव मैदान मे उतारा गया है। ऐसे मे भाजपा के उम्मीदवार को कमजोर आंकना सत्ता दल के नेताओं की भूल होगी।
इधर जोगी कांग्रेस को दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद से लगातार झटका लग रहे है। वहीं जोगी कांग्रेस ने लंबे समय से पार्टी मे समर्पण भाव से काम करने वाले सिपाही को नजरअंदाज कर नया चेहरा को चुनाव मैदान मे उतारा है। यानि पुराने कार्यकर्ताओं के हिसाब से मेहनत करे मुर्गी और अंडा खाए फकीर वाले कहावत फिटोफिट बैठती है। खैर पार्टी का मामला है और पार्टी ने जो तय किया है वही सही है.
एक तरफ शिवसेना ने भी खैरागढ़ विधानसभा मे ताल ठोंकने मे कमी नही की है। आखिरि दौर तक ये समझा जा रहा था कि उक्त पार्टी से उम्मीदवार उतरेगा कि नही । ऐन वक्त पर पत्रकारिता के क्षेत्र मे अच्छा खासा नालेज रखने वाले पत्रकार को चुनाव मैदान मे उतारकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है , हालांकि उक्त पार्टी के उम्मीदवार को पालिटिक्स का उतना खासा अनुभव नही है फिर भी विधानसभा उपचुनाव मे उपस्थिति दर्ज कराकर खलबली जरूर मचा दी।
पिछले चार महिनो से खैरागढ़ उपचुनाव को लेकर तैयारी कर रहे डायमंड पार्टी के उम्मीदवार ने सबसे पहले नामांकन दर्ज किया। शोसल मिडिया व राष्ट्रीय अखबारों के फ्रंट मे दिखने वाले डायमंड पार्टी के उम्मीदवार को पुरा विश्वास है कि वे उपचुनाव आसानी से निकाल रहे है। लेकिन यह कहना भी उचित नही है कि शोसल मिडिया व्हाट्सएप व फेसबुक के बदौलत चुनाव भी जीता जाता है। हालांकि पिछले चार महिनों की इनकी मेहनत से पढ़े लिखे शिक्षित वर्ग व युवाओं तक पहुंच बन चुकी है, जो भाजपा कांग्रेस के लिए मुशीबत भी बन सकती है।
◆एक नजर विधानसभा के मतदाताओं के उपर
विधानसभा मे वैसे चुनाव जीतने के लिए कोई भी एक उम्मीदवार को लगभग 65-70 हजार वोट चाहिए। अब देखना यह है कि कौन उम्मीदवार कितना वोट अपने पक्ष मे रखता है।
5 जनवरी 2022 को निर्वाचक नामावली के अंतिम प्रकाशन की स्थिति में निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2,11,879 है। जिनमें से 106434 पुरुष मतदाता एवं 105445 महिला मतदाता थे। निर्वाचक नामावली के अंतिम प्रकाशन के पश्चात सतत अद्यतिकरण के दौरान कुल 419 नाम शामिल किए गए हैं तथा 758 नाम विलोपित किए गए हैं। वर्तमान स्थिति में निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2,11,540 है जिनमें से 106290 पुरुष मतदाता एवं 105250 महिला मतदाता है।
विधानसभा निर्वाचन 2018 के दौरान कुल मतदाताओं की संख्या 2,01,701 थी इस प्रकार मतदाताओं की संख्या 9839 की वृद्धि हुई है। जहां दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 690 है। कुल मतदाताओं में 18-19 वर्ष आयु के मतदाताओं की संख्या 3712 है जिनमें 2398 पुरुष एवं 1314 महिलाएं हैं । 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 1630 है जिनमें 609 पुरुष एवं 1021 महिलाएं हैं। सेवा मतदाताओं की संख्या 90 हैं जिनमें 79 पुरुष 1 महिला मतदाता है। सभी सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से डाक मतपत्र जारी किए जाएंगे विधानसभा निर्वाचन 2018 में खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में 84.13% मतदान हुआ था, जबकि विधानसभा क्षेत्र निर्वाचन 2013 में इस विधानसभा क्षेत्र से 84.8% मतदान हुआ था, लोक सभा निर्वाचन 2019 में इस विधानसभा क्षेत्र से 78.27% मतदान हुआ था।