x
उसूर केचेरकडोडी निवासी विजय लक्ष्मी धुर्वा के पति का कोरोना से रायपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई।
बीजापुर। उसूर केचेरकडोडी निवासी विजय लक्ष्मी धुर्वा के पति का कोरोना से रायपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। लेकिन जिला प्रशासन व अस्पताल प्रंबधन से अब तक कोई सहायता नही मिली है। पति की मृत्यु पश्चात कलेक्टर कार्यालय से लेकर सीएमएचओ आफिस में आवेदन देकर सहायता की मांग की, जो अब तक पूरा नही हुई है। आठ माह के लम्बे अंतराल के बाद भी सहायता न मिलना विभागीय लापरवाही सामने परिलक्षित हो रही है।
विजय लक्ष्मी धुर्वा के अनुसार पति की तबियत खराब होने पर नौ अगस्त 20 को बीजापुर के जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया था कोरोना से गंभीर स्थिति के कारण जगदलपुर से रायपुर रेफर किया गया था। जहां इलाज के दौरान 13 अगस्त को पति की मृत्यु हो गई। विजय लक्ष्मी धुर्वा ने बताया कि कोरोना से मृत्यु होने पर अभी तक कोई सहायता राशि नहीं मिली है। साथ ही जिला चिकित्सालय से डेथ सर्टिफिकेट भी नहीं दिया गया है। मूलतः चेरकडोडी निवासी विजय लक्ष्मी धुर्वा वर्तमान में आवापल्ली के मांझीपारा में निवासरत है। उन्होंने बताया कि पति स्व. तिरुपति आलम एक माह तक मौखिक आदेश से पशु विभाग में सर्वे कार्य में पशु गणना का कार्य किए थे, उसके पश्चात स्वास्थ्य खराब होने के कारण काम नही कर पाये।
माता-पिता गरीब, भाई भी नहीं
विजय लक्ष्मी ने नईदुनिया को बताया कि मेरे पति के मृत्यु के बाद मेरी आर्थिक हालत ठीक नहीं है, मैं मजदूरी करके जीवन यापन कर रही हूं। मेरे माता पिता भी आर्थिक रूप से कमजोर है। सहारे के लिये भाई था वो भी इस दुनिया में नहीं रहा। पति के निधन के बाद से मुझे प्रशासन व सीएमएचओ कार्यालयों से अब तक सिर्फ आश्वासन मिला है। वह 12वीं साइंस से पढ़ी है, लेकिन उसे कोई नौकरी भी नहीं मिल रही है। नौकरी मिल जाती तो वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकती है। उसने बताया कि पति के मौत के बाद उसके उपर इलाज कराने के दौरान काफी कर्ज हो गया है। जिससे वह आज कर्ज चुकाने में असमर्थ हो गई है।
आर्थिक सहायता देने का प्रावधान
जिला पं. उपाध्यक्ष कमलेश कारम का कहना है कि विजय लक्ष्मी धुर्वा के पति का निधन हुआ है, परिवार को आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। इसके लिए कार्रवाई के लिए प्रशासन से संवाद किया जाएगा। जो भी राशि देने का है, जल्द दिलाई जाएगी।
Next Story