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सूरजपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशानिर्देशन में जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर गोविन्द नारायण जांगडे के मार्गदर्शन में 11 फरवरी को जिला न्यायालय सूरजपुर, तालुका न्यायालय प्रतापपुर व कुटूम्ब न्यायालय सूरजपुर तथा जिले के समस्त राजस्व न्यायालयों में हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। जिसकी तैयारी को लेकर माननीय जिला व सत्र न्यायाधीष ने 15 जनवरी को समस्त न्यायाधीषगणों व 17 जनवरी 2023 को समस्त बैंक अधिकारी, विद्युत विभाग, दूरसंचार विभाग तथा 18 जनवरी 2023 को समस्त अनुविभागिय अधिकारी सूरजपुर, तहसीलदार, पीडब्लूडी व नगरपालिका अधिकारीयों की बैठक ली। बैठक में जिला न्यायाधीष ने जिले के समस्त न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य मामलों को लोक अदालत के समक्ष प्रस्तुत कर निराकृत किये जाने के निर्देश दिये। वहीं प्री-लिटिगेशन मामलों के संबंध में अधिकारियों को प्री-लिटिगेशन मामलो को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समक्ष जल्दी पेश करने के निर्देश दिये, जिससे पक्षकारों तक जल्दी नोटिस पहुचे जिससे पक्षकारों को तैयारी करने का समय मिल सके कई बार यह देखा गया है, कि लोक अदालत के एक दिन पूर्व तक प्री-लिटिगेशन के मामले प्रस्तुत किये जाते है, जिसके कारण पक्षकारों तक नोटिस नहीं पहुच पाती है। जिन तक पहुचती है, वे कम समय होने से पैसो का इन्तजाम नहीं कर पाते जिससे प्री-लिटिगेशन मामलों के निराकरण में कमी आने का यह भी एक कारण है।
11 फरवरी के हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में वर्चुअल व फिजिकल दोनों ही माध्यम से प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी। लोक अदालत में न्यायालयों मे लंबित राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, परिवारिक विवाद व अन्य राजीनामा योग्य राजस्व प्रकरणों तथा बैंक ऋण, विद्युत, जल के बकाया देयकों का प्री लिटिगेशन प्रकरण को नेशनल लोक अदालत में सुनवाई क ेलिए रखे जाएंगे। राजस्व विभाग के मामले राजस्व न्यायालयों में ही सुनवाई के लिए रखे जाएंगे। लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहा न्यायालयों में लंबित वाद-विवाद, मुकदमें या प्री-लिटिगेशन चरण के मामलों का सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटारा किया जाता है। लोक अदालत विवादों के निपटारे का वैकल्पिक माध्यम है, जहां श्रम, धन, की बचत होने के साथ ही लोगों के मध्य आपसी विवाद हमेशा के लिए समाप्त होने के साथ आपसी बैर की भावना हमेशा के लिए समाप्त होने के साथ त्वरित न्याय प्राप्त होता है। लोक अदालत में पारित आदेश, अवार्ड अंतिम होता है व इसके विरूद्ध कोई अपील नहीं होती। लोक अदालत आयोजन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है, कि देश का कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अन्य अक्षमता के कारण न्याय पाने से वंचित न रहे साथ ही न्यायालय में बढ़ते मामलों की संख्या को कम किया जा सके। जिले वासियों से अपील है कि आज के नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक लोग उपस्थित होकर अपने मामले को आपसी समझौते के आधार पर हमेशा के लिए समाप्त करने के लिए वर्चुअल व फिजिकल दोनों ही माध्यम उपस्थित होवें। वर्चुअल मोड पर उपस्थित होने के लिए जिला न्यायालय सूरजपुर वेबसाइट पर जाकर संबंधित कोर्ट के आगे दिये लिंक पर क्लिक कर वर्चुअल मोड पर जुड़ा जा सकता है।
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