जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में स्पा और मसाज पार्लर के नाम पर कई जगह सेक्स परोसने का धंधा खुलेआम चल रहा है। पॉश एरिया में तो मसाज पार्लर के नाम पर यह धंधा लगातार अपने पैर पसार रहा है। यहा के मेगा हाइवे की कई होटलों समेत शहर के मसाज पार्लर और कैफे में देह व्यापार हो रहा है। युवतियां पार्लरों में मसाज की आड़ में देह का व्यापार कर रही है। वहीं होटलों में युवक-युवतियां बिना पहचान बताए कमरे में ठहर रहे हैं। दूसरे राज्यों से यहां मसाज पार्लर और होटलों में रहकर युवतियां जिस्म फरोशी कर रही है। शहर की कई होटलों में दूसरे राज्यों की लड़कियां रहती है, जो होटल में आने वाले युवाओं के साथ संबंध बनाती है। जबकि नियमानुसार बगैर पहचान दस्तावेजों के होटल में कमरे की बुकिंग नहीं की जा सकती। मसाज पार्लर में भारतीय ही नहीं, विदेशी लड़कियां भी काम करते मिल जाएंगी। आलम यह है कि गूगल पर आप एरिया का नाम डालकर मसाज पार्लर सर्च करें तो एक-दो नहीं दर्जनों मसाज पार्लर के नाम मोबाइल नंबर के साथ सामने आ आएंगे। राजधानी के बड़े होटल में हाल ही में पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है।
बदला जिस्मफरोशी का ट्रेंड
देश के हर छोटे-बड़े शहर में जिस्मफरोशी का धंधा अब बदनाम गलियों से निकल कर पॉश इलाकों और आलीशान बाजारों में पहुंच चुका है। पुलिस की आंख में धूल झोकने के लिए इस धंधे के दलालों ने अपना तरीका हाईटेक कर लिया है। कुछ साल पहले तक धंधेबाज आर्केस्ट्रा और म्यूजिकल ग्रुप की आड़ लेते थे या फिर मॉडलिंग एजेंसी, पांच सितारा होटलों में एस्कार्ट सर्विस देकर अथवा पॉश इलाकों की कोठियों से लड़कियों को जिस्मफरोशी के लिए भेजते थे। लेकिन ये सभी तरीके जब पुलिस की नजर में चढ़ गए तो धंधेबाजों ने स्पा और बॉडी मसाज को अपने धंधे की आड़ बना लिया। भारत में करीब पांच साल पहले स्पा और बॉडी मसाज के पार्लर या तो पांच सितारा होटलों में होते थे या फिर महानगरों के बेहद पॉश मर्केट में। बाद में रिसॉर्ट चलाने वाली कंपनियों ने पर्यटकों को लुभाने के लिए इस कारोबार को अपनाया। उस समय तक स्पा और बॉडी मसाज का धंधा बेहद साथ सुथरा और सम्मानित माना जाता था। हर कोई इस सुख का आनंद भी नहीं ले सकता था क्योंकि स्पा के पैकेज बेहद महंगे होते थे। स्पा और बॉडी मसाज करवाना स्टेटस सिंबल माना जाता था। पढ़े-लिखे और उच्च वर्गीय परिवारों के युवक-युवतियां स्पा और बॉडी मसाज क्लिनिकों और पार्लरों में नौकरी को बतौर करियर अपनाते थे। कई बड़ी देसी और विदेशी सौन्दर्य प्रसाधन कंपिनयां इस कारोबार से जुड़ी थी। लेकिन करीब दो साल पहले स्पा पार्लरों और बॉडी मसाज के कारोबार को जिस्मफरोशी के सौदागरों की काली नजर लग गई। जब दूसरे धंधों की आड़ बंद हो गई तो कॉलगर्ल संचालकों ने स्पा और बॉडी मसाज खोलने शुरू कर दिए। देश के हर छोटे-बड़े शहर में पिछले दो साल में कुकुरमुत्तों की तरह स्पा और बॉडी मसाज के पार्लर खुल गए। हर उस शहर में जहां अमीर लोग रहते हैं और पर्यटकों की आवाजाही होती है वहां के मॉल, पॉश मार्केट, कॉलोनियों में भव्य और सुसज्जित स्पा और बॉडी मसाज के सेंटर खुल गए। इन स्पा सेंटरों ने ग्राहकों को लुभाने के लिए आकर्षक शाइन बोर्ड लगवा लिए, अपनी बेवसाइट बनवा ली और समाचार पत्र-पत्रिकाओं में उनके आकर्षक विज्ञापन छपने लगे। पिछले डेढ़ साल में यह धंधा पूरी तरह परवान चढ़ गया।'
