छत्तीसगढ़

khusur fusur: हमने तुमको देखा-तुमने हमको देखा ऐसे सनम, मिलके रहेंगे जनम-जनम

Nilmani Pal
28 Jun 2024 6:21 AM GMT
khusur fusur: हमने तुमको देखा-तुमने हमको देखा ऐसे सनम, मिलके रहेंगे जनम-जनम
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ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

chhattisgarh news बलौदाबाजार कांड में कांग्रेस की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस कांड को भाजपा की सुनियोजित साजिश बताया है। जबकि भाजपा वाले शुरू दिन से यही कहते आ रहे हैं कि इस कांड में कांग्रेस का सीधा हाथ है। बलौदाबाजार में सरकारी आंकड़ा नुकसान का 12 करोड़ अनुमानित है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि हाथ किसी का भी हो सरकारी संपत्ति का नुकसान तो हुआ है जिसकी भरपाई जनता पर टैक्स लगातर वसूली करेगी। जिन लोगों पर अपराधी बताया जा रहा था, वो तो बाहर खुले आम घूम रहे हंै और गुनगुना रहे हैं। हमने तुमको देखा-तुमने हमको देखा ऐसे सनम, मिलके रहेंगे जनम-जनम।

जनदर्शन में विष्णु का दर्शन

पहले नई सरकार बनने के बाद जनदर्शन कार्यक्रम हुआ। जनदर्शन में विष्णु का दर्शन करने लोगों का तांता लगा रहा। विष्णु ने नाम के अनुरूप काम भी किया। किसी को कैंसर के इलाज के लिए मदद तो किसी को पढ़ाई के लिए रास्ता खोल दिया। किसी ने ने स्वेच्छा अनुदान के रूप में मदद लेकर गदगद दिखे। जनता में खुसर-फुसर है कि भारी उमस और गर्मी के बीच जनता का काम निपटाने के लिए 5 घंटे बैठे रहे। जनता का कहना है कि सरकार को मंत्रालय का काम बंगले से ही करना चाहिए ताकि लोगों को त्वरित न्याय मिल सके । अब हर गुरुवार विष्णुदेव के नाम समर्पित होगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कैसे होगी पढ़ाई

प्रदेश के कालेजों में पूरी तरह अंधेरगर्दी चल रही है। बिना सिलेबस देखे छात्र प्रवेश ले रहे हैं। जब छात्र बगैर सिलेबस प्रवेश ले लिया है तो आगे देखने की जरूरत नहीं है। आगे पाठ पीछे सपाट वाला खेल विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में चल रहा है। जनता में खुसुर फुसुर है कि जब ये छात्र पासआऊट होकर बाहर आएंगे तो ये यह नहीं बता पाएंगे कि हमने क्या पढ़ा और कैसे पास हो गए। बताया जा रहा है कि सेंट्रल कमेटी से अभी सिलेबस की अनुमति नहीं मिली है। तो समझ लीजिए उच्च शिक्षा का क्या हाल होगा।

निजी अस्पतालों में दलाल देखते है मरीज को

प्रदेश में अब चिकित्सा व्यवसाय ने नया रूप ले लिया है। मरीजों की बीमारी का इलाज करने पहले डाक्टर देखा करते थे कि इस मरीज का कहां अच्छा इलाज हो सकरता है लेकिन जब से छत्तीसगढ़ प्रदेश बना है जब से निजी अस्पतालों में दलाल तय करते है कि कौन मरीज किस अस्पताल में भेजा जाए। अस्पतालों का दलालीलकरण हो चुका है। वहां सिर्फ इलाज के नाम पर गुंडागर्दी हो रही है। जिस मरीज को अस्पताल में भर्ती किया है उसका बचत कर आना नामुमकिन है। जनता में खुसुर-पुसुर है कि दलालों और कर्ताधर्ता का नाम यमराज होना चाहिए क्योंकि यही लोग मौत की तारीख तय कर रहे हंै।

फीस लेने में भी लूट

डाक्टरी की विशिष्टता हासिल कर चुके डाक्टरों की फीस क्या होनी चाहिए आज तक मोडिकल काउंसिल तय नहीं कर सका, जिसका फायदा डाक्टर उठा रहे हैं और गरीबों का खून चूस रहे हैं। किसी डाक्टर की फीस 50 रुपए तो किसी का 700 रुपए सिर्फ देखने की, और दवाई वगैरह का खर्च अलग से। एक डाक्टर एमबीबीएस करने के बाद अपनी निजी क्लिनिक खोलकर मात्र 5 साल में करोड़ों के अस्पताल का मालिक बन बैठता है कहां से आता है इतना पैसा, दवाइयों में भी इनका कमीशन होता है कैसी विडंबना। डाक्टर वही दवाई लिखते हैं जिसमें इनका कमीशन होता है। जनता में खुसुर फुसुर है कि जनता मरीज नहीं गन्ना हो गया है जिसे मीठा होने की वजह जड़ तक चूस रहे हैं।

बाउंसर वाला अस्पताल, इलाज कराओ और पिटाई खाओ

राजधानी के तथाकथित अस्पतालों में डाक्टर और मरीज की जगह बाउंसरों ने ले ली है। निजी अस्पताल के डाक्टर के साथ बाउंसरों की सुरक्षा मरीजों और उनके परिवाररों को मारने के लिए रखा जाता है ताकि पैसे वसूली में आनाकानी करें तो जमकर धुनाई कर सके। जनता में खुसुर-फुसुर है कि अस्पताल में मरीज को भर्ती कराकर परिवार वालों को फ्री में मसाज की सुविधा मिल रहा है।

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