भाठागांव बस स्टैंड में गुंडागर्दी, 13 ट्रैवल्स कंपनियों को किया सील
क्या इससे यात्रियों के साथ हो रहे गुंडागर्दी और अवैध वसूली बंद हो जाएगी?
ट्रेवल्स संचालकों ने कहा - यह कार्रवाई अन्याय पूर्ण
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। नया बस स्टैंड भाठागांव में गुरुवार को निगम आयुक्त ने निरीक्षण किया । इस दौरान उन्होंने जिन ट्रैवल्स कंपनी वालों ने आफिस के सामने टेबल लगाकर टिकट बुकिंग कर रहे थे उन्हें टेबल अंदर करने की समझाइश दी है। विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि एक ट्रैवल्स कंपनी के मालिक से इसी बात को लेकर कमिश्नर से बहस हो गई । तत्काल कमिश्नर ने दिनांक 1 मार्च 2022 और 27 मार्च 2023 को हुए अनुबंध का हवाला देते हुए तत्काल 13 बस कंपनियों व्दारा संचालित आफिस को सील कर दिया गया।
प्रशासन और आरटीओ में समन्वय की कमी तो नहीं
ट्रैवल्स कंपनियों के लोगों ने कहा कि शासन की मंशा यात्रियों को सुविधा देना था और अवैध ट्रैवल्स एजेंटों पर अंकुश लगाना था, इसके बजाय कमिश्नर ने वैध ट्रैवल्स कंपनी के आफिस में सील लगा दिया इससे क्या शासन की मंशा पूरी हो जाएगी। शासन की मंशा यात्रियों के साथ हो रहे गुंडागर्दी और लूट को रोकना था, और यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा दिलाना था,साथ ही अवैध टिकट दलालों पर शिकंजा कसना था, न कि वैध ट्रैवल्स कंपनी को परेशान करना था, ट्रैवल्स कंपनी वाले चाहते है कि यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा उपलब्ध कराए और व्यापार बढ़े और नाम बढ़े। कमिश्नर ने उक्त सभी 13 ट्रैवल्स कंपनी महेश ट्रैवल्स, कांकेर रोड लाइंस, कांकेर रोडवेज, सकील अहमद सिद्दकी मेट्रो टै्रवल्स, सांई ट्रैवल्स, जसविंदर सिंह साहनी, न्यू रायल ट्रैवल्स, राजधानी ट्रैवल्स, नवीन ट्रांसपोर्ट राधेकृष्ण ट्रैवल्स, तिवारी टूर एंड टै्रवल्स सहित सिल्की ट्रैवल्स के मालिकों को उक्त दिनांक के अनुबंध का हवाला देते हुए 100 रुपए के स्टाम्प पेपर में शपथ पत्र प्रस्तुत करने कहा कि भविष्य में अपनी दुकान के बाहर टेबल कुर्सी लगाकर अनाधिकृकत रूप से कार्य नहीं करेंगे अब सवाल उठता है कि प्रशासन और आरटीओ व्दारा अवैध ट्रैवल्स एजेंटों के खिलाफ मुहिम चलाकर उनको नए बस स्टैंड से खदेडऩा था, ताकि यात्रियों के साथ किसी प्रकार की गुंडागर्दी और लूटखसोट न हो सके। लेकिन यहां तो उल्टा हो गया।
सभी ट्रैवल्स एजेंटों को आईडी लाइसेंस जारी किया
भाठागांव स्थित अंतरराज्यीय बस स्टैंड में टैवल्स एजेंसियों पर लगाम कसने के लिए प्रशासन और आरटीओ द्वारा सख्त कदम उठाया गया था। सभी अवैध ट्रेवल्स एजेंटो को बस स्टैंड से बाहर करने और वैध एजेंटो को आई डी कार्ड देकर टिकट बुकिंग करने की सख्त हिदायत दी गई। रायपुर आरटीओ शैलाभ साहू ने कहा की किसी भी सूरत में अवैध बुकिंग एजेंटो को टिकट बुकिंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। ट्रेवल्स कंपनी के स्टफजिसके पास आई डी कार्ड होगा वही एजेंट वहां काम कर सकते हैं। गौरतलब है कि जब से नया बस स्टैंड भटगांव में खुला है तब से यात्रियों के साथ बदसलूकी की खबरें और शिकायत मिल रही थी। टिकट के नाम पर चल रहे ब्लेकमेलिंग और धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने अब नए नियम कानून लागू हो चुका है।
