छत्तीसगढ़

बिना परमिट, बिना फिटनेस दौड़ रही सैकड़ों बसें...

Nilmani Pal
27 Sep 2022 6:04 AM GMT
बिना परमिट, बिना फिटनेस दौड़ रही सैकड़ों बसें...
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आफताब फरिश्ता

बस ऑपरेटर एक परमिट पर चला रहे हैं कई-कई बसें, टैक्स की चोरी कर सरकार को लगा रहे चुना

आपरेटरों दबंगई एक एक परमिट से चला रहे कई रूटों पर बस

एक परमिट से नंबर बदल-बदल कर सरकारी की टैक्स की कर रहे चोरी

मनमानी यहीं नहीं थमा, सरकार को भी लगा रहे चूना

रायपुर । पूरे प्रदेश में बिना परमिट और बिना फिटनेस पास के सैकड़ों बसें दौड़ रही है । परिवहन अधिकारियों और पुलिस की मदद से बस माफिया सरकार को खुले आम चुनौती देकर बिना परमिट और बिना फिटनेस पास किए बसों को दौड़ाकर रोज लाखों रुपए की कमाई कर रहे। लंबी दूरी की बसें देर रात को संचालित होती है और रात के अंधेरे में बस माफियाओं का गिरोह चांदी काट रहा है और सरकार को चूना लगा रहै है? बस आपरेटरों की मनमानी का और दबंगई बदस्तूर जारी है। बस आपरेटर एक परमिट से दो-तीन बसों का संचालन कर सरकारी खजाने में जाने वाले राजस्व में डाका डाल रहे है। सरकारी परिवहन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए कंडम बसों को बिना टैक्स चुकाए दौड़ा कर हर रोज सरकारी राजस्व को हानि पहुंचा रहे है। यात्री सुविधा के नाम पर किराया दो दोगुना वसूल रहे और उसके बदले धक्का पलट बस में ठूंस-ठूंस कर भेंड़ बकरियों की तरह सवारियों को भर कर जानवरों की तरह ढो रहे है।

अनफिट बसों में पर परिवहन विभाग फिदा

अनपिट बसों की लगातार धरपकड़ के बाद भी परिवहन विभाग बस आपरेटरों पर इस कदर फिदा है कि वह बसों की कागजात तक नहीं चेक करता है,बस की हालात कंडम आंखों के सामने देखने के बाद भी कार्रवाई करने के बजाय उसे शाबाबी देकर छोड़ देते है। जिसके चलते बस आपरेटर अनफिट बसों को धड़ल्ले से दौड़ा रहे है। टिकट किराया का तो कोई माई बाप नहीं है, वह तो कडेंक्टर ही तय करता है कि कितना किराया यात्री को देना है।

पार्सल ले जाने वाला गिरोह

बस आपरेटरों को साथ बस के ड्राइवर और कंडेक्टरों ही तय करते है कि कौन सा पर्सवल लेजाना है और कौन सा नहीं ले जाना है। एक गिरोह बस स्टैंंड में काम करता है जो तय करता है कि पार्सल कौन से बस से जाएगा। बस ड्राइवर -कंडक्टर और कारोबारियों का एक गिरोह है जो उनके साथ जुड़े व्यापारियों के ही पार्सल लेकर जाते है। दूसरे सामान्य लोगों का पार्सल ले जाने के लिए भाड़ा के नाम पार मुंह फाड़ते है। उस पार्सल को दूसरे बस से भी नहीं भेज सकते क्योंंकि एक सिंडिकेट बस स्टैंड में काम कर रहा है जो तस्कारी का माल भेजता है इससे उनके पोल खुलने के डर से दूसरों का पार्सल ही नहीं ले जाते है।

रूट वहीं मगर किराया अलग-अलग

अंतरराज्यीय बसे स्टैंड से संचालित होने वाली बसों में बसे बड़ी विडंबना यह है कि एक ही रूट की बसों में अलग-अलग किराया है। चौंकाने वाली बात यह है कि कोई कंडक्टर दो सौ रुपए ज्यादा बता रहा है तो कोई 5 सौ रुपए ज्यादा बता रहा है। बसे स्टैंड में आदमी देखकर किराया लिया जा रहा है। अफसर क्लास,पढ़े लिखे शहरी, गांव-देहात से आकर यात्रा करने वाले यात्रियों से अधिक किराया लेने का प्रचलन निकल पड़ा है। वहीं अफसर क्लास और शहरी लोगों से उससे कुछ कम लिया जा रहा है।

सूत्रों की माने तो बस आपरेटरों और पुलिस की मिली भगत से बसों को व्दारा राजधानी के मादक पदार्थ आ रहे और जा रहे है। बड़े पैकेटों में कपड़ा-किराना सामान लिके पार्सल में अवैध सामान का परिवहन हो रहा है। जिसके लिए बस आपरेटर पार्सल ले जाने के लिए हजारों रुपए भाड़ा लेकर माल की सप्लाई कर रहे है।

