ऑनलाइन बुकिंग के शराब को ब्लेक में बेचने का गोरखधंधा शुरू
< ये कैसी होम डिलीवरी, सप्लाई देने ओटीपी के साथ बुला रहे भट्ठियों में
<100 रुपए सर्विस चार्ज के साथ 100रु भट्ठी वाले वसूल रहे सप्लाई टैक्स
< शराब सप्लाई के नाम पर ज्यादा से ज्यादा कीमत वसूली का चल रहा खेल
< सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की अनिवार्यता की भट्ठियों में उमड़ी भीड़ ने उड़ाई धजिज्यां
< होम डिलीवरी हो रही तो शराब भट्टियों में कैसे
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। आनलाइन बुकिंग की ओटीपी लेकर लोग शराब लेने दुकान-दुकान भटक रहे है। जहां सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की अनिवार्यता की धजिज्यां उड़ा रहे है। सरकार की आनलाइन शराब डिलीवरी का सिस्टम शुरू होते ही हाईजैक हो गया है। ठगों अपना नेटवर्क फैला दिया है अब ठग सोशल मीडिया के फेसबुक अकाउंट पर आनलाइन बुकिंग करने वाले पेज बनाकर शराब की होम डिलीवरी करने का झांसा देकर ठगी कर रहे है।
वहीं आबकारी अफसरों ने जो शराब दुकानों के पते पेज बनाकर डाला है उसमें सभी दुकानों के पते आधे अधूरे है। लोग पूरे पैसे और सर्विस चार्ज देकर भी शराब के लिए दुकान-दुकान भटक रहे है। शराब दुकान से डिलीवरी देने बस स्टैंड और देवेंद्र नगर का पता दिया वह अधूरा है। शराब की होम डिलीवरी आदेश के बाद भी लोगों को शराब नहीं मिल रहा है। परेशान लोग शराब दुकानों में जा रहे है और वहां पर मोबाइल में ऑनलाइन डिलीवरी की ओटीपी दिखा रहे है और जो एप में डिलीवरी के लिए रजिस्टर किया गया उसकी मांग करते है। एप के बार-बार क्रैश होने और सप्लाई नहीं होने के बाद भी होम डिलीवरी की सुविधा फेल होती नजऱ आ रही है और शराब दुकानों के बाहर वैसी ही भीड़ नजऱ आ रही है जैसे पहले देखने को मिलते थे।
राजधानी में शराब पीने वाले लोग सरकार के आदेशानुसार ऑनलइन शराब ऑर्डर तो कर ही रहे है लेकिन लोगों को 3 दिन के बाद भी शराब नहीं मिल पा रहा है। लोग शराब दुकानों के बाहर भीड़ लगा रहे है। वही शराब दुकानों में पहरा देने वाले गार्ड भी लोगों शराब मुहैया करा रहे है। शराब भट्टियों में शराब खरीदने वाले लोग भट्टियों के बाहर खड़े रहकर गेट से शराब ले जा रहे है और बेचने वाले भट्टी के अंदर से मनमाना दाम में शराब बेच भी रहे है।
शराब के तलबगार हुए बेकाबू
शराब के तलबगार अब घर बैठे शराब ऑनलइन ऑर्डर कर रहे है, लेकिन ये ऑर्डर के एप्लीकेशन एप में सिर्फ शराब के बड़े-बड़े ब्रांड ही दिखते है और ऐसे ब्रांड की शराब रईसजादों के लिए बने होते है। आम लोग तो शराब भट्टी के बाहर पहले जैसे ही लाइन लगाकर खड़े रहते है। शराब की दुकानों पर ऑनलाइन आर्डर की डिलीवरी से ज्यादा अवैध रूप से वसूली का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। शराब की कीमत ठेकेदारों ने अपनी मर्जी से ही तय कर ली है। शराब पीने वाले लोग किसी भी कीमत में शराब खरीद रहे है।
शहर के तीन बड़े जगहों पर हो रही शराब पार्टियां
राजधानी में शराब की वीकेंड पार्टी एक बार फिर गुले-गुलज़ार हो गई। शहर भर के बड़े होटलों में अवैध रूप से शराब परोसा जा रहा है, जिसकी जानकारी पुलिस को भी होती है मगर इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है। वीकेंड पार्टियों में शराब, ड्रग्स, म्यूजिक, नाच-गाना का कॉकटेल होता है। ये पार्टियां बड़े गुपचुप तरीके से आयोजित की जाती हैं और इसमें वे ही लोग शरीक होते हैं, जिन्हे बुलाया जाता है। और इस तरह की पार्टी में कपल की और बैचलरों की एंट्री फीस ली जाती है। शराब की वीकेंड पार्टी के बारे में वे बाहर के लोगों को जरा भी भनक नहीं लगने देते।
