दौर ए नफरत में मोहब्बत सिखाने आया हूं, दिल के हर कोने में हिन्दुस्तान बसाने आया हूं
ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव
कांग्रेस अध्यक्ष पद प्रत्याशी शशि थरूर चुनाव के लिए सार्वजनिक बहस की बात से पलट गए हैं। अब उन्होंने कहा है कि हमारा मुकाबला भाजपा से है, आपस में नहीं। थरूर ने एक दिन पहले ही अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खडग़े को खुली बहस की चुनौती दी थी। खडग़े ने कहा था कि यह पारिवारिक मामला है, हमें भाजपा से लडऩा है। थरूर ने कहा कि मैं खडग़े से सहमत हूं। हमारे बीच कोई वैचारिक मतभेद नहीं है। इस बीच, कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने पार्टी के राष्ट्रीय व प्रदेश पदाधिकारियों को गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक राष्ट्रीय महासचिव, प्रदेश प्रभारी, सचिव, संयुक्त सचिव, प्रदेश अध्यक्ष, सदन में पार्टी के नेता, फ्रंटल संगठनों के अध्यक्ष, विभागों व सेल के प्रमुख तथा पार्टी प्रवक्ता अगर किसी प्रत्याशी का चुनाव प्रचार करना चाहते हैं तो वे पहले पद से इस्तीफा दें। जनता में खुसुर-फुसुर है कि अब कांग्रेस नए ताजातरीन सोच और स्फूर्त होकर भाजपा से निपटने के लिए तैयार हो गई है। यह सही है कि दूसरे से लडऩे के बजाय अपनों से लडऩे में ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है। जैसे भारत के ताजा राजनीतिक परिदृश्य में दिखाई दे रहा है।
भाईचारे की राजनीति-कैसी तबीयत
डा. रमनसिंह के अचानक दिल्ली जाने की वजह से कई तरह की अफवाहें शुरू हो गई थीं। डॉक्टर रमन सिंह का पहले से कोई विशेष कार्यक्रम दिल्ली जाने का तय नहीं था। मगर वह अचानक चिकित्सीय सलाह के बाद दिल्ली निकल पड़े। इसे लेकर प्रदेश में कई तरह की सियासी चर्चाएं शुरू हो गई। इसी बीच सीएम भूपेश ने रमन सिंह को कॉल करके पूछा तबीयत कैसी है, डॉक्टर साहब...दूसरी तरफ से डॉक्टर रमन सिंह ने हाल चाल ठीक होने की जानकारी दी। इसके बाद सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा कि मैं उनके शीघ्र स्वास्थ्य की कामना करता हूं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि नेताओं की भाईबंदी भी गजब की होती है। सत्ता पक्ष और विपक्ष में रहने का यही सुख होता है नहीं पूछने वाले भी पूछपरख कर बैठते हैं। रमनसिंह के सत्ता में रहने के दौरान मंच शेयर नहीं करने का संकल्प लेने वाले सीएम भूपेश ने डाक्टर रमनसिंह के मेदांता में जाते ही सब काम छोडक़र फोन लगाकर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेकर हालचाल जाना। राजनीति की भाईबंदी का इससे बड़ा प्रत्यक्ष दर्शन कही भी नहीं मिलेगा। जहां दो विपरीत ध्रुव एक हो जाते हंै। किसी ने ठीक ही कहा है कि दौर ए नफरत में मोहब्बत सिखाने आया हूं, दिल के हर कोने में हिन्दुस्तान बसाने आया हूं।
आम आदमी पार्टी का राजनीतिक हमला
हसदेव में हो रही जंगलों की कटाई का मामला सियासी तूल पकड़ रहा है। अब आम आदमी पार्टी ने इस पर राजनीतिक हमला किया है। आप नेता हसदेव मामले में एक्टिव हो गए हैं। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने ऐलान किया है कि वो अब आमरण अनशन करेंगे। नेताओं ने ऐलान किया है। कोमल हुपेंडी ने कहा कि हम 5 दिनों का वक्त प्रशासन को दे रहे हैं। इसके बाद अनशन शुरू हो जाएगा। सप्ताह के अंत में मुख्यमंत्री निवास के बाहर आमरण अनशन पर बैठने की तैयारी में आप नेता हैं। आप नेताओं ने अपने बयान में कहा कि भाजपा-कांग्रेस दोनों के नेता जनता को गुमराह करने और लूटने में लगे हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया पर ईडी-एसीबी खुश है या नाराज बस इतना आप वाले बता दें।
पिछले चार से सडक़ खराब होने पर क्यों चुप रहे?