बदमाशों का अड्डा बना बस स्टैंड

शहर के सारे बदमाश और जेबकट का अड्डा अंतरराज्यीय बस स्टैंड बना हुआ है। वहां पर रोज जेबकटी, छिनताई, उठाईगिरी होती है। वहां तो शहर के नामी गुंडों बदमाशों ने अड्डा बना लिया है । कुछ दिन पहले ही पुलिस ने चापामार कार्रवाई कर दो दर्जन गुंडों को बस स्टैंड से खदेड़ा था। उसके बाद कुछ दिनों तक ठीक चला फिर गुंडों ने डेरा जमा लिया है।

आए दिन हो रहे छेड़छाड़

अंतरराज्यीय बस स्टैंड बनाने के पीछे यात्रियों को सम्मानजनक यात्रा और सुविधा के लिए बनाया गया है मगर वहां पर उल्टा ही हो रहा है। हर दिन महिला यात्रियों के साथ धक्का मुक्की छेड़छाड़ हो रही है। बदनामी के डर से लोग शिकायत करने से डरते है। इस कारण वहां पर गुंडों के हौसले बुलंद है।

शहर के गुंड़ों ने पुलिस से बचने के लिए ट्रैवल्स एजेंसी में नौकरी करने के नाम पर डेरा जमा लिया है। उनका पुलिस के साथ हंसी मजाक-चाय पानी का याराना है। बसों में यात्रियों को बैठाने के बाद बस रवाना होते ही पुलिस चौकी में गुंडों का चाय पानी का दौर शुरु हो जाता है। हर ट्रैवल्स में इस तरह के लोग जुड़े हुए है जो बसों के साथ भी चलते है और टाइमिंग और सवारी बैठाने को लेकर भी दूसरे बस आपरेटरों से उलझते रहते है। पुलिस वहां कार्रवाई के नाम सिर्फ तमाशा देखते रहती है।

त्योहारी सीजन में बसों में भीड़, एजेंट यात्रियों से वसूल रहे दोगुना किराया

ट्रेनों के रद होने के कारण बसों में भीड़ बढऩे का ये भरपूर लाभ उठा रहे हैं। यात्रियों का आरोप है कि ये कई गुना अधिक पैसे ले रहे हैं।

रायपुर। पुलिस और परिवहन विभाग की ढिलाई के चलते बस स्टैंड में एजेंटों की खूब गुंडागर्दी चल रही है। अभी 85 टे्रनों के रद होने के कारण बसों में भीड़ बढऩे का ये भरपूर लाभ उठा रहे हैं। यात्रियों का आरोप है कि ये कई गुना अधिक पैसे ले रहे हैं। इस अतिरिक्त पैसों की टिकट भी देते हैं। विरोध करने पर गाली देने और फिर मारपीट करने से भी नहीं चूक रहे हैं। भाटागांव बस टर्मिनल से छत्तीसगढ़ के सभी शहरों के अतिरिक्त अन्य राज्यों के लिए 15 सौ से अधिक बसें चलती है। कड़ाई के बाद भी अधिकांश बसों में परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित किराया सूची तक चस्पा नहीं है। पिछले दो महीने से रेलवे लाइन के लगातार ब्लाक होने के कारण दो सौ से अधिक ट्रेनें रद हो चुकी है। इससे लंबी दूरी की यात्रा करने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरी में लोगों को यात्री बस में सफर करना पड़ रहा है। भाठागांव बस टर्मिनल पहुंचने पर बुकिंग एजेंट यात्रियों पर टूट पड़ते हैं। बस में रायपुर से अंबिकापुर का किराया सात सौ रुपये से नौ सौ रुपये तक वसूला जा रहा है, जबकि ट्रेन में स्लीपर का किराया दो सौ रुपये तक है। झारखंड के गढ़वा, डाल्टेनगंज, रांची जाने के लिए यात्रियों से 12 सौ से 15 सौ रुपये तक वसूला जा रहा है। स्थिति ये है कि आसपास के किसी राज्य में जाने के लिए यात्रियों को ट्रेन की सेकंड एसी से ज्यादा किराया देना पड़ रहा है। यहीं नहीं, एक ही रूट पर चलने वाली अलग-अलग ट्रैवल एजेंसियों की बसों का किराया भी अलग-अलग लिया जा रहा है।

एजेंटों की दादागिरी: बस टर्मिनल में अनाधिकृत तरीके से बसों की बुकिंग करने वाले एजेंटों की दादागिरी की शिकायते लगातार पुलिस और परिवहन विभाग तक पहुंच रही है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति की जा रही है। अधिक किराया वसूलने का विरोध करने पर एजेंट विवाद करते हुए मारपीट करने लग जाते हैं। रायपुर आरटीओ शैलाभ साहू के अनुसार बस में सफर करने वाले यात्रियों से अधिक किराया वसूलने की शिकायत मिलने पर लगातार संबंधित बसों के खिलाफ कार्रवाई कर जुर्माना वसूल रहे है। पिछले दिनों ही 75 यात्री बसों के खिलाफ अधिक किराया वसूलने, परमिट, किराया सूची नहीं लगाने, बस कर्मियों द्वारा वर्दी धारण नहीं करने पर कार्रवाई की गई है।

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