बाहर से कुछ, भीतर से कुछ
देश के किसी भी शहर के वे तमाम स्पा और मसाज सेंटर जो जिस्मफरोशी के धंधे में लगे हैं उनमें कुछ बातें समान हैं। मसलन, वे बिना किसी लाइसेंस और अनुमति के चलते हैं। जिस्म परोसने वाले स्पा और मसाज सेंटर का एक समान तरीका होता है उनकी भव्यता और साज सज्जा। किसी मॉल या कॉमर्शियल जगह पर बड़ी जगह में बने इन सेंटरों के रिसेप्शन इतने भव्य होते हैं कि पहली ही नजर में किसी आयुर्वेदिक मेडिटेशन सेंटर का दृश्य आंखों के सामने तैरने लगता है। पहली नजर पडऩे के बाद आप अंदाज नहीं लगा सकते कि भीतर कोई गंदा धंधा भी होता होगा। यहां आने वाले ग्राहकों को अलग-अलग स्पा और मसाज के पैकेज बताए जाते हैं। कुछ स्पा के प्रबंधक क्रासजेंडर मसाजर से शारीरिक सुख लेने की बात खुद कर लेते हैं तो कुछ लडकियों पर छोड़ देते हैं कि एक्स्ट्रा सर्विस की बात लडक़ी से ग्राहक खुद तय करें। ऐसी जगहों पर बाद में लडक़ी एक्स्ट्रा डील होने पर अतिरिक्त पैसे में से कुछ रकम या पहले से तय शर्त के मुताबिक रकम संचालकों को देती है।'
पूर्वोत्तर की लड़कियों का आकर्षण
स्पा व मसाज के पेशे में ज्यादातर पूर्वोत्तर के ही लडक़े-लडकियां काम करते हैं। दरअसल, देश के अधिकांश स्पा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पूर्वोत्तर के राज्यों में ही हैं। दूसरा, अरुणाचल, मिजोरम, नगालैंड, मणिपुर, मेघालय और असम की लड़कियां गोरी होने के साथ खूबसूरत और अंग्रेजी बोलने में दक्ष होती हैं। उनकी आधुनिक वेशभूषा भी जल्द ही ग्राहकों को आकर्षित कर लेती हैं। इसलिए स्पा की आड़ में जिस्मफरोशी कराने वाले सेंटर मोटी पगार देकर इस क्षेत्र की लड़कियों को नौकरी पर रख लेते हैं।
ऐसे होता है लुभावना प्रचार
जिस्मफरोशी कराने वाले स्पा और मसाज सेंटर ग्राहकों को लुभाने के लिए एसएमएस के जरिये अपने स्पा का जमकर प्रचार करते हैं जिसमें खूबसूरत और जवान लड़कियों से मसाज कराने का वादा किया जाता है। ऐसे प्रलोभनों को देखकर हर किसी के दिमाग में मसाज की कुछ और ही तस्वीर उभरती है। जाहिर है मसाज करने वालों के प्रति लोगों के मन में भी वैसी ही छवि बनती होगी। देश भर के स्पा पार्लरों में क्रॉस जेंडर मसाज सबसे ज्यादा है और यहीं पर सेक्स रैकेट का पर्दाफाश होता है। जबकि सेम जेंडर मसाज में ऐसी चीजें नहीं होती हैं। सेम जेंडर स्पा को फैमिली स्पा पार्लर के तौर पर जाना जाता है लेकिन अब इन्हें भी लोग शक की नजर से देखते हैं। अंग्रेजी समाचार पत्रों से लेकर क्षेत्रियों भाषाओं तक के समाचार पत्र-पत्रिकाओं में हॉट मसाज व स्पा के विज्ञापन भरे होते हैं। कई स्पाओं ने तो बाकायदा अपनी वेबसाइट बनाकर ढकी छिपी भाषा में लड़कियों से मनचाहा मसाज और अतिरिक्त सुविधा का जिक्र बड़े गर्व से करते हैं।
