छत्तीसगढ़
Emergency स्मृति दिवस पर प्रदेश के लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान समारोह
Shantanu Roy
26 Jun 2024 12:52 PM GMT
x
छग
Raipur. रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोकतंत्र सेनानियों का त्याग-तपस्या और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्हें सम्मान देने के लिए राज्य सरकार द्वारा सम्मान निधि देना फिर से शुरू कर दिया गया है और पिछले पांच वर्षाें की रोकी गई सम्मान निधि की राशि सेनानियों को एकमुश्त दी जा चुकी है। पिछली सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि को बंद कर दिया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज अपने निवास कार्यालय में आपातकाल की 49वीं वर्षगांठ आपातकाल स्मृति दिवस पर आयोजित लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र सेनानी स्वर्गीय बलीराम कश्यप और स्व. नरहरि साय सहित अनेक सेनानियों का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों को शाल, श्रीफल देकर सम्मानित किया। इस मौके पर लोकतंत्र सेनानियों ने मुख्यमंत्री साय को चांदी का मुकुट और गजमाला पहनाकर सम्मान निधि पुनः प्रारंभ करने और पिछले पांच वर्षाें की राशि देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों को मुख्यमंत्री निवास में सपरिवार आमंत्रित किया गया।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, विधायक पुन्नूलाल मोहले, धरमलाल कौशिक, मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना, प्रांत संघचालक टोपलाल वर्मा, लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने, प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर तिवारी, रामप्रताप सिंह, भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को बचाने के लिए लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) ने काफी कष्ट उठाया, लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने परिवारों की परवाह न करते हुए जेल गए, जहां उनके साथ बर्बरता की गई, उनके परिवारजनों ने भी काफी कष्ट सहे। कई घरों में चूल्हा जलना मुश्किल हो गया था। जिन परिवारों में कमाने वाले जेल गए ऐसे कई परिवार बरबाद हो गए। देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए इन सेनानियों ने और उनके परिवारों ने अतुलनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगा था, विपक्षी नेताओं को जेल में बंदकर दिया गया था। मीडिया का अधिकार छीन लिया गया था, लोगों को प्रताड़ित किया गया। इसी की याद में 25 जून को काला दिवस के रूप में मनाते हैं।
उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने बड़े कष्ट सहे। जो जेल गए उन्होंने जेल में और उनके परिवारों ने जेल के बाहर यातनाएं सही। उनका त्याग बहुत बड़ा है। उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने घर का अमन-चैन त्यागकर लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी। उनका यह अभियान वंदनीय है। मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने कहा कि लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए हमें लोकतंत्र सेनानियों के संघर्षाें को याद रखने की जरूरत है। हमारा यह दायित्व है कि एक पीढ़ी की कुर्बानी और संघर्ष की कहानी का क्रम अगली पीढ़ी तक बना रहे। लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सच्चिदानंद उपासने ने अपने सम्बोधन में आपातकाल के दौरान लोकतंत्र सेनानियों के संघर्षाें की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब हम सड़कों पर निकलते थे, तो लोग मुंह फेर लेते थे। लोग बात करने से कतराते थे। उस काल की प्रताड़ना और कष्टों से कई परिवार बर्बाद हो गए। आज भी उनकी स्थिति नहीं सुधरी है। लोकतंत्र सेनानियों की भावी पीढ़ी को किसी न किसी रूप में संगठित कर अच्छे काम में लगाने के उद्देश्य से लोकतंत्र प्रहरी संगठन की कल्पना की गई है। कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों के साथ अधिवक्ता श्रीमती सुप्रिया उपासने दुबे को संघ की ओर से कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तथा श्री संतोष कुमार शर्मा को भी संगठन के कार्याें के लिए सम्मानित किया गया।
Tagsछत्तीसगढ़ न्यूज हिंदीछत्तीसगढ़ न्यूजछत्तीसगढ़ की खबरछत्तीसगढ़ लेटेस्ट न्यूजchhattisgarh news hindichhattisgarh newschhattisgarh latest newsजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारहिंन्दी समाचारजनताJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperjantasamachar newssamacharHindi news
Shantanu Roy
Next Story