छत्तीसगढ़

नहीं बिक रहे मकान, अब छूट का झुनझुना...

Nilmani Pal
1 March 2023 5:37 AM GMT
नहीं बिक रहे मकान, अब छूट का झुनझुना...
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हाउसिंग बोर्ड और आरडीए के कई कॉलोनियों में खाली मकान हो रहे जर्जर, नहीं मिल रहे खरीददार

बिना प्लान के प्रोजेक्ट बनाकर आरडीए-हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने सरकार को लगाया अरबों का चूना

सरकारी धन का दुरूपयोग कर आरडीए-हाउसिंग बोर्ड अधिकारी हो गए मालामाल

ऊटर में प्रोजेक्ट बनाकर आरडीए-हाउसिंग बोर्ड ने फंसाया अरबो-खरबो

आरडीए-हाउसिंग बोर्ड में छूट के नाम पर चल रहा गोरखधंधा

शहर से दूर और जंगलों में कॉलोनियां बना कर अफसरों ने करोड़ों कमाए

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। प्रदेश गठन के साथ गरीब, असहाय, मजदूर, निम्म आयवर्ग, मध्यम आयवर्ग में आने वाले नागरिकों को उनके सिर पर छत देने की मंशा से आरडीए और हाउसिंग बोर्ड का गठन किया गया। उसमें सरकार को रत्ती भर भी सफलता नहीं मिली बल्कि यह स्वयं वित्त पोषित संस्थान तत्कालीन अधिकारियों और पदाधिकारियों का चारागाह बनकर रह गया। जिसका परिणाम यह हुआ कि आरडीए और हाउसिंग बोर्ड की अनाप-शनाप बनाई गई बिना प्लान का संपत्ति खरबो रुपए खर्च कर बना ली गई लेकिन किसी के काम नहीं आया। यह सिर्फ हाउसिंग बोर्ड के भ्रष्ट अधिकारियों को मामलाम करने का जरिया बन गया। जिसका परिणाम यह हुआ कि पिछले 23 सालों में आरडीए -हाउसिंग बोर्ड कर्ज के बोझ तले इतना दब गया है कि वह अंतिम सांसे ले रहा है। आरडीए और हाउसिंग बोर्ड में जिस में अधिकारी को सरकार ने विश्वास के साथ उसके हालत सुधारने के लिए भेेजा, उसी ने आरडीए और हाउसिंग बोर्ड में लूटमार मचा दी।15 साल भाजपा की सरकार रही अपने चहेतों को आरडीए और हाउसिंग बोर्ड को लूटने के लिए सौंप दी। नई सरकार आई उसने भी वही कदम उठाए जो पूर्ववर्ती सरकार ने उठाए थे। आरडीए और हाउसिंग बोर्ड मात्र सरकारी संपत्ति और धन के दुरुपयोग का अड्डा बने रहे। गरीबो और निम्म- मध्यमवर्ग आय वालों को जिनके सिर पर छत नहीं उनको मकान देने का सपना आज तक साकार नहीं हो सका। उसके बनिस्बत वहां पदाधिकारी अधिकारी रहे लोगों ने चुन -चुन कर मौके की जमीन, मकान-दुकान अपने चहेतो अधिकारियों को रिश्तेदारों और पदाधिकारियों को रिश्तेदारों को खैरात बांट दी। जिसके फलस्वरूप आरडीए-हाउसिंग बोर्ड की प्रोजेक्ट के पीछे आने वाले सभी मकान दुकान आज तक नहीं बिक सके। जिससे सरकारी खजाने की खरबो रुपए की राशि बिना प्लानिंग वाले प्रोजेक्ट में पानी की तरह खर्च होते रहे । अधिकारी सरकार को गुमराह करते रहे कि यह प्रोजेक्ट सबसे फायदे वाली है इससे सरकार को पिछले 20 सालों की रिकवरी हो जाएगी। पर ऐसा पिछले 23 सालों मे ंनहीं हुआ । हाउसिंग बोर्ड के बनाए सभी बहुमंजिला प्रोजेक्ट आज खंडहर की स्थिति में है उसके बाद भी अधिकारियों ने चालबाजी नहीं छोड़ी । अब फिर लोगों को संपत्ति खरीदने के लिए भारी भरकम छूट का लालच देकर सरकार को चूना लगाने का खेल शुरू कर दिया है। जो संपत्ति आज से 10 साल पहले 10 -12 लाख थी उसे बिना सोचे समझे 20 लाख तक कर दिया था। जबकि आरडीए-हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को पता है कि आरडीए-हाउंिसंग बोर्ड की रियल इस्टेट मार्केट में क्या छवि है, सबसे घटिया निर्माण हाउसिंग बोर्ड का डैग लाइन बन चुका है। उसके बाद भी आरडीए-हाउसिंग बोर्ड की संपत्ति बेचने की दुस्साहस कर रहा है।

