छत्तीसगढ़

हिंदूत्व ही एक मात्र खुशहाल जीवन जीने का है मार्ग : पं.हिमांशु कृष्ण भारद्वाज

Shantanu Roy
22 Jan 2023 1:34 PM GMT
हिंदूत्व ही एक मात्र खुशहाल जीवन जीने का है मार्ग : पं.हिमांशु कृष्ण भारद्वाज
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बसना। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पांचवें दिन भक्ति के रंग में बसना शहर पूरी तरह सराबोर रहा। कथाव्यास पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज के मुखारविंद से नंदोत्सव, बाल लीला, माखन चोरी, गोवर्धन लीला का प्रसंग सुन उत्साह से लबरेज श्रद्धालुओं ने हे नाथ नारायणा वासुदेव... एवं नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की... की गूंज के साथ झूमते नजर आए। कथाव्यास पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज एवं मुख्य यजमान डॉ. सम्पत सरोज अग्रवाल, उप यजमान सुमित सोनिया अग्रवाल, किशन सृष्टि अग्रवाल सहित सभी उप यजमान उपस्थित श्रद्धालुओं ने श्रीमद् भागवत महापुराण की मंगल आरती कर भागवत कथा का शुभारंभ किया। इस दौरान पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि हमारा धर्म, हमारी संस्कृति सबसे प्राचीन है। हमारे साधु संत भूत और भविष्य बताने के साथ साथ भूत और भविष्य बदल सकते हैं। हमारा धर्म एवं वेद बहुत श्रेष्ठ है, हमारे वेदों के मंत्रों में वो शक्ति है जो आकाश में बैठे देवी-देवताओं को धरती में लाने का सामर्थ रखता है, हमारे संतों के साधना से सीधे देवी-देवताओं से संवाद करने की क्षमता है।
जब हम मंत्र जाप करते हैं तो उसका अच्छा प्रभाव हमारे जीवन पर होता है। बागेश्वर धाम के पंडित महाराज के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे साधु संत और विद्वान हिन्दूत्व को पूरे विश्व में फैलाने एवं प्रत्येक मानव को जीवन की वास्तविकता से ज्ञान कराता है। हमारे हिंदूत्व में ही एक मात्र खुशहाल जीवन जीने का मार्ग है, जो व्यक्ति हिन्दू समाज की रक्षा करने, पूरे विश्व में हिन्दू धर्म का जयकारा करना चाहता है तो उसका समर्थन करना होगा। हमारे साधु संत और विद्वान खुली किताब की तरह होते हैं, आप सब अपने वैभव को समझो, आज कोई भी अत्याचारी में सनातन धर्म, सनातन संस्कृति को हानि पहुंचाने की क्षमता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जब हम सुबह सोकर उठते थे, सबसे पहले धरती मां को प्रणाम करते थे और आज भी हम सबमें यह संस्कार होना चाहिए, क्योंकि यह हमारे संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सब संस्कार हमें घर में ही मिलता है, इसलिए अपने बच्चों को सनातन संस्कृति की संस्कार जरूर देना, अपने से बड़ों को सम्मान देना सिखाए, गरीबी अमीरी देखें बिना सभी का सम्मान करना सिखाएं, धन के अहंकार में मत आइएगा, आप जो कमा रहे हैं वो सब दूसरे के लिए है, क्योंकि उसका उपयोग दूसरे ही करते हैं।
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