छत्तीसगढ़

होर्डिंग्स घोटाले: मेयर ने 17 बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट

Nilmani Pal
9 May 2023 5:35 AM GMT
होर्डिंग्स घोटाले: मेयर ने 17 बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट
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सर्वप्रथम जनता से रिश्ता ने यूनिपोल के मामले का पोल खोला था

अफसरों ने एजेंसी के सुझाव पर टेंडर की शर्तों को बदला

कंपनी ने ठेका मिलने के बाद तय संख्या से ज्यादा जगहों पर यूनिपोल लगाए

मिनी यूनिपोल में 27 करोड़ का नहीं 50 करोड़ के घपले का अनुमान

प्राइम लोकेशन का रेट ज्यादा होने के बावजूद कम दर पर हुआ टेंडर

चेक भी बाउंस हुए, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। जांच समिति की पहली बैठक में शहर में मिनी यूनिपोल में 27 करोड़ का नहीं 50 करोड़ के घपले का अनुमान लगाया है। नगर निगम ने कंपनी के सुझाव पर टेंडर के नियम-शर्तों को बदला। कंपनी ने ठेका मिलने के बाद तय संख्या से ज्यादा जगहों पर यूनिपोल लगाए। इस बीच कंपनी के चेक बाउंस हुए, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। प्राइम लोकेशन का रेट ज्यादा होने के बावजूद कम दर पर टेंडर स्वीकृत किया गया।

मिनी यूनिपोल में ऐसी ढेरों गड़बड़ियां की गईं। इनकी वजह से निगम को राजस्व का नुकसान हुआ है। इन गड़बड़ियों की जांच के लिए मेयर इन काउंसिल ने छह सदस्यीय समिति बनाई है। इस समिति की पहली बैठक सोमवार को हुई। समिति ने महापौर एजाज ढेबर के सामने जांच के प्रमुख 17 बिंदुओं को रखा। इन्हीं बिंदुओं में उठाए गए सवालों के जवाब अफसरों और संबंधित कंपनी से लिए जाएंगे।

विज्ञापन होर्डिंग्स की बाढ़ ने शहर की सुंदरता को ढंक लिया है। मेंटनेंस व अन्य दिक्कतों के कारण इन यूनिपोल से लोगों की जान को भी खतरा है। नियम व शर्तों का उल्लंघन करते हुए पूरे शहर में बड़ी संख्या में यूनिपोल लगाए गए हैं। नगर निगम ने ग्रेसफुल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को डिवाइडरों पर 79 और स्मार्ट टॉयलेट के पास 36 यूनिपोल लगाने का टेंडर दिया था। निगम अफसरों पर आरोप है कि कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए नियम-शर्तों का उल्लंघन करते हुए टेंडर दिया गया। यूनिपोल के लिए जारी किए गए टेंडर में जो शर्तें थी, उसके विपरीत कई जगहों पर यूनिपोल लगाए गए हैं। महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि जांच के बिंदु तय किए गए हैं। उन्हीं आधार पर पूरी गड़बड़ी का खुलासा होगा। फिलहाल प्रारंभिक अनुमान में निगम को करीब 27 करोड़ राजस्व का नुकसान अनुमानित है।

राजस्व गणना में भी गड़बड़ियों की आशंका: समिति ने यूनिपोल घोटाले में राजस्व गणना में भी गड़बड़ियों की आशंका जताई है। निविदा में फसलों के बारे में जिक्र नहीं था, लेकिन कंपनियों ने दोनों फलकों पर विज्ञापन किया। बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर तथा रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर टेंडर में निगम को एजेंसियां कितना रेवन्यू शेयर करेंगी।

18 टॉयलेट के साथ आजू बाजू दो-दो यूनिपोल की शर्त थी। 36 की जगह 51 यूनिपोल मंजूर किए गए। टेंडर जिसे मिला उसके दस्तावेज नहीं जांचे गए। ग्रेसफुल मिडिया को 18.05.2021 से पिछले 3 वर्षों का आयकर जमा करना था। 2020-21 का रिटर्न नहीं लिया। अभी 6 टायलेट बने हैं और सभी यूनिपोल लगा लिए गए। जबकि टायलेट बनने के बाद लगाना था।

घपले ने जन्म दिया सवालों को

1-यूनिपोलों की साइज कैसे बढ़ाई गई। जबकि निविदा में था साइज नहीं बदल सकते। एजेंसी के सुझाव पर निविदा में बदलाव नहीं हो सकता। नया टेंडर बुलाना था।

2 -यूनिपोल की निविदा चर्चा के लिए एमआईसी में क्यों नहीं लायी गई? जबकि नोट शीट में उल्लेख है कि राजस्व की गणना की गयी है। ऐसे में यह विषय एमआईसी में आना चाहिए था।

3-बीओटी पर जब निविदा दी गयी। निविदा अनुबंध में अवधि अंकित है। तब निविदा में वृद्धि नहीं की जा सकती?

4 -एजेसियों के सुझाव पर कैसे शर्तें बदलीं। जबकि चलती हुई निविदा में अवधि वृद्धि बिना एमआईसी में चर्चा किए बगैर नहीं दी जा सकती?

5- एजेंसी ग्रैसफेल मीडिया के चेक बाउंस हुए है। नोट शीट में उल्लेख। जबकि टेंडर रद्द होना था, कंपनी को ब्लैक लिस्ट करना था।

6 -ग्रेसफुल मीडिया के 26.06.2021 से 27.11.2021 अवधि के राजस्व की गणना की गयी है? जबकि दो वृद्धि के बीच में विज्ञापन प्रदर्शन का शुल्क लिया जाना चाहिए था।

7-निविदा शर्त में 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि प्रावधान है। डेढ़ साल बाद निविदा अवधि कैसे बढ़ा ली गयी? बीच में टेंडर वृद्धि नहीं की जा सकती।

8 -ग्रुप डी के तहत तेलीबांधा चौक-भारत माता चौक से पंडरी में यूनिपोल लगाना था। टेंडर में जो मार्ग तय है, उसमें लगाने का नियम, जबकि पंडरी से अम्बुजा माल रोड में लिखित अनुमति के बिना लगाने दिया गया।

9-सामान्य मार्गों की दर पर मुख्य मार्गों में यूनिपोल लगाकर गए। टेंडर भले ही अलग हो, लेकिन एक मार्ग में उच्च दर पर टेंडर स्वीकृत करना चाहिए।

जांच समिति ने काम शुरू कर दिया है। पहली बैठक हो गई है। समिति के सदस्यों ने जांच के बिंदु पर चर्चा की। उन्हें जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा गया।

एजाज ढेबर, महापौर रायपुर

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