प्रदेश में खराब सडक़ों के मुद्दे को लेकर चल रही सियासत गृहमंत्री के एक कमेंट के बाद और तेज हो गई है। सडक़ों से जुड़ा विभाग पीडब्ल्यूडी भी उन्हीं के पास है। राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने हाल में गड्ढों वाली सडक़ का वीडियो शेयर किया था। वीडियो पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने ऐसी टिप्पणी कर दी, जिससे सांसद नाराज हो गईं। उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। सांसद सरोज पांडेय ने कोरबा जाते हुए गड्ढों भरी सडक़ पर खड़ी होकर किसी टीवी एंकर की तरह सडक़ों की बदहाली वीडियो में बताई थी। इसे उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था, कि प्रदेश की सडक़ों की दुर्दशा पर सरकार ध्यान दें। इस वीडियो को वायरल होने के बाद पक्ष और विपक्ष के बीच इसे लेकर जमकर बयानबाजी भी हुई थी। सूबे के गृह और पीडब्ल्यूडी मंत्री ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सडक़ पर नेताओं का लगातार झड़प इस बात का संकेत है कि चुनाव आने वाला है। नहीं तो सडक़ तो पिछले चार साल से दुर्दशा के आंसू बहा रहा है किसी ने उफ तक नहीं कहा अचानक भाजपा प्लेटफार्म में आना वोट बैंक बढ़ाने की मिशन तो नहीं है।
सियासी बवाल मचना शुरू
कुम्हारी के कपसदा गांव में एक ही परिवार के चार सदस्यों की हुई हत्या के बाद अब सियासी बवाल मचना शुरू हो चुका है। इस मामले में भाजपा मुआवजे की मांग कर रही है । उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रही है। तो दूसरी तरफ कांग्रेस कह रही है कि पुलिस ने अपना बेहतर काम किया है लाशों पर राजनीति न करें। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने हत्याकांड को लेकर अपना बयान जारी किया है । उन्होंने कहा है कि पीडि़त परिवार को सरकार 4 करोड़ मुआवजा दे । सामूहिक हत्याकांड के बाद पीडि़त परिवार से प्रशासन का कोई नुमाइंदा मिलने नहीं पहुंचा। मंत्री रूद्र गुरु मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कोई संवेदना नहीं दिखाई। इस हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। जनता में खुसुर-फुसुर है कि नेताओं को इस तरह के गंभीर मामले में पैर नहीं फंसाना चाहिए। बल्कि पीडि़त संतप्त परिवार को मदद दिलाने के हर संभव प्रयास करना चहिए यहां तो दोनों की पार्टी राजनीतिक चश्मा पहन कर मामले को देख रहे है। तेरे से ज्यादा मेरा रंगीन वाला चश्मा काम कर रहा है।
दो नए पुरस्कारों का स्वागत
छत्तीसगढ़ में इस साल से दो नए पुरस्कार शुरू हो रहे हैं। यह पुरस्कार पर्यावरणविद अनुपम मिश्र और रंगकर्मी हबीब तनवीर की स्मृति में दिया जाएगा। रंगकर्मियों और पर्यावरण प्रेमियों ने सीएम की घोषणा का स्वागत किया है। महात्मा गांधी की जयंती पर आयोजित सरकारी समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा, वॉटर रिचार्जिंग के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले व्यक्ति और संस्था को अनुपम मिश्र पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध रंगकर्मी हबीब तनवीर के नाम पर भी पुरस्कार दिया जाएगा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि पुरस्कार तो मिल जाएगा पहले सबसे अहम यह है कि छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकारों को सहेजना और उनकी जिंदगी में खुशहाल बनाना है, साथ ही पर्यावरण प्रेमियों से मिलने वाले सुझावों पर अमल करने की जरूरत है।
छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक खेल शुुरू हो गया
छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक खेल शुरू हो गया है खेल के लिए 6 स्तर निर्धारित किये गये है। इसके अनुसार पहले ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र स्तर पर राजीव गांधी युवा मितान क्लब में खेलों का आयोजन नाकआउट पद्धति से होगा। दूसरा स्तर जोन है जिसमें आठ राजीव युवा मितान क्लब को मिलाकर एक क्लब होगा। तीसरे स्तर पर विकासखण्ड तथा नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंत में राज्य स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक खेलों में हो सकेंगे शामिल खेलों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक भाग रहे। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सरकार पहले छत्तीसगढ़ में तैयार होने वाले खिलाडिय़ों को खुराकी और ट्रेकशूट के लिए फंड बढ़ाए जिससे ग्रामीण खिलाडिय़ों को मौका हासिल करने पर कोई असुविधा महसूस न हो। जिससे वो अपनी मेहनत से लांस एंजिलेस ओलंपिक खेलों में भी शिरकत कर सके।