छत्तीसगढ़

हुक्काबार: बार-बार होती है तकरार

Nilmani Pal
25 March 2022 5:48 AM GMT
हुक्काबार: बार-बार होती है तकरार
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  1. वीआईपी रोड फाइव स्टार और थ्री स्टार होटलों-ढाबों में सजने लगी हुक्का की महफिल
  2. नशे में धुत्त युवक-युवतियां वीआईपी रोड में मचाते है धमाचौकड़ी
  3. पुलिस की छापामार कार्रवाई को बेअसर कर रहे है छुटभैया नेता
  4. राजनीतिक रसूख और पहुंच से पुलिस प्रशासन भी हलाकान

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। वीआईपी रोड नशेडिय़ों का चारागाह बन चुका है। प्रदेशभर के नशेडिय़ों का सबसे सुरक्षित ठिकाना तो है ही, साथ ही दूसरे राज्यों के अपराधियों के फरारी काटने का अड्डा बना हुआ है। हुक्काबार को लेकर पुलिस प्रशासन और हुक्काबारों को संचालकों के बीच तकरार की स्थिति निर्मित हो ही जाती है। पुलिस की सख्ती तक हुक्काबार चलाने वाले नामचीन और स्टार होटलों में हुक्कागुडग़ुड़ाने का सिलसिला रूक जाता है जैसे ही पुलिस की सख्ती कम होते दिकाई देती है फिर से वीआईपी रोड धुएं से सराबोर हो जाता है। चारों तरफ धुआं ही धुआं ही छा जाता है। पुलिस की तकरार से बचने के लिए हुक्काबार के संचालकों ने इवेंट के नाम पर परमिसन लेकर रात-रात भर हुक्का गुडग़ुड़ाने की छूट का पायदा उटा रहे है। पुलिस बल की जैसे ही सुस्ती या व्यस्तता हुक्कावालों को दिखाई दिया वैसे ही धुएं का कारोबार दौडऩे लग जाता है।

बड़े स्टार होटलों में बड़े काम

वीआईपी रोड के महंगे और स्टार लगे होटलों में ओ दिन पार्टी और इवेंट को लेकर कार्यक्रम होते है। जिसमें तरह-तरह की नशीले पदार्थ परोसने की भी खबर है। शादी-ब्याह के सीजन में सबसे ज्यादा कमाई की होड़ में आयोजक अपने ग्राहकों को बेहतरीन सुविधा देने के नाम पर मनपसंद वाले फ्लेवर देने की गारंटी देते है। ये होटलें सादी समारोह के लिए कम से कम तीन से पांच दिन तक बुकिंग होते है। इस दौरान मेरिज पार्टी आयोजक मेहमानों की खातिरदारी के विदेशी शराब से लेकर हुक्का के तरह -तरह के फ्लेवर परोस कर मेहमानों को खुश करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते।

नशेे के बाद मचती है धमाचौकड़ी

शादी और इवेंट के कार्यक्रम में शामिल होकर युवक-युवतियां फुल इंयाज कर मदहोश होते तक शराब और नशीले पदार्थों का सेवन करते है फिर डांस फ्लोर से लेकर सड़क तक धमाचौकड़ी मचा कर रोड जाम करने से भी चूकते नहीं है। वहीं सड़क पर ही कपल एक दूसरे को आगोश में लेकर नंगा परदर्शन करते है। जिससे रात में चलने वाले भारी वाहनों को उनके कार्यक्रम समापन होने के लिए सड़क किनारे गाड़ी को पार्क करना पड़ता है जिससे जाम की स्थिति भी रात में सबसे अधिक निर्मित होती है।

रात में समझाना झगड़ा मोल लेना

वीआईपी रोड तो रात को नशेडिय़ों की बपौती हो जाती है। नशे में धुत्त शराबी या नशेड़ी को समझाना झगड़े को मेल लेने के समान ही है। आसपास के होटलों को कपल और युवक-युवतियां नशे में सराबोर होकर सड़क में उत्पात मचाकर राहगीरों और वाहन चालकों के साथ अभद्र व्यवहार करते है। जिसके चलते आए दिन वीआईपी रोड़ में झगड़े पसाद के मामले सामने आते ही रहते है।

नशेड़ी राहगीरों को लूटने के साथ मारपीट पर हो जाते है उतारू

नशेडिय़ों का गिरोह वीआईपी रोड में अड्डा जमा रखा है, जैसे ही रात होती है वारदात को अंजाम देना शुरू कर देते है। वीआईरोड में कई जगह ऐसे होटलेे है जहां सूनसान होने के फायदा नशेेड़ी उठाते है। दुपहिया वाहन वालों को सबसे ज्यादा शिकार बनाते है। खासकर न्यू कपल या फेमिली के साथ जा रहे वाहन चालक को रोककर लूटपाट और मारपीट को अंजाम देते है। लूट- मारपीट, छिनताई तो नशेडिय़ों का रोज का धंधा बन चुका है। इन सबका मुख्य कारण हुक्काबार है जहां नशा करके घटना को अंजाम देते है।

बेरोजगार युवकों को फंसाते है हुक्काबार वाले

राजधानी में छुटभैया नेता और इवेंट मैनेजर पढ़े-लिके बेरोजगारों को सबसे अधिक शिकार बनाकर फंसाते है। बड़े विज्ञापन देकर हर महीने 20 से 25 हजार सेलरी का लालच देकर मार्केटिंग के नाम पर नौकरी में रखते है और उनसे होटलों और ढाबों में वेटर का काम लेते है। साथ ही हुक्काबार में तम्बाकू भरने के लिए बेरोजगारों को नौकरी पर रखते है। रोज-रोज हुक्का में तम्बाकू भरने वाला आखिर एक न एक दिन हुक्का का स्वाद चक ही लेता है और वह वहीं का होकर रह जाता है। सुबह शाम फरी में हुक्का गुडग़ुड़ाने के साथ खाना फ्री मिलना शुुरू हो जाता है। जब पैसे या मजदूरी मांगने की बात होती उस पर विवाद शुरू हो जाता है और नौबत मारपीट और खून खराबे तक पहुंच जाता है।

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