अवैध ट्रेवल एजेंटों की गुंड़ा-गर्दी से यात्री हालाकान
बस स्टैंड में अवैध एजेंटों के सक्रिय होने की शिकायत बस स्टैंड शुरू होने के साथ ही मिलने लगी थी। वहां दबंग किस्म के लोग और कुछ बस मालिक के स्टाफ वाले ट्रैवल्स एजेंट बनकर टिकट बुक कर रहे है। उनके पास टिकट बुक करने का कोई लाइसेंस नहीं है। वे यात्रियों को दबाव पूर्वक अपनी मर्जी से बस में बैठाते है। यात्री यदि नहीं बैठे तो मारपीट कर देते थे।
बस स्टैंड में अवैध ट्रैवल्स एजेंट टिकटों की बुकिंग कर रहे थे
यात्रियों को टिकट देने के नाम पर वसूली भी दोगुनी करते थे और पैसा लेकर वहां से फरार हो जाते थे। जब यात्री उक्त ट्रैवल्स की बस में बैठने पर उसे उसका कंडक्टर यह कह कर उतार देता है कि यह हमारे ट्रैवल्स का टिकट नहीं है। इस तरह अनेकों धोखाधड़ी के मामले बस स्टैंड में रोज हो रहे थेे इस परेशानी से आजिज आ चुके जिला प्रशासन और आरटीओ द्वारा आई डी कार्ड दिया गया है। पिछले सप्ताह काफी तादाद में लोगों को आई डी कार्ड दिया है। अब वे टिकटों की बुकिंग कर सकेंगे उन्हें आई डी कर ड्यूटी समय में रखना होगा जिससे किसी भी प्रकार की बदसलूकी यात्रियों से करते पाए जाते हैं तो आई डी कार्ड निरस्त कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यात्रियों को हो रही समस्या के समाधान के लिए अब आरटीओ और जिला प्रशासन मिलकर नई व्यवस्था की है जिससे उन्हें परेशानी से निजात मिलेगी।देखा गया है कि फर्जी एजेंट यात्रियों से बदसलूकी करने के साथ मारपीट पर भी उतारू हो जाते थे, जिसकी सैकड़ों शिकायत टिकरापारा थाने में दर्ज है। अपराध का नया अड्डा बन चुके अंतरराज्यीय बस स्टैंड को अपराध मुक्त करने की दिशा में प्रशासन सख्त कदम उठाई है अब देखना है की इससे यात्रियों की परेशानी कितनी दूर होती है। क्योंकि छुटभैये नेता के गुर्गे ही अवैध रूप से टिकट बुकिंग के काम में संलिप्त थे। उनके खिलाफ कोई शिकायत करता नहीं था यदि किसी ने शिकायत किया भी तो छुटभैये नेता उन्हें थाने से ही छुड़़ाकर ले आते थे। इससे बस स्टैंड में होने वाली घटनाओं से प्रदेश की बदनामी का काला धब्बा तो लग ही रहा था साथ ही यात्री भी यहाँ आने से कतराने लगे थे। फर्जी एजेंट यात्रियों के साथ बदसलूकी करने के साथ ही निर्धारित किराए से ज्यादा पैसे वसूल रहे थे । बात यही खत्म नहीं होती जहां बसें जाती बी नहीं है वहां की टिकट देकर पैसा भी वसूल लेते है। अपनी मर्जी की बसों में बैठने के लिए दबाव बनाया जाता था । धोखाधड़ी और गुंडागर्दी की शिकायतों के बाद ऐसे अवैध एजेंटों की बस स्टैंड परिसर में घुसपैठ बैन करने के कदम उटाए गए हैं । इसके लिए अधिकृत एजेंट की आईडी बनाई गयी है। आईडी वाले एजेंट ही बस स्टैंड में प्रवेश कर यात्रियों की टिकट बुक कर सकेंगे।