रियल इस्टेट के जानकारों की माने तो जब सौ फीसदी फाइनेंस की सुविधा होने के बाद निजी बिल्डरों की जमान कमान, फ्लेट, दुकान खरीददार नहीं मिल रहे है तो 65 फीसदी फाइनेंस में कहां से खरीददार मिल जाएंगे। यदि वास्तव में सरकार गरीबो-मध्यम-निम्म आय वर्ग के लिए कुछ करना चाहती है तो सौ फीसदी फाइनेंस कर तुरंत कब्जा देकर संपत्ति की कीमत किराया क्रय सिस्टम से करें तो कुछ हल निकल सकता है नहीं तो सरकार ने ने तो पट्टा और अवैध निर्माण को वैध करने की नीति लागू कर दी है जिसके कारण भी हाउसिंग बोर्ड की नई स्कीम भी फेल हो सकती है। हाउसिंग बोर्ड के पदाधिकारियों और अधिकारियों ने घर का सपना देख रहे लोगों के लिए सौगात देने की बात कह रही है लेकिन यह सौगात संपत्ति खरीदने वालों के लिए जी का जंजाल भी साबित हो सकती है। हाउसिंग बोर्ड राहत के नाम पर कंडम संपत्ति बेचने को सौगात का नाम दे रही है।

बताया जा रहा है कि हाउसिंग बोर्ड के कचना, पिरदा, डूमरतराई, बोरियाकला में उपभोक्ताओं को पुरानी ही कीमतों में मकान मिलेंगे। उपभोक्ताओं को 10 लाख रुपये तक सस्ते में मकान मिल रहे है। अगर उपभोक्ताओं द्वारा तीन महीने के अंदर पूरा पैसा जमा कर दिया जाता है तो उसे 10 प्रतिशत अतिरिक्त छूट मिलेगी। उपभोक्ताओं को यह फायदा 31 मार्च तक ही मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि रायपुर के साथ ही प्रदेशभर में भी कई प्रोजेक्ट है,जहां बिक्री नहीं हो रही है। बिक्री बढ़ाने ही यह आफर लाया गया है।

इन क्षेत्रों में हुआ निर्माण

जानकारी के अनुसार हाउसिंग बोर्ड द्वारा प्रदेशभर में स्वतंत्र मकान, फ्लैट्स व दुकानें बनाई है। इनमें खारुन ग्रीन्स अमलताश, कुम्हारी अभिलाषा परिसर, बिलासपुर डूमरतराई फेस एक और दो, रायपुर कचना फेस एक व दो, नवा रायपुर सेक्टर 29, चरोदा हाईट्स, जगदलपुर बोरिया कला, पिरदा रायपुर, बरबसपुर कोरबा, दुर्ग उरगा सहित कई क्षेत्रों में मकानें व फ्लैट्स है। इसके साथ ही व्यावसायिक परिसर भी बनाए गए है।

अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पिरदा में टू बीएचके फ्लैट है, उस समय इसकी कीमत 13 लाख थी। वर्तमान में इसकी कीमत 16 लाख 30 हजार हो गई है। इसी तरह बोरिया कला में टू बीएचके फ्लैट की कीमत 23 लाख 11 हजार थी,जो वर्तमान में 25 लाख 15 हजार हो गई है। आफर के तहत सभी मकान, फ्लैट व दुकानों को पुरानी कीमतों में ही बिक्री की जाएंगी। साथ ही 10 प्रतिशत ज्यादा छूट पाने का भी मौका उपभोक्ताओं को मिलेगा है।

पांच,10 व 12 वर्षों के लिए लोन पास होगा

अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार लोन के लिए भी उपभोक्ताओं को बैंक के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। अगर उपभोक्ता 35 प्रतिशत राशि शुरुआत में दे देता है तो बाकी 65 प्रतिशत राशि पांच, 10 और 12 वर्षों के लिए हाउसिंग बोर्ड लोन पास करेगा।

जानकारी के अनुसार डूमरतराई में 31.35 लाख रुपये का मकान 29.10 लाख में ,कचना फेस वन में 43.42 लाख का मकान 28.10 लाख में, कचना फेस 2 में 31.05 लाख का मकान 23.61 लाख में, सड्डू में 23.19 लाख का मकान 17.89 लाख में, नवा रायपुर सेक्टर 29 में 42.76 लाख का मकान 29.67 लाख में उपलब्ध है।

-हाउसिंग बोर्ड द्वारा यह स्कीम आम उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए लाई गई है। जिनके पास मकान नहीं है वे इसका फायदा उठा सकते है। पुरानी कीमतों में ही मकान बेचे जा रहे है। लोगों के घर खरीदने का सपना आसानी से पूरा होगा।

पीके सोनवानी, मुख्य संपदा अधिकारी,

छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड

आरडीए के भी हालात हाउसिंग बोर्ड जैसी

नए फ्लैट्स में पूरी बकाया राशि के सरचार्ज में 50 की छूट, 31 मार्च तक

आरडीए ने अब कमल विहार, इन्द्रप्रस्थ रायपुरा और बोरियाखुर्द की फ्लैट्स योजना व स्वतंत्र मकान की बकाया राशि के संपूर्ण राशि के भुगतान पर सरचार्ज राशि में 50 प्रतिशत की छूट दी है। प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़ के निर्देश पर आवंटितियों को राहत देते हुए यह पहल की गई है। यह छूट 31 मार्च तक वर्तमान बकायादोरो को ही मिलेगी। जिन्होंने पहले में भुगतान कर दिया है उन पर यह छूट लागू नहीं होगी। प्रधानमंत्री आवास योजना के आरडीए द्वारा अंतर्गत कमल विहार, इन्द्रप्रस्थ रायपुरा और बोरियाखुर्द में ईड्ब्लूएस, एलआईजी (1-बीएचके, 2-बीएचके,3-बीएचके) व स्वतंत्र मकानों का निर्माण किया जा रहा है। इसमें आवंटन के बाद यह देखा जा रहा है कि कई आवंटिती समय पर राशि जमा नहीं कर रहे हैं। इससे प्राधिकरण को निर्माण कार्य का भुगतान करने में काफी परेशानी हो रही है। साथ ही बैंको से लिए गए ऋ ण का ब्याज भी देना पर पड़ रहा है। इस कारण समय पर बैंकों की राशि व निर्माण एजेंसियों का भुगतान समय पर हो सके। इस समय प्राधिकरण को फ्लैट्स व स्वतंत्र मकानों का बकाया लगभग 200 करोड़ रुपए है। इसमें लगभग 14 करोड़ रुपए का बकाया है। बकाया संपूर्ण राशि में 50 प्रतिशत की छूट देने से न केवल प्राधिकरण के आय बढ़ेगी वरऩ आवंटितियों को भी इसका लाभ होगा और प्राधिकरण को बकाया राशि मिलने से निर्माण कार्यों में गति आएगी।


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