आयुर्वेद विभाग से नहीं लेते अनुमति
मसाज सेंटर या स्पा चलाने वालों को आयुर्वेदिक विभाग से अनुमति की जरूरत होती है लेकिन ज्यादातर स्पा ऐसा नहीं करते। अमूमन बड़ी कंपनियों के पांच सितारा होटलों और रिसॉट्र्स में चलने वाले स्पा विभाग से लाइसेंस लेकर ही अपना सेंटर शुरू करते हैं लेकिन इसमें सेम जेंडर और क्रास जेंडर दोनों तरह के स्पा होते हैं। लेकिन पिछले एक डेढ़ साल से कुकुरमुत्तों की तरह खुले क्रास जेंडर सर्विस देने वाले स्पा और मसाज सेंटर बिना किसी अनुमति के धड़ल्ले से इसकी में जिस्म्फरोशी का धंधा चला रहे हैं। बिना अनुमति और लाइसेंस के चलने वाले तमाम स्पा और मसाज सेंटर पर पुलिस व संबंधित विभागों को जाकर पड़ताल करनी चाहिए कि उन्होंने इसकी अनुमति ली है या नहीं। कई जगह तो खुद पुलिस ऐसे अनैतिक लोगों के साथ मिली होती है। आयुर्वेद विभाग से अनुमति की जगह ज्यादातर मसाज व स्पा सेंटर अपना पंजीकरण एक छोटी फर्म या सैलून के रूप में करवा लेते है ताकि कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।
वेब पर सैकड़ों पार्लर के नंबर
नेट पर राजधानी के सैंकड़ों स्पा और मसाज पार्लर के मोबाइल नंबर मौजूद हैं। कई की तो लोकेशन भी डिटेल के साथ दी गई है। इन नंबरों पर फोन करके ही सारी डीलिंग की जा रही है। अगर आप इन नंबरों पर मिस कॉल भी करेंगे तो तुरंत आपके पास कॉलबैक आ जाएगी। इन स्पा और समाज सेंटर्स पर फोन उठाने वाली लड़कियां आपको अपनी लच्छेदार बातों में फंसाने का कोई मौका नहीं चूकती हैं। ये पहले मसाज के कई पैकेज बताती हैं और उसके बाद बॉडी टू बॉडी मसाज और हैप्पी एंडिंग तक बिना झिझक पहुंच जाती हैं।
पॉश इलाके गिरफ्त में
छोटे-छोटे मसाज पार्लर्स की भरमार है। कई जगहों पर तो सैलून के नाम पर तो कहीं ब्यूटी पार्लर के नाम पर गंदा धंधा चल रहा है।
कहां से आती हैं गल्र्स
मसाज सेंटर और स्पा में काम करने वाली अधिकतर लड़कियां कोलकाता, मद्रास, असोम या नेपाल की हैं। इन लड़कियों को मोटे पैकेज पर राजधानी लाया जाता है और ये लड़कियां पांच-छह माह राजधानी में रुकने के बाद एक-दो माह के लिए अपने घर चली जाती हैं और फिर वापस आकर इस काम में लग जाती हैं।
जॉब के नाम पर कराते हैं काम
वहीं मसाज पार्लर और स्पा में काम करने वाली लोकल लड़कियों को सैलरी बेस पर रखा जाता है। बहुत सी लोकल लड़कियां मजबूरी के चलते इस कारोबार से जुड़ी हुई हैं।
तीन से पांच हजार में डील
मसाज पार्लर में तीन से पांच हजार रुपये में फुल मसाज के नाम पर देह व्यापार किया जा रहा है। काउंटर पर पहुंचते ही कस्टमर से पैसे जमा कराए जाते हैं और फिर उसे लड़कियों के साथ कमरे में भेजा जाता है। कई जगह तो किराए पर हॉल लेकर उसमें केबिन बनाकर यह धंधा किया जा रहा है।
टूरिस्ट वीजा पर आती हैं लड़कियां
कस्टमर्स अधिकतर विदेशी लड़कियों की मांग करते हैं। इनका रेट अधिक होता है और स्पा और मसाज सेंटर चलाने वालों की इससे इनकम भी अधिक होती है। स्पा और मसाज सेंटर में धंधे के लिए विदेशी लड़कियों को टूरिस्ट वीजा पर लाया जाता है।