रायपुर में इसे ट्रांस के नाम से जानते है जहां पूरी रात संगीत चलता है। शहर भर में वीकेंड पार्टियां पूरे छत्तीसगढ़ के पर्यटकों में मशहूर हैं। युवाओं में अब जिस वीकेंड पार्टी का चलन शुरू किया है वहां संगीत सिर्फ कहने के लिए होता है। उस संगीत की धुन में युवा न सिर्फ शराब पीते हैं बल्कि नशीले पदार्थ भी लेते नजर आते हैं। शाम होती है तो शहर के युवा एक कमरे में होते है और फिर शुरू होता है संगीत। युवक-युवतियां सिगरेट-शराब के साथ-साथ कोकीन, हेरोइन और तेज असर वाले मादक पदार्थों का सेवन करते नजर आते हैं, और नशे में झूमते हुए।
ऑनलाइन शराब नहीं मिली तो, भट्टी के बाहर खड़े हुए लोग
ऑनलाइन आर्डर के बाद भी शराब दुकानों के बाहर आम लोग शराब खरीदने के लिए खड़े रहते है, शराब की दुकानों में ऑनलाइन आर्डर के आदेश आते ही शराबियों की भीड़ शराब दुकानों के बाहर लगने लगी है। सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए शराब दुकानों के बाहर गार्ड खड़े कर दिए जाते है। और ये गार्ड दुकानों के बाहर एक झोले में शराब के अलग-अलग ब्रांड रखे होते है। जिसे गार्ड अपने रेट में बेचता है।
शराब ठेके में शराबियों की भीड़
ग्राहक बढ़ाने के लिए ठेके संचालकों और सेल्सकर्मियों द्वारा नियमों का ताक पर रखा जा रहा है। नियमों के अनुसार शराब के ठेकों में कोई खड़े नहीं होगा लेकिन शराबप्रेमी तो ठेकों के बाहर खड़े होकर शराब खरीद रहे है। इसके विपरीत यह शराब के ठेके संचालित भी हो रहे है। और यहां शराबियों को गार्ड द्वारा शराब भी बेची जाती है। शहर के ही कई ठेकों पर तो शराबियों को बाहर ही बैठकर शराब पी रहे है।
गांजा ने ली मां की जान
नशेड़ी नशे के लिए कुछ भी कर सकते है, हत्या,चोरी, छिनताई करने से भी गुरेज नहीं करते। नशे के लिए पैसा नहीं देने पर नशेड़ी ने अपनी मां की चाकू मारकर हत्या कर दी। डीएनके कालोनी निवासी जगदीश मांझी के 3 पुत्र है, बड़ा काशी मांझी अंतागढ़ गया हुआ था, मंझला महेश मांझी नारायणपुर में मजदूरी करता है। चोटा बेटा पिलेश मांझी गांजा पीने का आदी है,जगदीश मांजी ने देखा की उसका छोटा बेटा पिलेश अपनी मां जितई बाई से गांजा पीने के लिए पैसा मांग रहा है, नहीं देगी तो जान से मार दूंगा कहते हुए ताबड़ तोड़ पेट में चाकू मार दिया, जगदीश ने बेटे को रकोने पिलेश का हाथ पकड़ा तो धक्का देकर दूर कर दिया। तिजईबाई खून से लथपथ बेसुध पड़ी थी, उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई ।
धड़ल्ले से बिक रही शराब
शराब को आवश्यक सेवा में रखा है। कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी इसकी दुकानों को बंद रखकर होम डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन दुकानदारों ने बंद दुकान की आड़ में भी शराब बेचने का कारोबार चला रहे है। प्रदेश सरकार ने शराब की दुकानों को खेलने का कोई फैसला नहीं लिया है सिर्फ होम डिलीवरी के लिए आदेश जारी किया है। जिसके बाद भी कुछ शराब के तलबगार भट्टियों के बाहर भीड़ लगाकर शराब की मांग करने लगते है। और शराब दुकानों के बाहर खड़े होकर देशी और अंग्रेजी शराब की मांग करते है। दुकानदारों ने भले ही होम डिलीवरी करने पर जोर दे रहे है लेकिन उसके बाद भी शराब की बिक्री की जा रही है।